नई दिल्ली, मोदी कैबिनेट का विस्तार हो गया जिसमें कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। सबसे खास बात रही कि जिन मंत्रियों ने पद की शपथ ली है उनमें 7 महिला मंत्री हैं। साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार में महिला मंत्रियों की संख्या बढ़कर 11 हो गई। भाजपा की मीनाक्षी लेखी, शोभा कारंदलजे, दर्शना जरदोश, अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, भारती पवार और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने राज्य मंत्री के तौर पर शपथ ली।
मीनाक्षी लेखी: भारतीय जनता पार्टी का लोकप्रिय चेहरा और अच्छी वक्तामीनाक्षी लेखी अपने राजनीतिक विरोधियों का मुकाबला करते हुए लंबे वक्त से पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की वकालत करती रहीं हैं। पेशे से वकील हैं और लगातार दो बार नई दिल्ली से लोकसभा पहुंचीं। सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की प्रैक्टिस करती हैं। वह महिलाओं और पर्यावरण से लेकर कानून तथा विकास से जड़े कई मुद्दों पर संघर्ष के अग्रिम मोर्चे पर रही हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक करने वाली लेखी ने एक वकील के तौर पर सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उनकी अवमानना याचिका के कारण ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘‘चौकीदार चोर है’’ टिप्पणी के लिए 2019 में उच्चतम न्यायालय में माफी मांगनी पड़ गयी थी। उन्हें 2010 में भाजपा की महिला मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया गया। सांसद के तौर पर लेखी महिला आरक्षण विधेयक और कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) विधेयक समेत महत्वपूर्ण विधेयकों का मसौदा तैयार करने वाली समितियों का हिस्सा रहीं। उन्होंने विदेश मामलों पर स्थायी समिति समेत अलग-अलग संसदीय समितियों में भी काम किया। वह सार्वजनिक उपक्रम पर समिति और निजी डेटा सुरक्षा विधेयक, 2019 पर संयुक्त समिति की अध्यक्ष भी रहीं। राजनीति के साथ ही लेखी की सामाजिक कार्यों, साहित्य और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी दिलचस्पी रही है।
अनुप्रिया पटेल: भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। यूपी के मिर्जापुर से सांसद हैं। मोदी सरकार-1 में भी मंत्री रह चुकी हैं। करीब दो साल के अंतराल के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में वापस आ गई हैं और उन्हें राज्य मंत्री के रूप में जगह मिली है। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)की समस्याओं को हल करने के लिए एक अलग मंत्रालय बनाए जाने की मांग उठाती रही हैं। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2024में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी की टीम में उनका शामिल होना महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में ओबीसी समुदाय के मतदाताओं की बड़ी संख्या है। 2019में राजग के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद से सत्ता से दूर रहने के बाद कुछ दिन पहले अनुप्रिया की दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आला नेताओं से मुलाकात के पश्चात केंद्रीय मंत्रिपरिषद में उन्हें फिर से शामिल किए जाने की चर्चा बहुत तेजी से फैली थी। अनुप्रिया 2016से 2019तक केंद्र में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री थीं।
अन्नपूर्णा देवी: झारखंड और बिहार में चार बार विधायक रही हैं। बिहार सरकार में भी मंत्री रही हैंं। झारखंड के कोडरमा से सांसद हैं। झारखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें पहले झारखंड प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया। उसके बाद उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और हरियाणा का सह प्रभारी भी बनाया गया। एक समय लालू प्रसाद यादव के काफी करीब रही अन्नपूर्णा देवी को केंद्र में यादव कोटे से मंत्री बनाया गया है।
शोभा करंदलाजे: उड़ीसा के उड्डपी से बीजेपी सांसद हैं। । 2004 में यशवंतपुर से विधायक रही हैं। येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। शोभा ने उस समय प्रकाश में आईं, जब बीएसवाई ने उन्हें कर्नाटक राज्य में पहली भाजपा सरकार में मंत्री बना दिया। वह आरएसएस से हमेशा के लिए जुड़ गईं और शादी नहीं करने का फैसला किया। . 2012 में फिर से उथल-पुथल हुई और बीजेपी से इस्तीफा देकर वह कर्नाटक जनता पार्टी से जुड़ गईं. वह कर्नाटक जनता पार्टी की कार्यवाह प्रेसिडेंट बना दी गईं. इसके बाद 2013 में वह फिर से चुनाव लड़ीं और विधायक बनीं. 2014 में कर्नाटक जनता पार्टी भारतीय जनता पार्टी में विलय हो गया।
भारती प्रवीण पवार: पेशे से डॉक्टर हैं। जिला परिषद की सदस्य रही हैं। डिंडोरी से लोकसभा सांसद हैं। एसटी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। वे नाशिक जिला परिषद में कुपोषण और पेयजल की समस्या पर प्रभावी रूप से काम कर चुकी हैं। सार्वजनिक जीवन में आने के पहले वे एक डॉक्टर थीं, उनके पास एमबीबीएस की डिग्री है। नासिक जिले में 8 बार जीत कर आने वाले विधायक ए .टी. पवार की बहू के रूप में भी भारती को पूरे उत्तर महाराष्ट्र में जाना जाता है।
दर्शना जरदोश: गुजरात के सूरत से भारतीय जनता पार्टी की सांसद दर्शना विक्रम जरदोश को भी मंत्री बनाया गया है। बीजेपी महिला मोर्चा की महासचिव हैं। गुजरात के सूरत से लोकसभा सदस्य हैं। 2014 में 76.6 प्रतिशत वोट हासिल किया।
प्रतिमा भौमका: त्रिपुरा पश्चिम से सांसद हैं। बायो साइंस से ग्रेजुएट हैं। 52 वर्षीय सांसद ने 2019 में पश्चिम त्रिपुरा निर्वाचन क्षेत्र से 3,05,689 मतों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता, जबकि उन्हें 5,73,532 मत मिले। लोकसभा सदस्य सलाहकार समिति की सदस्य भी हैं।
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