देहरादून, वामपंथी सीपीआई, सीपीएम तथा माले ने जनविरोधी केन्द्रीय बजट के खिलाफ दून के दीनदयाल पार्क में धरना देकर जिलाधिकारी के माध्यम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन उनके ओर से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने लिया तथा आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया, महामहिम राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में मोदी सरकार का बजट गरीबों को निचोड़ना, अमीरों को समृद्ध बनाने वाला बजट बताया।
राष्ट्रव्यापी मोदी सरकार के जनविरोधी बजट के खिलाफ वामपंथी दलों द्वारा सप्ताह भर आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों के तहत शुक्रवार को राजधानी देहरादून के दीनदयाल पार्क में आयोजित में विशाल धरने के माध्यम से हम जनविरोधी व गरीब विरोधी केन्द्रीय बजट का जोरदार विरोध करते हुऐ केन्द्र सरकार के समक्ष अपनी बात रखना चाहते हैं कि मोदी सरकार की वित्त मंत्री सीतारमण के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, केंद्रीय बजट भारत के कामकाजी लोगों के सामने मौजूद गंभीर आर्थिक स्थिति को उजागर करता है। वामपंथी दल इस अवसर पर कहना चाहते हैं कि बजट मोदी प्रचार मशीन के ‘वास्तविक सामाजिक न्याय’ के दावों के खोखलेपन को उजागर करता है।
इस अवसर पर राय व्यक्त करते है हुए वामपंथी दल स्पष्ट करना चाहते हैं कि
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट सिर्फ़ ‘मोदी विकास मॉडल है, जो गरीबों को निचोड़कर अमीरों को समृद्ध बनाता है’, वामपंथी दलों कहना चाहते हैं कि , “यह अंतरिम बजट मोदी प्रचार मशीन के ‘वास्तविक सामाजिक न्याय’ के आडंबरपूर्ण दावों के खोखलेपन को पूरी तरह से उजागर करता है, जिसमें कामकाजी लोगों को ‘विकास में भागीदार’ के रूप में शामिल किया गया है, आदि।”सामाजिक न्याय और आर्थिक समानता के खोखले दावों के लिए मोदी सरकार के खोखलेपन को हि साबित करता है यह “भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में वित्त मंत्री द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावों के बावजूद, 2024-25 के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट भारत के कामकाजी लोगों के सामने मौजूद गंभीर आर्थिक स्थिति और मोदी सरकार की ‘विकास’ की अवधारणा के शातिर चेहरे को उजागर करता है, जिसे अमीरों को और अमीर और गरीबों को और गरीब बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।महामहिम ,उत्तराखण्ड में केंद्रीय बजट 2025 के खिलाफ व वैकल्पिक मांगों को लेकर वाम दल 14 से 20 फरवरी तक राज्यव्यापी विरोध कर रहे है l
दलों का मानना है कि यह बजट मोदी सरकार जनता की मूलभूत और तत्कालिक जरूरतों के प्रति विश्वासघात है वहीं वामपंथी दल राज्य की भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा राज्य में अपनायी जा रही साम्प्रदायिक एवं कोरपोरटपरस्त जनविरोधी नीतियों कि भी निन्दा करति है इन नीतियों के चलते राज्य की प्राकृतिक सम्पदाओं पर बाहरी लोगों का दखल तेजी से बढ़ा है,वामपंथी दल डबल इन्जन सरकार द्वारा नियमित रोजगार में कटौती तथा सेना में अग्निबीर आदि अनेक नीजिकरण की नीतियों का घोर विरोध करती हैं,वामपंथी दल कोरपेरेट नीतियों के कारण, एलिवेटेड रोड़ व एनजीटी के माध्यम से राष्ट्रीय सेवक संघ द्वारा योजित गरीब बस्तियों को हटाने की साजिश का भी विरोध करती रही हैं, इस अवसर पर राज्य की स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन आदि दयनीय पर भी चेताया। वामपंथी दल सप्ताह भर के कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखण्ड़ में हालिया स्थानीय निकाय चुनाव में सरकार द्वारा लाखों मतदाताओं को मतदाता सूची से हटाना तथा चुनावों भारी हेराफेरी का भी मुद्दे को उठायेगी, राज्य की वामपंथी दलों ने मोदी सरकार के 2025-26 के केंद्रीय बजट को जनविरोधी करार दिया तथा राष्ट्रव्यापी आह्वान पर 14-20 फरवरी तक बजट के खिलाफ और वैकल्पिक प्रस्तावों के समर्थन में व्यापक अभियान चलायेगी ।
राज्य वाम दलों ने स्पषट किया है कि यह बजट जनता की मूलभूत आवश्यकताओं, रोजगार और सामाजिक कल्याण को पूरी तरह से नजरअंदाज करता है। सरकार की नीतियां अमीरों और बड़े कॉरपोरेट्स को अधिक लाभ पहुंचाने वाली हैं, जबकि आम जनता पर महंगाई, बेरोजगारी और घटती आय का बोझ बढ़ता जा रहा है।
वामपंथी दलों ने जनता की क्रय शक्ति बढ़ाने, व्यापक रोजगार सृजन और मजदूरी दर में लगातार हो रही गिरावट को रोकने की बजाय सरकार ने अमीरों को और अधिक छूट देने का काम किया है। वामपंथी दलों ने कहा यदि सरकार बड़े कॉरपोरेट्स और अमीरों पर टैक्स बढ़ाकर सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाती, तो रोजगार और न्यूनतम मजदूरी की गारंटी संभव होती। लेकिन बजट इसके विपरीत दिशा में है।
वामपंथी दलों ने कहा यह बजट निजी निवेश को बढ़ावा देने और सार्वजनिक क्षेत्र को कमजोर करने का एजेंडा आगे बढ़ाता है। पावर सेक्टर सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजीकरण को बढ़ावा देकर धन के केंद्रीकरण को तेज किया गया है। वामपंथी दलों ने कहा बजट बेरोजगारी के गंभीर संकट की पूरी तरह अनदेखी की गई है। और यदि मुद्रास्फीति को ध्यान में रखा जाए तो फूड सब्सिडी, कृषि, कृषि आधारित उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण और शहरी विकास तथा सामाजिक कल्याण योजनाओं का बजट या तो स्थिर रखा गया या घटा दिया गया है।मनरेगा की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई, जबकि ग्रामीण रोजगार”12 लाख तक की आय पर इनकम टैक्स में छूट केवल उच्च मध्य वर्ग के एक छोटे हिस्से को फायदा पहुंचाएगी। कामकाजी वर्ग, जो महंगाई और जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष करों की मार झेल रहा है, को कोई राहत नहीं मिलने वाली है।
वाम दल आपके समक्ष निम्नलिखित वैकल्पिक प्रस्ताव रखते हुये इस जनविरोधी बजट को खारिज करते हुए निम्नलिखित वैकल्पिक प्रस्तावों को लागू करने की मांग की है, जिससे आर्थिक असमानता कम हो, रोजगार सृजन बढ़े और जनता को राहत मिले :
1. देश के लगभग 200 अरबपतियों पर 4% वेल्थ टैक्स लगाया जाए।
2. एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी हो, और एग्रीकल्चरल मार्केटिंग पर प्रस्तावित नेशनल पॉलिसी फ्रेमवर्क को वापस लिया जाए।
3. बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई निवेश के प्रस्ताव को रद्द किया जाए।
4. मनरेगा के बजट में 50% की वृद्धि की जाए, शहरी रोजगार योजना लागू की जाए, और पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल हो।
5. स्वास्थ्य पर जीडीपी का 3% और शिक्षा पर 6% खर्च किया जाए l
6. जनवितरण प्रणाली (PDS) को मजबूत किया जाए ताकि गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती खाद्य सुरक्षा मिल सके।
7. SC-ST, महिला और बाल विकास योजनाओं के बजट में वृद्धि की जाए।
8. स्कीम वर्कर्स (आंगनबाड़ी, आशा, मिड-डे मील) के लिए केंद्र सरकार की मद में वृद्धि की जाए।
9. केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राज्यों को उनका वैध हिस्सा समय पर मिले ताकि विकास परियोजनाओं में बाधा न आए।
इस अवसर पर सीपीआई राष्ट्रीय परिषद के सदस्य समर भण्डारी, सीपीआईएम केन्द्रीय कमेटी सदस्य राजेन्द्र नेगी, सीपीआईएम राज्य सचिव राजेन्द्र पुरोहित ,जिला सचिव शिवप्रसाद देवली, सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू जिला महामंत्री लेखराज ,अध्यक्ष किशन गुनियाल ,अशोक शर्मा जनवादी महिला समिति की जिलाध्यक्ष नुरैशा अन्सारि, किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सजवाण ,महामंत्री गंगाधर नौटियाल , कमरूद्दिन ,माला गुरूंग ,अमर बहादुर शाहि , जगदीश कुकरैति, अर्जुन रावत, धर्मानन्द लखेड़ा, एस एस नैगि, उदयराम ममगाई ,सतीश धौलाखण्डी, एम एस बिष्ट ,भगवन्तं पयाल, रामसिंह भण्डारी, रविन्द्र नौडियाल ,जी डी डंगवाल, जयकृत कंडवाल, बी डी पाण्डेय ,कमलेश खन्तवाल, किरण यादव,सोनूकुमार , अभिषेक भण्डारी ,कुसुम नौडियाल ,शिवा दुबे ,प्रदीप कुमार ,बिन्दा मिश्रा ,शाकुम्बरी रावत आदि प्रमुख थे ।
Recent Comments