देहरादून, राज्य में कोरोना वायरस के पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में भी कोरोना की जांच होगी। इसके लिए शासन ने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। जबकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हो रही है।
इस वर्ष उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में खासी वृद्धि दर्ज की गई है। खासकर पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। जिसमें कहा गया है कि शहर के साथ ही अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के मामले बहुतायत में आ रहे हैं।
ऐसे में यह जरूरी है कि कोरोना जांच की सुविधा हर क्षेत्र में पहुंचाई जाए। इसके लिए उन्होंने समस्त मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने जनपद के सभी सीएचसी और पीएचसी में रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था बनाएं, इस समय राज्य में फिलवक्त 578 पीएचसी और 79 सीएचसी हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के अलावा महामारी के इस दौर में सुरक्षित प्रसव भी एक चुनौती है। इसके लिए विशेषज्ञों ने निचले स्तर पर कोरोना जांच की पैरवी की है। जिससे गर्भवती के रेफरल अस्पताल पहुंचने पर उसके कोविड अथवा नॉन-कोविड होने की जानकारी रहे और उसके भर्ती होने व उपचार शुरू करने में कम वक्त लगे।
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