Wednesday, November 27, 2024
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पर्यावरण पर वैश्विक सम्मेलन में भारत करेगा बड़ा एलान, बाइडन की बैठक में मोदी रखेंगे भारत का रोडमैप

नई दिल्ली। कोरोना काल में भारत जिस तरह से महामारी से लड़ने में एक वैश्विक नेता की छवि बनाने में सफल हुआ है, कुछ ऐसी ही कोशिश सरकार द्वारा पर्यावरण पर चल रहे वैश्विक अभियान के संदर्भ में भी की जाएगी। इस लिहाज से 22-23 अप्रैल, 2021 को राष्ट्रपति जो बाइडन की तरफ से बुलाई गई ग्लोबल समिट में पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

राष्ट्रपति बाइडन की ओर से बुलाई गई बैठक में पीएम मोदी रखेंगे भारत का रोडमैप

मोदी इस बैठक में पर्यावरण की स्थिति बेहतर बनाने को लेकर भारत के रोडमैप के बारे में भी जानकारी देंगे। वह यह भी बताएंगे कि भारत उन गिने-चुने देशों में है, जिसने पिछले पांच वर्षों के दौरान पर्यावरण संरक्षण को लेकर तय लक्ष्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है।

बाइडन के प्रतिनिधि कैरी सोमवार को आएंगे दिल्ली, जयशंकर समेत कई मंत्रियों से करेंगे मुलाकात

पर्यावरण पर बाइडन के विशेष प्रतिनिधि जॉन कैरी सोमवार को भारत पहुंच रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कैरी तीन दिनों तक भारत में रहेंगे और इस दौरान उनका एजेंडा काफी व्यापक रहेगा। वह न सिर्फ विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलेंगे, बल्कि उनकी अलग से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर से मुलाकात होगी।

यूएस पर्यावरण मुद्दे पर भारत को एक अभिन्न साझीदार देश के तौर पर देख रहा

असल में बाइडन प्रशासन भारत को पर्यावरण के मुद्दे पर भी एक अभिन्न साझीदार देश के तौर पर देख रहा है। इसके पीछे एक वजह यह भी है कि भारत जैसी अर्थव्यवस्था में जब पर्यावरण अनुकूल तौर तरीके को बड़े पैमाने पर अपनाया जाएगा, तो अमेरिकी कंपनियों को बड़ा बाजार मिलने की संभावना बनेगी।

पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले ऊर्जा में सहयोग का दायरा और बढ़ेगा

अमेरिका की इस रणनीति का संकेत पिछले हफ्ते ही पेट्रोलियम मंत्री प्रधान और अमेरिका के ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रानहोम के बीच हुई वर्चुअल बैठक से भी मिलता है। दोनों देशों के बीच इस बात की सहमति बनी है कि ऊर्जा क्षेत्र में मौजूदा सहयोग का दायरा और बढ़ाया जाएगा और आने वाले दिनों में पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले ऊर्जा में सहयोग पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

अमेरिकी भारत को अपनी प्रौद्योगिकी देने को तैयार

अमेरिकी पक्ष इसके लिए भारत को अपनी प्रौद्योगिकी देने को तैयार है। वैसे हाल के वर्षों में अमेरिका भारत को क्रूड आपूर्ति करने वाले एक बड़े देश के तौर पर उभरा है। लेकिन दोनों देशों के बीच यह सहमति है कि भविष्य में वे प्राकृतिक व शैल गैस, सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान देंगे।

बाइडन ने 22-23 अप्रैल को 40 देशों के प्रमुखों की वर्चुअल बैठक बुलाई

सनद रहे कि राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन और पीएम मोदी की पहली टेलीफोन वार्ता में भी पर्यावरण एक मुख्य मुद्दा रहा था। 22-23 अप्रैल को बाइडन ने 40 देशों के प्रमुखों की वर्चुअल बैठक बुलाई है। दक्षिण एशिया से भारत, बांग्लादेश और भूटान को आमंत्रित किया गया है।

बैठक में पेरिस समझौते को लागू करने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना

बाइडन की तरफ से बुलाई गई बैठक में पेरिस समझौते को लागू करने से जुड़े कुछ मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। भारत पहले ही कह चुका है कि वह पेरिस समझौते में प्रदूषण कम करने को लेकर तय लक्ष्य से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।

पेरिस समझौते के मुताबिक भारत को 2030 तक प्रदूषण में 30-35 फीसद तक की कमी करनी है

इस समझौते के मुताबिक भारत वर्ष 2005 में जितना प्रदूषण फैलाता था, उसमें वर्ष 2030 तक 30-35 फीसद तक की कमी करनी है। विकसित देश चाहते हैं कि भारत वर्ष 2050 तक कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह से बंद करने की गारंटी दे। पीएम मोदी अपने संबोधन में भारत की स्थिति स्पष्ट करेंगे।

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