Friday, May 3, 2024
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मॉक अभ्यास कर लिया आपदा से बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा

रुद्रप्रयाग– चार धाम यात्रा 2023 की तैयारियों हेतु एनडीएमए (राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) द्वारा आयोजित मॉक अभ्यास में प्रतिभागिता के संबंध में जनपद रुद्रप्रयाग के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-107 के नौला पानी एवं नरकोटा में आपदा से बचाव एवं राहत कार्य का मॉक अभ्यास किया गया।
मॉक अभ्यास के तहत जनपद में 02 घटनास्थल चिन्हित किए गए थे जिसमें नौला पानी में भू-स्खलन तथा नरकोटा में सड़क दुर्घटना की घटना चिन्हित की गई थी।
सर्वप्रथम जिला आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम को प्रातः 10 बजकर 03 मिनट पर कुलदीप सिंह द्वारा सूचना दी गई कि जनपद रुद्रप्रयाग के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-107 नौला पानी में भू-स्खलन होने के कारण 10 से 12 मजूदरों के दबने की सूचना है तथा भू-स्खलन से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके राहत एवं बचाव कार्य के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित एवं पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे कंट्रोल रूम पहुंचे।
भू-स्खलन की सूचना प्राप्त होते ही एंबुलेंस, अग्निशमन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ एनडीआरएफ को सूचना दी गई। स्टेजिंग एरिया गुलाबराय में समस्त टीमों के पहुंचने पर स्टेजिंग एरिया से टीमों को मय उपकरणों के साथ घटना स्थल के लिए रवाना किया गया। घटना स्थल नौला पानी में 05 व्यक्ति सुरक्षित निकल गए तथा 05 घायल व्यक्तियों का रेस्क्यू कर एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल रिलीफ पोस्ट गुलाबराय भेजा गया।
इसके साथ ही प्रातः 10 बजकर 24 मिनट पर जिला आपदा कंट्रोल रूम को सीमा परमार द्वारा सूचना दी गई कि नरकोटा में एक मैक्स सड़क में पलट गई है जिसमें 10-12 व्यक्ति घायल/गंभीर घायल हो गए हैं। घटना की सूचना प्राप्त होते ही जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र आईआरटी को एक्टिवेट करते हुए एंबुलेंस, अग्निशमन, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ एनडीआरएफ को सूचना दी गई। स्टेजिंग एरिया गुलाबराय द्वारा स्टेजिंग एरिया से टीमों को मय उपकरणों के साथ घटना स्थल के लिए रवाना किया गया। घटना स्थल नरकोटा में 09 घायल/गंभीर घायल व्यक्तियों को रेस्क्यू कर एंबुलेंस के माध्यम से मेडिकल रिलीफ पोस्ट गुलाबराय भेजा गया।
मॉक अभ्यास संपन्न होने के पश्चात जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा सभी आईआरएस टीम को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। ब्रीफिंग के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि मॉक अभ्यास को हमेशा वास्तविक घटना के तौर पर लेना चाहिए ताकि हमारी आपदा से निपटने की प्रतिक्रिया ठीक तरह से संपादित हो सके। आईआरएस के सभी सदस्यों को अपने-अपने दायित्वों का बेहतर ज्ञान होना चाहिए तथा इसके लिए समय-समय पर नई तकनीकों से अपडेट रहना चाहिए। मॉक अभ्यास में घटना घटित होने के तत्पश्चात् बहुत से पक्षों और चीजों पर ध्यान देना चाहिए जो चीजें घटना के दौरान घटित हो सकती है तथा उसको रिकवर करने के लिए हमें जो भी तैयारी करनी होती है, की जानी चाहिए। सभी का आपस में बेहतर समन्वय होना चाहिए तथा कोई भी विभाग या अधिकारी व्यक्तिगत योगदान देने वाला नही दिखना चाहिए बल्कि एक पूरी टीम वर्क केन्द्रित बचाव एवं राहत अभियान दिखना चाहिए।
पुलिस अधीक्षक ने ब्रीफिंग के दौरान कहा कि आईआरएस को स्वयं एक्टिव होना चाहिए, उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आपदा से कम्यूनिकेशन सिस्टम ध्वस्त हो जाए तो उस दशा में सूचना आदान-प्रदान कैसे संभव होगा इस पर भी काम करना होगा। इसलिए केवल जनपद कंट्रोल रूम की सूचना पर ही निर्भर न रहकर आईआरएस के प्रत्येक सदस्य को अपने विवेक और आईआरएस के अंतर्गत किये गये दायित्वों के अनुरूप कार्य करने चाहिए।
माॅकड्रिल के तहत विभिन्न विभागों द्वारा उपलब्ध संसाधनों में एनडीआरएफ के 18, एसडीआरएफ के 14, डीडीआरएफ व फायर के 11-11, चिकित्सालय के 20, पुलिस के 09, लोनिवि व सप्लाई के 3-3 वन विभाग के 08 तथा नगर पालिका के 15 कार्मिक उपस्थित रहे।
इस दौरान जनपद कंट्रोल रूम में अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मार्तोलिया, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, अधिशासी अभियंता लोनिवि जेएस रावत, मनोज भट्ट, सिंचाई पीएस बिष्ट, पूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल, कोषाधिकारी विनोद कुमार, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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