देहरादून, केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर कांग्रेस अदाणी को लेकर लगातार हमलावर है, अदाणी प्रकरण को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे तीखा हमला बोला, दून में पत्रकारों से बातचीत करते हुये अभय दुबे ने आरोप लगाया कि अदाणी प्रकरण में केंद्र सरकार संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन से बच रही है। इससे सरकार की नीति और नीयत पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में अभय दुबे ने कहा कि वर्ष 1992 में हर्षद मेहता मामले की जांच के लिए जेपीसी का गठन हुआ था, जबकि वर्ष 2001 में एक जेपीसी ने केतन पारेख मामले की जांच की थी।
तत्कालीन दोनों प्रधानमंत्रियों को करोड़ों भारतीय निवेशकों को प्रभावित करने वाले घोटालों की जांच के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों पर विश्वास था। उन्होंने कहा कि जेपीसी का गठन नहीं करने से केंद्र की वर्तमान सरकार का डर जाहिर हो रहा है। ऐसे में विपक्ष को उम्मीद नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के अधीन न्यायपूर्ण और निष्पक्ष जांच होगी।
अभय दुबे ने कहा कि भाजपा सरकार ने राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के अंशों को बेशक संसदीय कार्यवाही से हटा दिया हो, लेकिन देशवासी सब देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री संसद में प्रासंगिक सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक संदिग्ध साख वाले औद्योगिक समूह पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी शेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है। ऐसा समूह का भारत की संपत्तियों पर आधिपत्य स्थापित हो रहा है।
अदाणी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के दुनिया के अमीरों की सूची में 609वें से दूसरे स्थान पर पहुँचने के कांग्रेस विरोध में नहीं है। पार्टी सरकार प्रायोजित निजी एकाधिकार के विरुद्ध है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और डीआरआई (खुफिया राजस्व निदेशालय) जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग प्रतिद्वंद्वियों को डराने-धमकाने के लिए किया जा रहा है। साथ ही उन व्यापारिक घरानों को दंडित करने के लिए भी किया गया है जो केंद्र सरकार के पूंजीपति मित्रों के वित्तीय हितों के अनुरूप नहीं हैं।
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