Wednesday, November 27, 2024
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केवि के छात्र आयुष बमनिया ने बढ़ाया उत्तराखण्ड़ का मान, मूक दिव्यांग को दी उनकी ज़ुबान

देहरादून, केद्रीय विद्यालय आई.एम.ए. के छात्र आयुष बामनिया ने अहमदाबाद में आयोजित हुई वर्चुअल जवाहर लाल नेहरु राष्ट्रीय विज्ञानं प्रतियोगिता की इंटरैक्टिव सॉफ्टवेयर थीम में देश भर के समस्त पच्चीस केंद्रीय विद्यालय संगठन संभागों के सैकड़ों प्रतिभागियों में से राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चयनित लगभग तीस प्रतिभागियों को पछाड़ कर राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रथम स्थान बनाया है |

आयुष ने अपने प्रोजेक्ट में एक ऐसा दस्ताना बनाया है जिससे वाक् (मूक)दिव्यांग के इशारों को आम बोलचाल वाली भाषा में बदला जा सके। अपने (मूक)दिव्यांग दोस्त की परेशानी देख कर उसके जहन में ये ख्याल आया तब उसने इस दस्ताना को बनाने की ठानी। इस दास्ताने में 4 सेंसर लगे है जो की उसके हाथ के इशारों को सेंस कर ये सन्देश सिग्नल ब्लूटूथ के माध्यम से उसके फ़ोन के एंड्राइड ऐप पर दिखाई एवं सुनाई देता है।

इसकी मदद से न बोलने वाले लोग किसी से भी संवाद करने के योग्य बन जाते है,आयुष ने इसे मात्र 2000 रुपयों में बनाया है और उसका मानना है की यदि उसे बड़े स्तर पर बनाने का मौका और मदद मिले तो वो इसकी कीमत कम कर इसका आकार और भी छोटा कर सकता है। के. वि. एस. देहरादून संभाग की उपायुक्त सुश्री मीनाक्षी जैन,सहायक आयुक्त विनोद कुमार, सुकृति रैवानी, अलका गुप्ता ने आयुष को राष्ट्रीय स्तर पर विजयी होने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं|
आयुष अपनी इस जीत का श्रेय विद्यालय के प्राचार्य माम् चन्द को देता है जिन्होंने कदम कदम पर उसका मनोबल बढाया | प्राचार्य ने आयुष को आशीर्वाद देते हुए भविष्य में भी हर संभव सहायता देने का आश्वासन भी दिया |

आयुष ने इसके अलावा भी दिव्यांगजन के लिए कई अविष्कार किये है, जैसे कि नेत्रहीन लोगो के लिए स्मार्ट चश्मा एवं लाठी, बधिरों के लिए घड़ी बनाई है जो की उन्हें दुर्घटना से बचाएगी|आयुष नें अभी तक जिला,प्रदेश एवं संभागीय स्तर पर कई इनाम जीते हैं| उसे इन सभी प्रोजेक्ट्स को बनाने में उसके पिता संजय कुमार,माता बेबी, छोटी बहन अनुष्का,उसके शिक्षक मोनिका आर्य और पीयूष निगम ने उसका मार्गदर्शन कर पूरा सहयोग एवं प्रोत्साहन दिया है| आयुष अपनी इस बड़ी उपलब्द्धि के लिये विद्यालय के समस्त शिक्षकों को धन्यवाद करते हुए कहता है कि मेरा सपना है की मै प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया के संकल्प को लेकर देश को आगे बढ़ा सकूं तथा स्वदेशी उपकरणों से अपने देश के लोगो की सेवा कर सकूं | आयुष बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की इसी तरह मदद कर समाजसेवा करना चाहता है ताकि वह भी सामान्य जिंदगी जी सके |

आयुष ने अब तक कई प्रोजेक्ट्स बनाये हैं जिनमे प्रमुख हैं,
टचलेस डोरबेल,वाच फॉर मैन्टैनिंग सोशल डिसटेनसिंग,इलेक्ट्रिक चार्जेबल साइकिल विथ गेयेर्स,प्लास्टिक स्लिपर्स युसिंग वेस्ट प्लास्टिक एंड पॉलिथीन,स्मार्ट ग्लासेज एंड स्टिक फॉर ब्लाइंड्स .सेफ्टी डिवाईसेस फॉर वीमेन ,होम ऑटोमेशोन युसिंग वोइस कमांड,स्मार्ट चैरिटी एंड गार्बेज बिन , इलेक्ट्रिसिटी जनरेटिंग पार्क,ब्लूटूथ अलार्म फॉर अनओबट्रूसिव फॉल,स्मार्ट एम्बुलेंस व अनेकों इलेक्ट्रिक एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बनाये है आयुष ने।
आयुष ने हाल ही में टॉयकैथोन 2021 में ग्रैंड फिनाले के लिए क्वालीफाई किया है।

दैनिक जागरण द्वारा आयोजित जूनियर साइंटिस्ट हंट में उत्तराखंड में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वाडिया इंस्टिट्यूट द्वारा आयोजित जूनियर साइंटिस्ट हंट में तृतीय स्थान प्राप्त किया।
उत्तराखंड में प्रादेशिक स्तर पर एन.आई.टी. द्वारा आयोजित विज्ञान इन्नोवेशन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर रु15000 कैश प्राइज भी जीता। आई.आई.पी द्वारा  जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित SEFCO 2019 में आयुष का प्रोजेक्ट बहुत सराहा गया।
इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्ट में आयुष का प्रोजेक्ट अच्छी रैंक के साथ प्रदर्शित हुआ।
आयुष ने दो बार नेशनल चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस और तीन बार जवाहरलाल नेहरू विज्ञान प्रदर्शनी में राष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया लिया है।
आयुष के आविष्कारों और उपलब्धियों पर स्थानीय सामाजिक संस्थाओं ने पुरस्कृत भी किया है।

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