देहरादून, भाजपा में अनुशासन अब लगता है दूर की कौड़ी साबित हो रही है, अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं सभी राजनैतिक दल अपनी गोटियां बिठाने में लगे है, इधर भाजपा के कुछ नेता और कार्यकर्ता कई विधान सभाओं में वर्तमान विधायकों से नाराज चल रहे हैं, यह कहना है संगठन का, परन्तु क्या संगठन ने इस ओर कोई सकारात्मक रणनीति अपनायी, लेकिन कुछ भी हो आज मालदेवता (रायपुर) डिग्री कॉलेज में नए भवन की आधारशिला रखने के कार्यक्रम में यह नाराजगी सामने आ गयी जब स्थानीय विधायक उमेश शर्मा काऊ अपने ही दल के कार्यकर्त्ताओं पर बरस पड़े। अनुशासन का दम भरने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक और कार्यकर्त्ताओं में सीएम के कार्यक्रम से ठीक पहले जबरदस्त नौंकझौक देखने को मिली है |
यह नौकझौंक रायपुर में डिग्री कॉलेज के भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पहुंचने से चंद मिनट पहले रायपुर से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ अपने ही कार्यकर्त्ताओं पर भड़ास निकालते हुए नजर आए। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के सामने काऊ का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने कार्यक्रम को छोड़ने तक की धमकी दे दी। भाजपा विधायक अपने ही पार्टी के कार्यकर्त्ताओं को औकात में रहने तक की धमकी देने लगे। विधायक जिस कार्यकर्त्ता से उलझे वह जिला पंचायत के सदस्य हैं और पार्टी में 15 से 20 सालों के लिए काम कर रहे हैं।
वहीं, पंचायत सदस्य वीर सिंह भी चुप नहीं रहे। उन्होंने कहा कि इससे कार्यकर्त्ताओं का मनोबल गिर रहा है। एक विधायक को यह शोभा नहीं देता कि वह अपने ही पार्टी के कार्यकर्त्ताओं को इस तरीके से धमकाए। आरोप लगाए की उच्च शिक्षा विभाग के कार्यक्रम को विधायक उमेश शर्मा काऊ अपना निजी कार्यक्रम तक बता रहे हैं और कार्यकर्त्ताओं को कार्यक्रम से निकलने तक की धमकी देने दे रहे हैं।
मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से विधायक उमेश शर्मा काऊ शिकायत की कि यह मुझे अपना विधायक नहीं मानते हैं और इस क्षेत्र में जो भी पोस्टर लगते हैं, उनको यह फाड़ देते हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरीके से रायपुर भाजपा के भीतर फूट देखने को सरेआम मिल रही है, उससे कहीं ना कहीं पार्टी के लिए यह चिंता का विषय भी है कि आखिर चुनावी रण में जाने से पहले पार्टी में इस तरह के मतभेद क्यों है? जिसका समाधान पार्टी को चुनाव से पहले निकालना होगा। हालांकि, मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसएस साहनी ने विधायक व कार्यकर्त्ताओं को मना लिया। फिर मामला शांत हुआ।
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