-प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 335 आवासों का किया लोकार्पण
-इसी योजना के तहत 1061 लाभार्थियों को पहली किस्त की धनराशि भी की प्रदान
-गरीबों के कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिये प्रतिबद्ध है राज्य सरकार
काशीपुर, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को काशीपुर में 28.63 करोड़ की 24 विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलांयास किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के लाभार्थी आधारित नवनिर्मित 335 आवासों का लोकार्पण कर प्रतिकात्मक रूप से पांच लाभार्थियों को आवास की चाबी प्रदान की। मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत 1061 लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रूप में दी जाने वाली धनराशि के तहत पांच लोगों को प्रथम किश्त की धनराशि तथा आवास आवंटन पत्र सौंपे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत पांच लोगों को 50-50 हजार की धनराशि के चेक भी प्रदान किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गिरीताल का सौंदर्यकरण किये जाने तथा गिरीताल का प्रबन्धन नियमित रूप से कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम को सौंपने पर विचार किया जाएगा। नगर निगम काशीपुर के अन्तर्गत ढेला नदी से चलतीकरण, मानपुर की सैनिक फार्म कॉलोनी, सिल्वर सिटी की आबादी को बचाने के लिए बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किये जाने, काशीपुर नगर निगम के पश्चिमी भाग स्थिति आवासी जीर्ण क्षीण आवासीय भवन को ध्वस्त करके सॉपिंग कॉम्पलेक्स, पार्किंग रेस्टोरेंट एवं आवास का निर्माण किये जाने, नगर निगम स्थित डेस्क ऑफिस तथा दुकानों की छत पर हॉल का निर्माण किये जाने, टांडा तिराहा एवं चौती चौराहे के पास 8 सीटर एस्पीरेशनल टॉयलेट कॉम्पेक्स का निर्माण किये जाने की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नगर निगम काशीपुर की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टालों पर प्रदर्शित उत्पादों का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एंव शिलान्यास किया गया है, इनसे इस क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड बनाने के लिए अपने ‘विकल्प रहित संकल्प’ को पूर्ण करने हेतु अग्रसर हैं और ये परियोजनाएं उस संकल्प को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम इसलिए भी विशेष है, क्योंकि एक ओर जहां आज प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 335 आवासों का लोकार्पण किया गया है, वहीं दूसरी ओर 1061 लाभार्थियों को पहली किश्त भी जारी की गई है। उन्होंन स्वयं के घर की मालकिन बनी महिलाओं को स्वयं का घर सौंपने को पुण्य का कार्य बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एक गरीब को घर मिलता है, तो उसके जीवन में स्थिरता आती है और वो एक नई उम्मीद के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ता है। इसीलिए गरीबों को अपना पक्का घर देने का हमारा ये अभियान सिर्फ एक सरकारी योजना मात्र नहीं है, ये प्रदेश के एक-एक वंचित को इस बात का विश्वास देने की प्रतिबद्धता है कि सरकार उनके सशक्तिकरण के लिए दृढ़ संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सरकार हर गरीब तक पहुंचने का काम कर रही है। विकास कार्यों और लाभार्थियों की सहायता करते समय हमारी सरकार न किसी गरीब की जाति देखती है और न ही किसी गरीब का धर्म। हमारी सरकार गरीबों को समर्पित है, इसलिए गरीब की आवश्यकताओं को भली भांति समझती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश में पिछले 9 वर्षों में करीब 4 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीब परिवारों को मिल चुके हैं, इनमें से करीब 70 प्रतिशत घर महिलाओं के नाम पर हैं। 2014 से पहले देश में शहरी आवास योजनाओं के तहत सिर्फ 13 लाख मकान ही मंजूर किए थे और इसमें से भी केवल 8 लाख मकान ही बनाए थे। यह इस बात का सबूत है कि जब कोई सरकार ‘अंत्योदय’ को अपना ध्येय मानकर कार्य करती है तो परिणाम कितने अलग होते हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेवा और सुशासन के आधार पर देश में विकास की एक नई परिभाषा लिखने का कार्य किया है। देश में जिस स्तर पर शोषितों और वंचितों का आज सशक्तिकरण हो रहा है वैसा आज से पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा पाकर और उनके ही मार्गदर्शन में, उत्तराखंड में भी विकास के एक नए युग का सूत्रपात हो चुका है। आज प्रदेश के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अनेकों कार्य किये जा रहे हैं। प्रदेश में हर स्तर पर कनेक्टिविटी को सुधारा जा रहा है, उद्योगों के विकास पर बल दिया जा रहा है और भविष्य की आवश्यकताओं को केंद्र में रख कर नीतियां बनाई जा रही हैं। हमारे शहर अब तेजी से आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन रहे हैं और इसी के दृष्टिगत हम निरंतर अपने शहरों को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 21वीं शदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया हैं और हमें अब अपनी पूरी क्षमता लगा कर उनके इस कथन को सत्य सिद्ध कर के दिखलाना है। हमें ‘चरैवेति चरैवेति’ के मूल मंत्र को अपना कर, विकास को गति देते हुए सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को सिद्ध करना ही है। भारत के इस अमृतकाल में हमारे इस संकल्प को आप सभी के एकनिष्ठ प्रयासों के बिना सिद्ध नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति में सभी से सहयोग की अपेक्षा की। हम सब जुटें, सब जुड़ें और सब मिल कर आगे बढ़ें, तभी हम उत्तराखण्ड को देश का विकसित एवं अग्रणी राज्य बनाने में सफल होंगे।
इस अवसर पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर ऊषा चौधरी, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग मुकेश कुमार, जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, नगर आयुक्त विवेक राय सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
रोजगार मेले में एम्स ऋषिकेश के विभिन्न पदों के 288 अभ्यर्थियों को सौेंपे गए नियुक्ति पत्र
देहरादून, केंद्र सरकार की ओर से शनिवार को देहरादून में आयोजित रोजगार मेले में एम्स ऋषिकेश के विभिन्न पदों हेतु 288 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौेंपे गए। इनमें 286 पद रेजिडेंट डाॅक्टर्स के जबकि 2 पद मेडिकल रिकॉर्ड ऑफिसर के शामिल हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की ओर से युवाओं को स्थाई रोजगार देने के उद्देश्य से देशभर में शनिवार को सातवें रोजगार मेले का आयोजन किया गया। सरकार द्वारा इससे पहले बीते माह 13 जून को छठे रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। दून स्थित सर्वे ऑफ इंडिया के सभागार में इस रोजगार मेले का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एम्स संस्थान की सेवाओं हेतु मौके पर दो चयनित अभ्यर्थिंयों को नियुक्ति पत्र सौंपे। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में स्थायी नौकरी पाने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार देश के बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ कार्य कर रही है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वीडियो काॅंफ्रेंसिंग के माध्यम से रोजगार मेले का शुभारंभ किया और मेले में शामिल होने वाले देशभर के युवाओं को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान टिहरी लोकसभा सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत, वित्त एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा आदि मौजूद रहे।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की ओर से रोजगार मेले की शुरुआत बीते साल अक्टूबर 2022 में की गई थी। रोजगार मेले के माध्यम से अब तक पांच लाख से अधिक लोगों को स्थाई रोजगार दिया जा चुका है। इनमें देशभर में सवा चार लाख से अधिक लोगों को पूर्व में और इस माह 70 हजार 126 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
कार्यक्रम का आयोजन सीजीएसटी डिपार्टमेंट द्वारा किया गया। इस अवसर पर सीजीएसटी कमिश्नर नीलेश गुप्ता, एम्स के रजिस्ट्रार राजीव चौधरी आदि अधिकारी मौजूद रहे।
एम्स पहुंचे केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, चमोली हादसे में घायल लोगों का जाना हाल-चाल
ॠषिकेश, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शनिवार को एम्स पहुंचकर चमोली हादसे में घायल लोगों का हाल-चाल जाना। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में भर्ती घायलों से बातचीत कर उनके परिजनों को ढांढस बंधाया और भरोसा दिलाया कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी नहीं की जाएगी।
अपराह्न समय गढ़वाल सांसद तथा पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व केबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत और थराली विधायक भोपाल राम टम्टा ने भी एम्स पहुंचकर घायलों का हाल जाना।
केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट शनिवार की सुबह लगभग 9 बजे एम्स पहुंचे। उन्होंने अस्पताल के ट्राॅमा वार्ड में भर्ती चमोली हादसे के घायलों से मुलाकात की। साथ ही अस्पताल प्रशासन सहित उपचार कर रही चिकित्सकों की टीम से घायलों के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल की। सबसे पहले उन्होेंने इलैक्ट्रिक बर्न की वजह से बुरी तरह झुलसे घायल संदीप का हाल जाना और बताया कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित पूरा देश इस घटना से आहत है और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना कर रहा है। उन्होंने घायल संदीप और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया और सरकार की ओर से हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया। इसके बाद रक्षा राज्यमंत्री दूसरे घायल सुशील को देखने गए। उन्होंने चिकित्सकों की टीम से घायलों को दिए जा रहे इलाज संबंधी जानकारियां भी हासिल की।
इस दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने उन्हें बताया कि ट्राॅमा तथा बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम घायलों के स्वास्थ्य की गहन निगरानी में जुटी है। चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि घायलों के इलाज में कोई कमी न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बताया कि दोनों घायलों की जल्दी रिकवरी के लिए मेडिकली स्तर पर पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि करंट फैलने से चमोली में हुए दर्दनाक हादसे के 11 घायलों को उपचार हेतु एम्स में भर्ती किया गया था। जिनमें से आवश्यक उपचार के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हो जाने पर 9 घायलों को एम्स से बीते रोज डिस्चार्ज कर दिया गया था। जबकि गंभीर रूप से घायल संदीप पुत्र सुलोचन राम और सुशील पुत्र सुदामा का अभी एम्स के ट्राॅमा वार्ड में उपचार चल रहा है। ट्राॅमा सर्जन डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि संदीप अब वेंटिलेटर से बाहर हैं और वह पहले से थोड़ा ठीक हैं। जबकि सुशील की किडनी में दिक्कत अभी भी बनी हुई है। डाॅ. मधुर उनियाल ने बताया कि नेफ्रोलाॅजी के चिकित्सकों के परामर्श के आधार पर सुशील का इलाज किया जा रहा है।
इस दौरान संस्थान के उप निदेशक प्रशासन कर्नल राकेश कुमार, ट्राॅमा विभाग के हेड प्रोफेसर कमर आजम, डाॅ. विशाल मागो, डाॅ.नीरज कुमार, अस्पताल प्रशासन से डॉक्टर नरेन्द्र कुमार, ऋषिकेश मेयर अनिता ममगांईं, भाजपा जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा, दिनेश सती, संजय शास्त्री, विशाल गुप्ता सहित कई अन्य मौजूद रहे।
फ़िल्म समीक्षक लेखक मनमोहन चड्ढा की ‘नॉन फिक्शन’ पुस्तक हिंदी सिनेमा का इतिहास पर हुई चर्चा
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित फ़िल्म समीक्षक लेखक मनमोहन चड्ढा की नॉन फिक्शन पुस्तक हिंदी सिनेमा का इतिहास पर बातचीत हुई। मनमोहन चड्ढा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की जूरी के सदस्य भी रहे हैं । सिनेमा से संवाद समय साक्ष्य प्रकाशन से वर्ष 2021 में प्रकाशित हुई है यह पुस्तक समीक्षात्मक निबंधों का बेजोड़ संग्रह है। इस संग्रह में विश्व सिनेमा के इतिहास, विश्व सिनेमा के समानांतर विकास और विकास और निर्माण प्रक्रिया की समालोचना का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रस्तुत है सिनेमा से संवाद को सिनेमा का एनसाइक्लोपीडिया कहा जा सकता है।
इस पुस्तक में भारतीय सिनेमा के उद्भव विकास एवं प्रगति की समीक्षात्मक व्याख्या की गई है तथा बंगाली फिल्मकारो एवं उपन्यासकारों के योगदान को भी विश्व सिनेमा के समानांतर रखकर उसका आलोचनात्मक विश्लेषण किया गया है। विशेष रूप से पाथेर पांचाली उपन्यास और फिल्म पर एक पूरा समीक्षात्मक निबंध है। विश्व सिनेमा के फिल्म निर्देशक तथा निर्माताओं पर लेखक ने तुलनात्मक शोध प्रस्तुत किया है विश्व फिल्म जगत के महान निर्देशक जापानी फिल्म कार यासुजीरो ओजू, फ्रांस के फिल्म समीक्षक आंद्रे बाजा तथा फिल्म निर्देशक फ्रासवा ट्रूफो पर लेख लिखे हैं। इसमें अनाम कोशिकर के रूप में उन लोगों का भी जिक्र किया गया है जिनको फिल्म जगत में कभी याद नहीं किया गया है लेकिन उनका फिल्मों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है इसी प्रकार से पुस्तक में क्षेत्रीय भाषाओं के सिनेमा पर भी विश्लेषणात्मक शोध प्रस्तुत किया गया है। कुल मिलाकर यह पुस्तक सिनेमा के शोधार्थियों एवं पाठकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो बहुत ही रोचक शैली में लिखी गई है।
पुस्तक पर चर्चा करने के लिए साहित्यकार प्रोफेसर राजेश पाल, कथाकार अरुण असफल तथा संपादक एवं लेखक सुरेश उनियाल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन समदर्शी बड़थ्वाल ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के चन्द्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया और निकोलस हॉफलैंड ने कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त किया। साहित्कार मदन शर्मा ,डॉ अतुल शर्मा, राजेश सकलानी,सुंदर सिंह बिष्ट, प्रेम साहिल,आर के वर्मा,प्रवीण भट्ट,कांता डंगवाल, राजेन्द्र प्रसाद, डॉ.दिनेश प्रसाद ‘शास्त्री’ , डॉ.ओमप्रकाश जमलोकी तथा बिजू नेगी, इंद्रेश नौटियाल सहित अनेक फ़िल्मप्रेमी, रंगकर्मी, साहित्यकार,लेखक व पुस्तकालय के अनेक युवा पाठक उपस्थित रहे।
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