Tuesday, November 26, 2024
HomeNationalलगातार 9वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, यूपीआई पर भी...

लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, यूपीआई पर भी RBI ने लिया बड़ा फैसला

 आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गहन-विचार विमर्श और कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रकोप को देखते हुए नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया गया, यानी दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार है।
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए हर दो महीने में होने वाली तीन दिवसीय बैठक आज संपन्न हो गई। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में गहन-विचार विमर्श और कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रकोप को देखते हुए नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया गया, यानी दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

यूपीआई आधारित पेमेंट प्रोडक्ट लॉन्च करने पर विचार 
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद बताया कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत रेपो दर को 4% पर रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया और रुख उदार बना रहा। एमएसएफ दर और बैंक दर 4.25% पर अपरिवर्तित है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35% पर अपरिवर्तित रखा गया है। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने आगे की योजनाओं की जानकारी देते बताया कि रिजर्व बैंक फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई आधारित पेमेंट प्रोडक्ट लॉन्च करने पर विचार कर रहा है।

लगातार 9वीं बार दरें अपरिवर्तित
महंगाई की मार झेल रहे लोगों को आरबीआई की ओर से कोई राहत नहीं मिली है। इस बीच कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट की दस्तक से फैली दहशत के बीच लोगों को उम्मीद थी कि शायद ब्याज दरों में केंद्रीय बैंक की ओर से और कमी की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए बताया कि इस बार भी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने लगातार 9वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को ब्याज दरों में बदलाव किया था।

मई 2020 में एतिहासिक स्तर तक घटाई थीं दरें
विस्तार से समझें तो रेपो दर, जिस पर आरबीआई बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है, 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखी गई है। इसके अलावा, रिवर्स रेपो दर, जिस पर आरबीआई बैंकों से उधार लेता है, को 3.35 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया था। सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएपफआर) और बैंक दर को भी 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया है। बता दें कि केंद्रीय बैंक ने मई 2020 में कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों को एतिहासिक निम्न स्तर तक घटा दिया था। तब से आरबीआई ने यथास्थिति को बनाए रखा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक नजर
इस अवधि के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की बात करें तो अप्रैल-जून 2020 तिमाही के दौरान, जब आरबीआई ने पिछली बार नीतिगत दरों में बदलाव किया था, भारत की जीडीपी में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वहीं अप्रैल-जून 2021 तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था ने 20.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। हाल मे आए आंकड़ों को देखें तो जीडीपी ने जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 7.4 प्रतिशत थी।(साभार -अमर उजाला)

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments