Tuesday, November 26, 2024
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा- सरकार का बजट पूरी तरह झूठ की नींव पर खड़ा है और इसमें कदम-कदम पर जनता को गुमराह किया गया

देहरादून, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा आज जब सभी राष्ट्र और राज्य अपने पर बढते कर्जे से परेशान हैं तब उत्तराखंड की सरकार दिन प्रतिदिन राज्य को कर्जे में डुबा रही है। पिछले पांच सालों में सरकार ने लगभग 70 हजार करोड़ रुपया कर्जे के रूप में लिया है। इस कार्यकाल में भी सरकार ने राज्य को और कर्जे में डूबने वाला बजट पेश किया है।

उन्होंने कहा यह बजट दिशाहीन है और राज्य के जनसामान्य की उम्मीदों को कहीं से भी पूरा नहीं करता। रिवर्स पलायन हेतु सुनियोजित योजना इसमें नहीं है। महंगाई, बेरोजगारी दूर करने को भी कोई रोडमैप नहीं है। निराशाजनक बजट है, बेरोजगारों-नौजवानों को रोजगार न देने वाला बजट है, यह किसान-विरोधी बजट है, यह महिला-विरोधी और पक्षपातपूर्ण बजट है, पिछड़े- दलितों और अल्पसंख्यकों का विरोधी बजट है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा सरकार का बजट पूरी तरह झूठ की नींव पर खड़ा है और इसमें कदम-कदम पर जनता को गुमराह किया गया है एवं भ्रमित करने की पूरी कोशिश की गई है। प्रदेश में महंगाई को लेकर हाहाकार मचा है और सरकार से अपेक्षा थी कि ऐसा बजट आएगा कि जिंदगी को थोड़ा आसान बना देगा, लेकिन यह ऐसा बजट आया है कि जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।सरकार चाहती तो पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करके राज्य की जनता को मदद कर सकती थी पर ऐसा नही किया।

 

प्रदेश की धामी सरकार का बजट महज शब्दजाल : राजीव महर्षि

देहरादून, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा मंगलवार को विधानसभा में पेश किये गए बजट को महज शब्दजाल करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं का बजट में प्रावधान किया गया है वे सब या तो केन्द्र पोषित हैं या फिर बाह्य सहायतित हैं। धामी सरकार का इसमें सिर्फ गाल बजाने का योगदान है। रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, पलायन की रोकथाम जैसे मद्दों को केवल औपचारिक रूप से बजट में शामिल किया गया है।
महर्षि ने धामी सरकार के इस बजट को आम जनता के साथ छलावा करार देते हुए कहा कि इस बजट से लोगों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। इसमें आकडों की बाजीगरी के अलावा कुछ नहीं है। कॉग्रेस मीडिया प्रभारी ने कहा कि गैरसैंण के विकास के लिए बजट की व्यवस्था न कर सरकार का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है, जबकि यह सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी का राग अलापने में नहीं थकती। उन्होंने कहा कि 65571.49 करोड़ का बजट दिखने में बेशक लोकलुभावन है लेकिन वस्तुत इसमें न तो राहत की उम्मीद जगती है और न विकास की कोई दिशा ही है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह दावा सत्य से परे है कि
प्रदेश के विकास के लिए बजट में हर सेक्टर और वर्ग पर फोकस किया गया है।
काग्रेस मीडिया प्रभारी ने कहा कि प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों से पलायन पर प्रभावी प्रहार के लिए ठोस रणनीति बनाने की बात जरूर बजट में की गई है लेकिन पलायन रोकथाम योजना के लिए मात्र 25 करोड़ रखे गए हैं। इसी तरह सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए मात्र 44.78 करोड़ और मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना के लिए 20 करोड़ का प्रावधान है। जबकि सीमांत क्षेत्र हमारी द्वितीय रक्षा पन्क्ति है। इससे सरकार की गम्भीरता साफ झलकती है।

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