चमोली, जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद उत्तराखंड के जांबाज सैनिक योगंबर सिंह भंडारी का पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान उनके अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा। नम आंखों से सभी ने जाबांज बेटे को विदाई दी। इससे पहले जाबांज को पूरे रास्ते जगह-जगह पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि दी गई।
चमोली जिले के पोखरी विकासखंड के सांकरी गांव निवासी शहीद राइफलमैन योगंबर सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा तो कोहराम मच गया। मां जानकी देवी और पत्नी कुसुम शहीद से लिपटकर रोने लगी। जवान के अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा। पूरा आसामान ‘जब तक सूरज चांद रहेगा योगंबर तेरा नाम रहेगा’ से गूंज उठा। सभी ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इसके बाद उनके पैतृक घाट बामनाथ के निगोल नदी के तट पर त्रिवेणी घाट पर शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। सेना के 11 मराठा रेजीमेंट के जवानों ने उन्हें गार्ड आफ आनर दिया।
सेना के वाहन से तिरंगे में लिपटा जांबाज का पार्थिव शरीर गांव सांकरी पहुंचा तो माता-पिता पत्नी की आंखों में सैलाब उमड़ पड़ा। स्वजनों को सांत्वना देने के लिए लोग पहुंचने लगे। बदरीनाथ के विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भण्डारी ने स्वजनों को ढांढस बंधाया। शहीद के पिता ने कहा, मुझे अपने बेटे पर गर्व है। वह देश के काम आया और मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ।
गौरतलब हो कि 17 गढ़वाल राइफल्स का जवान योगंबर सिंह 14 अक्टूबर की शाम को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में मातृभूमि की रक्षा को आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे।
इंजीनियरिंग के छात्र को बीच में संस्थान छोड़ने पर रिफंड होगी फीस, एआईसीटीई ने दी राहत
देहरादून, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने तकनीकी संस्थानों में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को राहत दी है। जिन छात्र-छात्राओं ने एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश ले लिया है, लेकिन वे किसी कारणवश दाखिला रद कराना चाहते हैं तो उनको पूरी फीस वापस मिलेगी। एआइसीटीई ने सभी संस्थानों को ऐसे छात्रों की पूरी फीस वापस करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि पूरी फीस उन्हीं छात्र-छात्राओं को वापस मिलेगी, जो 10 नवंबर तक दाखिला वापस लेंगे। इसके बाद दाखिला रद करने वाले छात्र को कटौती के साथ फीस लौटाई जाएगी, जो छात्र-छात्राएं 10 नवंबर तक दाखिला वापस लेंगे उन्हें अधिकतम एक हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस काटकर शेष रकम वापस मिलेगी। जो छात्र इसके बाद दाखिला वापस लेंगे, उन्हें एक हजार रुपये प्रोसेसिंग के अलावा ट्यूशन व हास्टल फीस में 30 फीसद की कटौती के बाद फीस वापस होगी। यदि 15 नवंबर तक सीट नहीं भरती है तो उन्हें केवल सिक्योरिटी डिपोजिट की रकम और मूल प्रमाण पत्र ही वापस मिलेंगे। संबंधित संस्थान को छात्र का लिविंग सर्टिफिकेट भी वापस करना होगा।
एआइसीटीइ ने उन छात्रों को भी राहत दी है, जो पढ़ाई करते हुए किसी कारणवश बीच में संस्थान छोडऩा चाहते हैं। संस्थान ऐसे छात्रों से अगले सेमेस्टर की फीस नहीं ले सकता है। संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे छात्रों के मूल प्रमाण पत्र और रिफंडेबल धनराशि भी सात दिनों के भीतर वापस की जाए |
राज्य के वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से नौ राजकीय व संगठक इंजीनियङ्क्षरग कालेज और 20 निजी कालेज संबद्ध हैं। इनमें हर साल करीब 13 हजार छात्र-छात्राएं दाखिला लेते हैं। इन संस्थानों में 8848 प्रथम सेमेस्टर की सीटें हैं। इसके अलावा 14 निजी विवि में भी चार हजार से अधिक बीटेक की सीटें हैं। इन सभी संस्थान में देशभर के छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आते हैं। किसी कारण उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोडऩी पड़ती है तो कई संस्थान फीस वापस करने को लेकर आनाकानी करते हैं। छात्रों के अभिभावकों को महीनों तक फीस रिफंड के लिए संस्थानों से पत्राचार करना पड़ता है।
वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के जो नियम हैं, उसे प्रौद्योगिकी विवि सौ फीसद लागू करता है। बीच में कालेज छोडऩे वाले छात्र को नियमानुसार फीस रिफंड की जाएगी। इसमें कोई गतिरोध उत्पन्न नहीं होना चाहिए।
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