Monday, November 25, 2024
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गणतंत्र दिवस 73वीं वर्षगांठ : राजपथ पर दिखी ‘सशक्त भारत’ की झांकी, 75 विमानों की गर्जना से गूंजा हिंदूस्तान

नई दिल्ली, देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में 16 मार्चिंग दल, 17 सैन्य बैंड और विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, विभागों और सशस्त्र बलों की 25 झांकियां शामिल हुए। भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया। इस वर्ष का गणतंत्र दिवस कार्यक्रम स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाने के लिए केंद्र के आजादी का अमृत महोत्सव का हिस्सा है। देश में सबसे बड़ा फ्लाईपास्ट था, जिसमें 75 विमान और हेलीकॉप्टर शामिल हुए। कोविड की चिंताओं के कारण, दिल्ली पुलिस ने 15 साल से कम उम्र के बच्चों और जिन लोगों को दोनों खुराक का टीका नहीं लगाया है, वे इस साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने से रोक दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी पहली बार गणतंत्र परेड में शामिल हुई। यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना उड़ान को प्रदर्शित करता है। आज, 403 UDAN मार्ग 65 अछूते/अप्रयुक्त हवाई अड्डों को जोड़ते हैं, जिनमें हेलीकॉप्टर और पानी के हवाई अड्डे शामिल हैं और 80 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सीमा भवानी मोटरसाइकिल टीम ने गणतंत्र दिवस परेड में अपना करतब दिखाया। भारतीय वायु सेना की झांकी ‘भविष्य के लिए भारतीय वायु सेना के परिवर्तन’ विषय को प्रदर्शित करती है। इसमें मिग-21, Gnat, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH), अश्लेषा रडार और राफेल विमान के स्केल-डाउन मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। राफेल लड़ाकू विमान में पहली महिला फाइटर पायलट, फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह आज भारतीय वायु सेना (IAF) की झांकी में शामिल हुई। गणतंत्र दिवस परेड के ग्रैंड फिनाले में भारतीय वायु सेना के 75 विमानों के साथ सबसे बड़ा फ्लाई पास्ट हुआ।Republic Day 2022: राजपथ पर इस साल राज्यों की झांकियों में क्या होगा खास, UP और  J-K पर रहेगी नजर

यूपी की झांकी में घाटों को दिखाया गया काशी विश्वनाथ धाम

हाल ही में उद्घाटन किए गए काशी विश्वनाथ धाम के साथ आध्यात्मिक शहर वाराणसी राजपथ पर 73वें गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी का केंद्रबिंदु है। मेगा प्रोजेक्ट का पहला चरण, पिछले साल 13 दिसंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों को समर्पित किया गया था, और इस पवित्र शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने की उम्मीद है जिसे दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक कहा जाता है। इसके केंद्र में उत्तर प्रदेश फ्लोट प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के एक मॉडल को दर्शाता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी संरचना 1780 के आसपास होल्कर रानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनाई गई थी। जैसे ही औपचारिक परेड के दौरान राजपथ पर झांकी लुढ़कती है, साथ में गीत बजाया जाता है इसने नए गलियारे की भी प्रशंसा की और कैसे इसने भक्तों के लिए गंगा नदी के साथ मंदिर का सीधा संपर्क प्रदान किया।Republic Day parade: यूपी की झांकी में दिखा काशी विश्वनाथ धाम का गौरवशाली  इतिहास, साथ खास स्कीम के हुए दर्शन - डाइनामाइट न्यूज़
गणतंत्र दिवस परेड में ‘खेल में नंबर वन’ थीम के साथ हरियाणा की झांकी ने हिस्सा लिया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत द्वारा जीते गए सात पदकों में से हरियाणा ने चार पदक जीते। इसी तरह पैरालिंपिक 2020 में देश ने जीते 19 मेडल में से हरियाणा के खिलाड़ियों ने 6 मेडल हासिल किए।

भारतीय सेना ने बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड में सेंचुरियन टैंक, पीटी-76 टैंक, 75/24 पैक हॉवित्जर और ओटी-62 टोपाज़ बख्तरबंद कर्मियों के वाहक का प्रदर्शन किया, जिन्होंने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। भारत ने 2021 में स्वर्णिम विजय वर्ष (स्वर्ण विजय वर्ष) मनाया 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में जिसके कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ। बुधवार को सेना की मशीनीकृत टुकड़ियों ने एक पीटी-76 टैंक, एक सेंचुरियन टैंक, दो एमबीटी अर्जुन एमके-आई टैंक, एक ओटी-62 टोपाज़ बख़्तरबंद कार्मिक वाहक, एक बीएमपी-आई पैदल सेना से लड़ने वाले वाहन और दो बीएमपी-द्वितीय पैदल सेना को दिखाया। लड़ने वाले वाहन।

पैराशूट रेजिमेंट ने प्रतिष्ठित आर-डे परेड में भारतीय सेना की नई लड़ाकू वर्दी पहनी

पैराशूट रेजिमेंट ने भारतीय सेना की नई लड़ाकू वर्दी पहनी थी और इस साल प्रतिष्ठित गणतंत्र दिवस परेड में टवोर असॉल्ट राइफलों को ले जाया गया था।

झांकी में मुक्ति संग्राम की झलकgoa: Glimpses of liberation struggle in Goa's R-Day tableau - The Economic  Times

कुनबी समुदाय के नर्तक, गोवा के मूल निवासी, और मुक्ति संग्राम की झलक बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राजपथ पर लुढ़कने वाले तटीय राज्य की झांकी का मुख्य आकर्षण थे। झांकी के सामने के हिस्से में राजसी किला अगुआड़ा अरब सागर की ओर दिखाई देता है, और इसे गोवा की विरासत का परिभाषित प्रतीक माना जाता है। संभावित डच आक्रमणों से बचाव के लिए 1612 में पुर्तगालियों द्वारा किले का निर्माण किया गया था। गोवा मुक्ति संग्राम के दौरान, किले ने एक जेल के रूप में कार्य किया जहां स्वतंत्रता सेनानियों को लंबी सजा के लिए लिस्बन में निर्वासित करने से पहले कैद किया गया था। सुशांत खेडेकर द्वारा डिजाइन की गई झांकी, पणजी के आजाद मैदान में शहीद स्मारक को भी प्रदर्शित करती है, जो गोवा की मुक्ति के लिए सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए निस्वार्थ बलिदान का प्रतीक है।

 

राष्ट्रपति कोविंद का देश के नाम संबोधन, कहा – रफ्तार पकड़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली,  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को कहा कि केंद्र, राज्य सरकारों के प्रयास तथा नीतिगत उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के झटके से उबरते हुए गति पकड़ चुकी है और चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर प्रभावशाली रहेगी वहीं केंद्र सरकार सभी क्षेत्रों में निरंतर सुधार लाने और आवश्यकता-अनुसार सहायता प्रदान करने हेतु सक्रिय है। कोविंद ने 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर टेलीविजन और रेडियो पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने लोगों से कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए पूरी सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि अभी यह संकट गया नहीं है।महामारी के बाद रफ्तार पकड़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था : कोविंद - Live  Aaryaavart उन्होंने कोविड-19 का टीका विकसित करने से लेकर इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने में भारत के प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा , अभूतपूर्व महामारी के संकट की इस घड़ी में हमने यह देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं। कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करके, यहां तक कि मरीजों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर भी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने मानवता की सेवा की है। बहुत से लोगों ने देश में गतिविधियों को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए यह सुनिश्चित किया है कि अनिवार्य सुविधाएं उपलब्ध रहें तथा सप्लाई-चेन में रुकावट न पैदा हो। केंद्र और राज्य स्तर पर जन-सेवकों, नीति-निर्माताओं, प्रशासकों और अन्य लोगों ने समयानुसार कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के बल पर हमारी अर्थ-व्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत की दृढ़ता का यह प्रमाण है कि पिछले साल आर्थिक विकास में आई कमी के बाद इस वित्त वर्ष में अर्थ-व्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढऩे का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का यह यह प्रदर्शन आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता को भी दर्शाता है। इस प्रभावशाली आर्थिक प्रदर्शन के पीछे कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों में हो रहे बदलावों का प्रमुख योगदान है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि हमारे किसान, विशेषकर छोटी जोत वाले युवा किसान प्राकृतिक खेती को उत्साह-पूर्वक अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानवता का कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष अभी भी जारी है। इस महामारी में हजारों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर आघात हुआ है। नित नए रूपों में यह वायरस नए संकट प्रस्तुत करता रहा है। यह स्थिति, मानव जाति के लिए एक असाधारण चुनौती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या घनत्व ऊंचा रहने से महामारी का सामना करना भारत में अपेक्षाकृत अधिक कठिन होना ही था। लेकिन ऐसे कठिन समय में ही किसी राष्ट्र की संघर्ष करने की क्षमता निखरती है। उन्होंने कहा , मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना-वायरस के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य-क्षमता का प्रदर्शन किया है। हमने स्वदेशी टीके विकसित कर लिए और विश्व इतिहास में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया। यह अभियान तेज गति से आगे बढ़ रहा है। हमने अनेक देशों को वैक्सीन तथा चिकित्सा संबंधी अन्य सुविधाएं प्रदान कराई हैं। भारत के इस योगदान की वैश्विक संगठनों ने सराहना की है। कोविंद ने कहा कि 21वीं सदी को जलवायु परिवर्तन के युग के रूप में देखा जा रहा है और भारत ने अक्षय ऊर्जा के लिए अपने साहसिक और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ विश्व-मंच पर नेतृत्व की स्थिति बनाई है। उन्होंने पिछले साल जून में कानपुर देहात जिले में अपने गांव के अनुभवों को साझा करते हुए परिश्रम और प्रतिभा से जीवन की दौड़ में आगे निकलने में सफल लोगों से अपने जन्म-स्थान और देश के विकास में योगदान करने का आह्वान भी किया। सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे नए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, यह वर्ष सशस्त्र बलों में महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण रहा है।

सीडीएस बिपिन रावत और कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण 

नई दिल्ली,गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने अलग-अलग क्षेत्रों में शानदार काम करने वाले 71 लोगों को अलग अलग अवार्ड से सम्मानित किया है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत, गुलाम नबी आजाद, कल्याण सिंह और प्रभा अत्रे को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
बिपिन रावत की हैलीकाप्टर क्रैश हादस में मौत हो गई थी जबकि यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का निधन हो चुका है। गायक सोनू निगम को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। नीरज चोपड़ा ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले ट्रैक और फील्ड एथलीट हैं। आज पुरस्कारों में 12 शौर्य चक्र, 29 परम विशिष्ट सेवा पदक, चार उत्तम युद्ध सेवा पदक, 53 अति विशिष्ट सेवा पदक, तीन विशिष्ट सेवा पदक और 13 युद्ध सेवा पदक, शामिल हैं।पद्म पुरस्कारों की घोषणा: 128 जनों को किया जाएगा सम्मानित, सीडीएस बिपिन रावत,  कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण - Pratahkal
इसके अलावा राष्ट्रपति 122 विशिष्ट सेवा पदक, तीन बार सेना पदक (वीरता), 81 सेना पदक (वीरता), दो वायु सेना पदक (वीरता), 40 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), आठ नौ सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण) और 14 वायु सेना पदक विजेताओं को भी सम्मानित किए गए। इसी प्रकार गणतन्त्र दिवस, 2022 के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कुल 29 अधिकारियों व कार्मिकों को राष्ट्रपति पुलिस पदक तथा पुलिस पदक प्रदान किए गए हैं। सीबीआई की एक एक विज्ञप्ति के अनुसार छह अधिकारियों/कार्मिकों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 23 अन्य अधिकारियों/कार्मिकों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए गए हैं।

 

उत्तराखंड में धूमधाम से मना 73वां गणतंत्र दिवस, राज्यपाल ने किया ध्वजारोहण,175 कैदी भी हुये रिहा

देहरादून, देश आज अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, उत्तराखंड में राजधानी देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह आयोजित किया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने परेड की सलामी ली। समारोह में सेना, आईटीबीपी, पुलिस, पीएसी, होमगार्ड और पीआरडी के जवानों ने मार्च पास्ट किया।

Republic Day 2022: 73rd Republic Day Celebrated Uttarakhand, Governor Did  The Flag Hoisting - Republic Day 2022: उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा  73वां गणतंत्र दिवस, राज्यपाल ने किया ...

गणतंत्र दिवस पर 175 कैदी हुये रिहा :

गणतंत्र दिवस पर प्रदेश सरकार ने 175 कैदियों को रिहा कर दिया है। राजभवन की ओर से इसकी अनुमति मिल चुकी है। इसमें सबसे अधिक जिला कारागार हरिद्वार से 63 कैदी रिहा हुए हैं। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) ने गणतंत्र दिवस पर राज्य के विभिन्न कारागारों में लंबी अवधि से सजाएं काट रहे कैदियों के समयपूर्व रिहाई के प्रस्ताव को अनुमति दी।

 

राज्य गठन के बाद से यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में कैदियों को रिहा किया गया। जिन कैदियों को रिहा किया गया, उनमें एक पिछले 47 वर्षों से अधिक समय से सजा काट रहा था। सात अन्य कैदी 40 वर्षों से अधिक अवधि से विभिन्न कारागारों में सजा काट रहे थे। इनमें से 26 कैदी लगभग 30 वर्षों से अधिक अवधि से सजा काट रहे थे।श्

नौ महिला कैदियों को भी समय पूर्व मुक्त किए जाने की अनुमति दी गई। सम्पूर्णानन्द शिविर, सितारगंज से 27 कैदियों, केन्द्रीय कारागर ऊधमसिंहनगर से 52, जिला कारागार हरिद्वार से 63, जिला कारागार पौड़ी से एक, जिला कारागार चमोली से एक, केन्द्रीय कारागार बरेली उत्तर प्रदेश से 02, केन्द्रीय कारागार वाराणसी उत्तर प्रदेश से 01, केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ उत्तर प्रदेश से एक कैदी एवं 23 अन्य कैदियों को रिहा किया गया। कैदियों को राज्यपाल ने दया एवं उनके अच्छे आचरण के आधार पर समय पूर्व मुक्त किए जाने की अनुमति दी गई।
हरिद्वार पुलिस लाइन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा रोहण करते हुए राष्ट्र ध्वज को सलामी दी गई और संविधान की शपथ ली गई। साथ ही जनपद के सभी थाना व शाखाओं में कोविड के नियमों का पालन करते हुए हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। हल्द्वानी में गणतंत्र दिवस के अवसर पर नैनीताल रोड स्थित शहीद पार्क में 155 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया जाना था जो कि नहीं फहराया गया। वहीं ज्योलीकोट एसएसबी ट्रेनिंग सेंटर में ध्वजारोहण किया गया।

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