मुंबई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से आज लगातार छठवीं बार रेपो रेट में बढोतरी की है। आरबीआई ने 25 बीपीएस की बढ़ोतरी तत्काल प्रभाव बढ़ा दिया है। अब यह 6.50% हो गया है। रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी से सस्ते कर्ज की उम्मीद टूट गई है। मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले करीब तीन साल में विभिन्न चुनौतियों के कारण दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के लिए मौद्रिक नीति के स्तर पर चुनौती रही है। इससे पहले 7 दिसंबर को आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया था। रेपो रेट बढ़ने का सीधा असर बैंकों की तरफ से ग्राहकों को दिये जाने वाले लोन की ब्याज दर पर पड़ेगा। इससे ग्राहकों को पहले से ज्यादा ईएमआई देनी होगी। आरबीआई की तरफ से यह कदम बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए उठाया गया है।
रेपो रेट बढ़ने का असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI पर पड़ेगा। वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। रेपो रेट बढ़ने से कॉस्ट ऑफ बोरोइंग यानी उधारी की लागत बढ़ जाएगा। बैंकों से पैसा महंगा मिलेगा तो लोन की ब्याज दर में भी बढ़ोतरी होगी। बैंक इसका असर ग्राहकों पर डालेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, रिजर्व बैंक ने मई 2022 से लेकर अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा किया है। इस दौरान कुल मिलाकर 2.50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। एमपीसी की सिफारिश के आधार पर पहली बार आरबीआई ने 4 मई को रेपो रेट में 0.4 प्रतिशत, 8 जून को 0.5 प्रतिशत, 5 अगस्त को 0.5 प्रतिशत, 30 सितंबर को 0।5 प्रतिशत और 7 दिसंबर को 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।
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