Sunday, November 17, 2024
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लॉ मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज लखनऊ ने कब्जाया अंग्रेजीवाद विवाद प्रतियोगिता का खिताब

‘अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता बेस्ट स्पीकर रही प्रियांशी

देहरादून(केएस बिष्ट), द हैरिटेज स्कूल फ्रैंक एंथोनी अखिल भारतीय अंतर वि़द्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 द्वितीय श्रेणी में देश भर के ग्यारह प्रतिष्ठित वि़द्यालयों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग करते हुए विषय के अनुरूप अपने सारगर्भित भाषणों से सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। इस अवसर पर सर्वाधिक अंक हासिल कर लॉ मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज लखनऊ ने विजेता ट्राफी पर कब्जा किया और सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल कानपुर उप विजेता रहा। इस अवसर पर आदर्श पब्लिक स्कूल हिसार की प्रियांशी को बेस्ट स्पीकर का पुरस्कार प्रदान किया गया।
यहां न्यू रोड़ स्थित आयोजक द हैरिटेज स्कूल के सभागार में फ्रैंक एंथोनी अखिल भारतीय अंतर वि़द्यालय अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 द्वितीय श्रेणी के साथ ही दसवीं कक्षा और उससे नीचे की कक्षाओं के लिए चरण द्वितीय का आयोजन किया गया और इस दौरान देशभर के विभिन्न स्कूलों से आये हुए छात्र छात्राओं में इस प्रतियोगिता को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया। इस अवसर पर वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय एलेक्सा सबसे अच्छी दोस्त है जो किसी के पास हो सकती है निर्धारित किया गया और सभी प्रतिभागियों ने बड़े ही उत्साह से विषय के अनुरूप अपने विचार प्रस्तुत किये। इस अवसर पर देश भर के विभिन्न प्रदेशों के विद्यालयों से आये हुए छात्र छात्राओं ने कहा कि एलेक्सा आज की जरूरत बन गई है और यह अपने डिजिटल वॉयस इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में काफी आगे निकल चुका है। इस अवसर पर वाद विवाद प्रतियोगिता में शामिल छात्र छात्राओं ने कहा कि एलेक्सा दुनिया में सबसे लोकप्रिय डिजिटल वॉयस असिस्टेंट में से एक हैं. आ जबप इसे अपने स्मार्टफोन और अमेजन के इको प्रोडक्ट के इस्तेमाल में ला सकते हैं और यह एक तरह हाई-टेक प्रोडक्ट है जो आपके स्मार्ट होम गैजेट्स को नियंत्रित भी कर सकता है।
उन्होंने कहा कि इसमें आप दरवाजे को बंद करना, रोशनी बंद करना, टीवी, पंखे और थर्मोस्टेट को सुव्यवस्थित कर सकते हैं और इसे अपना एक टेक्नीकल सर्वेंट भी कह सकते हैं। इस अवसर पर छात्र छात्राओं का कहना था कि एलेक्सा वॉयस के रूप में उपयोग किया जा रहा है और इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे है।
इस अवसर पर अंग्रेजी वाद विवाद प्रतियोगिता में सेंट जोजफ्स एकेडमी की शिक्षिका नवनीत गांगुली, सेंट थॉमस कॉलेज की शिक्षिका शिल्पा चावला एवं कैम्ब्रियन हॉल स्कूल की शिक्षिका ऐनी सिंह ने निर्णायक की भूमिका निभाई। इस अवसर पर विजेताओं व उप विजेताओं को ट्राफी व सर्टिफिकेट तथा सभी प्रतिभगियों को सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर द हैरिटेज स्कूल की प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी ने कहा कि प्रतिभागियों को तराशने के लिए यह मंच प्रदान किया गया और जिससे हम सभी अपने को गौरवान्वित महसूस किया है और इस आयोजन से सभी प्रसन्नचित है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी वाद विवाद प्रतियोगिता में लॉ मार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज लखनऊ, सेंट स्टीफन्स स्कूल चंडीगढ़, सेठ आनंद राम जयपुरिया स्कूल कानपुर, सेंट कबीर स्कूल हिसार, आदर्श पब्लिक स्कूल हिसार, सेंट पॉल स्कूल राजकोट, सेंट जोजफ्स कॉन्वेंट स्कूल जालंधर, स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल गुरू ग्राम, अतुल वि़द्यालय जिला वलसाड गुजरात, द श्रीराम मिलेनियम स्कूल नोएडा और होली हार्ट प्रेसीडेंसी स्कूल अमृतसर ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन चौधरी अवधेश कुमार, निदेशक विक्रांत चौधरी, काउंसलर चारू चौधरी, प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी सहित विभिन्न स्कूलों से आये हुए शिक्षक एवं शिक्षिकायें शामिल रहे।

 

22 वी उत्तराखंड राज्य निशानेबाजी प्रतियोगिता में उत्तराखंड पुलिस का उम्दा प्रदर्शनMay be an image of 10 people, people studying and table

देहरादून (शिवांश कुंवर), दून स्थित जसपाल राणा निशानेबाजी संस्थान में 22वी उत्तराखंड राज्य निशानेबाजी प्रतियोगिता का आयोजन 5 अगस्त 2024 से 11 अगस्त 2024 तक किया गया। जिसमें उत्तराखंड प्रदेश के 1200 से 1500 निशानेबाजों ने अपने अपने इवेंट्स व आयु वर्ग में सटीक निशाना लगाये । हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक में पद्मश्री जसपाल राणा के द्वारा प्रशिक्षित मनु भाकर द्वारा दोहरे पदक प्राप्त करने से सभी निशानेबाज खिलाडी उत्साहित दिखे। प्रतियोगिता में दून इंटरनेशनल स्कूल, RIMC, उत्तराखंड पुलिस, वेलम बॉयज स्कूल, यूनिसन वर्ल्ड स्कूल, एकोल ग्लोबल स्कूल, सेलाकुई इंटरनेशनल स्कूल व अन्य निशानेबाजी संस्थाओं के निशानेबाजों ने भाग लिया प्रतियोगिता का समापन 11 अगस्त 2024 रविवार को जसपाल राणा निशानेबाजी अकादमी देहरादून में राज्य राइफल संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह राणा द्वारा किया गया।
प्रतियोगिता में ISSF एयर पिस्टल वर्ग व NR .22 Rifle वर्ग में उत्तराखंड पुलिस का दबदबा रहा, ISSF एयर पिस्टल पुरुष में उत्तराखंड पुलिस के योगेश शर्मा, संदीप कुमार और रोशन सिंह ने कांस्य पदक और NR राइफल वर्ग में प्रिया कैंतुरा, शीला सजवान, कलावती रावल और विनेश रावत ने सोने पर कब्जा किया।
पदक विजेताओं में इक्वल ग्लोबल गर्ल्स इंटरनेशनल स्कूल, आर आई एम सी, बुल्स आई शूटिंग अकादमी, दून इंस्टिट्यूट ऑफ़ शूटिंग एंड स्पोर्ट्स, सेलाकुई वर्ल्ड स्कूल, यूनिसन गर्ल्स स्कूल, स्नाइपर शूंटिंग अकैडमी, के निशानेबाज खिलाड़ियों ने व मनीष कुमार, अदनान जफर, राजश्री रावत, राशि शर्मा, अनुराधा डबराल, मीनू बाला, अनाहिता शर्मा, दीपक कुमार, रानू तिवारी, वरदान बालियान, गगनदीप सिंह, हर्षवर्धन चौबे, तेजस्वी वर्मा पैरा वर्ग में पूनम कवि, अनिल कवि गुंजन चौहान आदि खिलाड़ियों ने पदक जीते। प्रतियोगिता के समापन समारोह में राज्य के पूर्व खेल मंत्री द्रोणाचार्य नारायण सिंह राणा, पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल, और अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी व पैरा कोच सुभाष राणा द्वारा पदक विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर अशोक साईं, सुरेंद्र सिंह राणा, राजेंद्र सिंह राणा, अरुण सिंह,अनिल कवि, आनंद सिंह, अनुज पोखरियाल, सुमित शर्मा, मनीष कुमार, संजय कुमार, नैना राणा, रोहित प्रजापति, शिवलाल डोगरा, सुधीर कुमार, आदि उपस्थित रहे।

 

22 वी उत्तराखंड राज्य निशानेबाजी प्रतियोगिता में उत्तराखंड पुलिस का उम्दा प्रदर्शनMay be an image of 5 people, dais and text

देहरादून (शिवांश कुंवर), दून स्थित जसपाल राणा निशानेबाजी संस्थान में 22वी उत्तराखंड राज्य निशानेबाजी प्रतियोगिता का आयोजन 5 अगस्त 2024 से 11 अगस्त 2024 तक किया गया। जिसमें उत्तराखंड प्रदेश के 1200 से 1500 निशानेबाजों ने अपने अपने इवेंट्स व आयु वर्ग में सटीक निशाना लगाये । हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक में पद्मश्री जसपाल राणा के द्वारा प्रशिक्षित मनु भाकर द्वारा दोहरे पदक प्राप्त करने से सभी निशानेबाज खिलाडी उत्साहित दिखे। प्रतियोगिता में दून इंटरनेशनल स्कूल, RIMC, उत्तराखंड पुलिस, वेलम बॉयज स्कूल, यूनिसन वर्ल्ड स्कूल, एकोल ग्लोबल स्कूल, सेलाकुई इंटरनेशनल स्कूल व अन्य निशानेबाजी संस्थाओं के निशानेबाजों ने भाग लिया प्रतियोगिता का समापन 11 अगस्त 2024 रविवार को जसपाल राणा निशानेबाजी अकादमी देहरादून में राज्य राइफल संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह राणा द्वारा किया गया।
प्रतियोगिता में ISSF एयर पिस्टल वर्ग व NR .22 Rifle वर्ग में उत्तराखंड पुलिस का दबदबा रहा, ISSF एयर पिस्टल पुरुष में उत्तराखंड पुलिस के योगेश शर्मा, संदीप कुमार और रोशन सिंह ने कांस्य पदक और NR राइफल वर्ग में प्रिया कैंतुरा, शीला सजवान, कलावती रावल और विनेश रावत ने सोने पर कब्जा किया।
पदक विजेताओं में इक्वल ग्लोबल गर्ल्स इंटरनेशनल स्कूल, आर आई एम सी, बुल्स आई शूटिंग अकादमी, दून इंस्टिट्यूट ऑफ़ शूटिंग एंड स्पोर्ट्स, सेलाकुई वर्ल्ड स्कूल, यूनिसन गर्ल्स स्कूल, स्नाइपर शूंटिंग अकैडमी, के निशानेबाज खिलाड़ियों ने व मनीष कुमार, अदनान जफर, राजश्री रावत, राशि शर्मा, अनुराधा डबराल, मीनू बाला, अनाहिता शर्मा, दीपक कुमार, रानू तिवारी, वरदान बालियान, गगनदीप सिंह, हर्षवर्धन चौबे, तेजस्वी वर्मा पैरा वर्ग में पूनम कवि, अनिल कवि गुंजन चौहान आदि खिलाड़ियों ने पदक जीते। प्रतियोगिता के समापन समारोह में राज्य के पूर्व खेल मंत्री द्रोणाचार्य नारायण सिंह राणा, पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल, और अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी व पैरा कोच सुभाष राणा द्वारा पदक विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर अशोक साईं, सुरेंद्र सिंह राणा, राजेंद्र सिंह राणा, अरुण सिंह,अनिल कवि, आनंद सिंह, अनुज पोखरियाल, सुमित शर्मा, मनीष कुमार, संजय कुमार, नैना राणा, रोहित प्रजापति, शिवलाल डोगरा, सुधीर कुमार, आदि उपस्थित रहे।

 

डॉ. एस.आर. रंगनाथन की विरासत को समर्पित राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस का भव्य समारोह

देहरादून, सोमवार को राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, जिसका आयोजन सेंट्रल गवर्नमेंट लाइब्रेरी एसोसिएशन (CGLA) और दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर (DLRC) ने DLRC के मल्टी एक्टिविटी ऑडिटोरियम में संयुक्त रूप से किया। इस विशेष अवसर पर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के जनक डॉ. सियाली राममृत रंगनाथन की 132वीं जयंती मनाई गई। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक पेशेवरों ने भाग लिया, जिन्होंने डॉ. रंगनाथन की विरासत को सम्मानित करते हुए पुस्तकालय पेशे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः प्रकट किया।
कार्यक्रम की शुरुआत माननीय अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद भारतीय सैन्य अकादमी की श्रीमती हिमानी द्वारा सरस्वती वंदना की मधुर प्रस्तुति की गई, जिसने इस पवित्र दिन की शुरुआत को और भी विशेष बना दिया।
श्री मनीष शर्मा द्वारा निर्मित एक वृत्तचित्र फिल्म, जो भारतीय सैन्य अकादमी से हैं, ने डॉ. एस. आर. रंगनाथन के जीवन और उनकी उपलब्धियों को संक्षेप में प्रस्तुत किया, जिससे पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में उनके स्थायी प्रभाव की झलक मिली।

प्रतिनिधियों का स्वागत और उद्घाटन भाषणः श्री एन. रविशंकर, पूर्व मुख्य सचिव और DLRC के निदेशक, ने प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और दून लाइब्रेरी के विकास का परिचय दिया, इसके समुदाय की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सभी उपस्थित प्रतिभागियों से DLRC के आगे के सुधार में योगदान देने की अपील की, जिससे यह ज्ञान का एक ऐसा केंद्र बने जो सभी के लिए सुलभ हो।

डॉ. बी.के. जोशी, अध्यक्ष और सलाहकार DLRC, ने सभा को संबोधित किया और लाइब्रेरी में हाल ही में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने 30 नए कंप्यूटर नोड्स का परिचय दिया, जो ई-लाइब्रेरी तक पहुंचने के लिए लगाए गए हैं, जिससे राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (NDL) और DELNET की सदस्यता के माध्यम से व्यापक संसाधनों तक सहज पहुंच हो सके। इसके अलावा, उन्होंने बच्चों के लिए एक विशेष खंड की शुरुआत की घोषणा की, ताकि समुदाय के सबसे छोटे सदस्य भी पढ़ने के प्रति अपने प्रेम को विकसित कर सकें।
वरिष्ठ प्रोफेसर ए.एस. खुल्लर, जिन्होंने स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद इस कार्यक्रम में भाग लिया, ने पुस्तकों और पुस्तकालयों के अपूरणीय महत्व पर सारगर्भित ढंग से विचार व्यक्त किए। उनकी बातों ने समाज में ज्ञान और संस्कृति को पोषित करने में पुस्तकालयों के गहरे प्रभाव को रेखांकित किया और उन्हें सीखने के केंद्र के रूप में देखा।

उपलब्धियों का जश्न और भविष्य की योजनाएँ: CGLA के अध्यक्ष श्री रमेश गोयल ने संघ की उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण दिया और आगामी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के विषय “Taking Pride in Legacy – Libraries and Archives for Viksit Bharat” का अनावरण किया। यह सम्मेलन 17-19 अक्टूबर 2024 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जो पुस्तकालय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।

पाठकों की आवाजः इस कार्यक्रम में DLRC लाइब्रेरी के तीन नियमित पाठकों- श्रीमती मीनाक्षी कुकरेती भारद्वाज, श्री शाहेब नकवी, और सुश्री हिमानी डांगी ने भी भाग लिया और पुस्तकालयों और पुस्तकों के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने लाइब्रेरी की सेवाओं को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए सुझाव भी दिए।
श्रेष्ठता का सम्मानः श्री चंद्रशेखर तिवारी ने DLRC की उल्लेखनीय यात्रा को साझा किया, जो एक छोटे से कमरे से शुरू होकर अब चार मंजिला ज्ञान के भंडार के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है। उन्होंने लाइब्रेरी में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का भी संक्षिप्त विवरण दिया, जिससे यह समुदाय का एक गतिशील केंद्र बन गया है।
इस अवसर पर दो प्रमुख पुस्तकालयाध्यक्षों को उत्कृष्ट जीवनपर्यंत उपलब्धि पुरस्कार से भी सम्मानित किया गयाः प्रो. (डॉ.) एस.एन. पांडे, जो हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नई दिल्ली से सेवानिवृत्त हुए हैं, और डॉ. सुसंता कुमार सेनापति, जो सीएसआईआर- सीबीआरआई, रुड़की से प्रमुख तकनीकी अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं। डॉ. पांडे ने अपने संबोधन में पुस्तकालय पेशे के प्रति आजीवन समर्पण के महत्व पर जोर दिया और सेवानिवृत्ति के बाद भी सक्रिय रहने के लिए पुस्तकालयाध्यक्षों को प्रेरित किया।
मुख्य भाषण और सम्मानः डॉ. संजीव चोपड़ा, आईएएस, पूर्व निदेशक IBSNA और वैली ऑफ वर्ड्स के संस्थापक, ने एक प्रेरणादायक मुख्य भाषण दिया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके शब्दों ने ज्ञानवर्धक और जागरूक समाजों के निर्माण में पुस्तकालयों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। समापन से पहले, डॉ. चोपड़ा ने प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए, और सभी गणमान्य व्यक्तियों को CGLA के अध्यक्ष और महासचिव द्वारा सम्मानित किया गया।

समापन टिप्पणी: इस कार्यक्रम का समापन DLRC के पुस्तकालयाध्यक्ष श्री जे.बी. गोयल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने इस दिन को एक शानदार सफलता बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री डी. के. पांडे द्वारा किया गया, जिन्होंने अपने सहज और प्रभावशाली शैली से कार्यक्रम को सफल बनाया।

*प्रमुख उपस्थितियाँ : इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति भी दर्ज की गई, जिनमें डॉ एके सुमन, LIO, IGNFA, डॉ. इंदु नवानी, विभागाध्यक्ष, लाइब्रेरी एवं सूचना विज्ञान, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय, देहरादून, डॉ. मनीषा अग्रवाल, विभागाध्यक्ष, हिंदी, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय, देहरादून, श्री राम सोनारे, उप विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष, देव संस्कृति विश्वविद्यालय; श्री आर. के. सूद; श्रीमती सी.एम. मामिकः श्री माला दत्ता; श्रीमती सुनीता अग्रवाल; श्री जगदीश; सुमन भारद्वाज, शगुन, गीतांजलि भट्ट, योगिता थपलियाल, प्रियंका, रेनुका, श्री सुंदर सिंह बिष्ट, और श्रीमती अंजना आदि प्रमुख थे।
राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस का यह उत्सव न केवल डॉ. रंगनाथन को एक श्रद्धांजलि थी, बल्कि पुस्तकालयों की उस अदम्य भावना का भी प्रमाण था, जो उन्हें ज्ञान और संस्कृति के गढ़ के रूप में स्थापित करती है। इस दिन ने पुस्तकालयों को सीखने और समुदाय को एकजुट करने वाले केंद्र के रूप में विकसित करने के मिशन को जारी रखने के सामूहिक संकल्प को पुनः पुष्ट किया।

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