निवेश के लिए डाक घर की स्मॉल सेविंग्स स्कीम एक अच्छा विकल्प हैं. यह निवेश का एक सुरक्षित ऑप्शन है. इसमें टैक्स की बचत के साथ बेहतर रिटर्न भी मिलता है.
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में न केवल अच्छा रिटर्न देती है बल्कि इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स की बचत भी होती है.
NSC पर इस सेक्शन के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स कटौती का फायदा उठाया जा सकता है. आयकर की गणना करते समय सेक्शन 80C के तहत एक करदाता को डिडक्शन यानी कटौती का फायदा मिलता है, जिसे वह खर्चों के तौर पर अपनी इनकम में से घटा सकते हैं, ताकि उन्हें कम राशि पर टैक्स देना पड़े.
ब्याज दर और अवधि
NSC स्कीम में अभी सालाना 6.8 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. इसे सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही होता है. इस स्कीम का टेन्योर 5 साल का है.
स्कीम की खास बातें
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- स्कीम में सर्टिफिकेट कोई भी एक व्यस्क, अधिकतम तीन व्यस्क मिलकर ज्वॉइंट अकाउंट, 10 साल से ज्यादा उम्र का नाबालिग ले सकता है.
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- NSC को किसी भी भारतीय डाकघर से खरीदा जा सकता है.
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- ब्याज सालाना जमा किया जाता है लेकिन भुगतान मेच्योरिटी पर ही किया जाता है, जिसमें TDS की कटौती नहीं होती है.
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- NSC को सभी बैंकों और NBFC द्वारा लोन के लिए कोलैटरल या सिक्योरिटी के रूप में स्वीकार किया जाता है.
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- निवेशक अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नॉमिनी बना सकता है.
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- NSC को, जारी होने से लेकर मैच्योरिटी डेट के बीच एक बार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जा सकता है.
कौन कर सकता है निवेश ?
प्रत्येक भारतीय NSC में निवेश कर सकता है.
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- एनआरआई NSC नहीं खरीद सकते हैं.
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- अगर किसी भारतीय ने NSC खरीदा है और मेच्योरिटी से पहले एनआरआई हो जाता है तो भी उसे इसका लाभ मिलता है.
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- ट्रस्ट और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) NSC में निवेश नहीं कर सकते हैं.
- HUF के कर्ता केवल अपने नाम से NSC में निवेश कर सकते हैं.
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