देहरादून, लंबित विभिन्न मांगों को लेकर वन विकास निगम कर्मचारी संघ ने प्रदेशभर में थाली बजाकर दो घंटे धरना-प्रदर्शन किया। दून में वन विकास निगम मुख्यालय डालनवाला में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। वन विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधन कार्यालय हल्द्वानी, रामनगर, कोटद्वार व टिहरी मुख्यालय में भी कर्मचारियों ने दोपहर 12 बजे से दो घंटे धरना दिया।
वन विकास निगम, देहरादून के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिवाकर शाही ने आरोप लगाए कि दो वर्षों से लगातार कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। वर्ष 2018 के बाद सेवानिवृत हुए सैकड़ों कार्मिकों के समस्त देयकों को रोका गया है। पिछले दो वर्ष के अंतराल में 60 से अधिक कार्मिकों का निधन हो चुका है, लेकिन मृत्यु के पश्चात भी देयकों पर रोक लगाई हुई है। लंबित मांगों को लेकर मुख्य सचिव स्तर की बैठक छह नवंबर 2020 को हुई थी। नौ माह गुजरने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वित्त विभाग राज्य सरकार को फाइल भेजकर खानापूर्ति कर रहा है,
शासनादेश के पश्चात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की प्रोन्नति रुकी हुई है। करीब 20 वर्षों से दैनिक वेतनभोगी के रूप में कार्यरत कुक को नियमित नहीं किया गया है। मांग की गई कि शासनादेश के अनुरूप आउटसोर्स के स्थान पर उपनल के माध्यम से विभाग में भर्तियों की जाए। उन्होंने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि आडिट आपत्ति के नाम कर्मचारियों से आठ से 35 लाख की रिकवरी करने की तैयारी की जा रही है।
दिवाकर शाही ने विभाग को चेतावनी दी कि यदि शासन स्तर पर लंबित मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वन विकास निगम के कर्मचारी सात जुलाई से प्रदेशभर में प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर देंगे। प्रदर्शन में कर्मचारी आरपी सेमवाल, घनश्याम कश्यप, श्याम लाल, राजेंद्र भट्ट, दिगपाल, लाल सिंह बिष्ट, गिरीश पैन्यूली, राज कुमार आदि उपस्थित रहे।
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