देहरादून 1 अगस्त, केंद्रीय विद्यालय बीरपुर में प्रेमचन्द जयंती साहित्यिक हर्षोल्लास के साथ श्रद्धांजलि अर्पित कर मनाई गई ! कार्यक्रम के दौरान प्रेमचन्द द्वारा उनकी साहित्यिक उपलब्धियों पर चर्चा- परिचर्चा की गई ,
तत्पश्चात विद्यालय के विद्यार्थी ईशान थापा ने प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी नमक का दारोगा प्रस्तुत कर यह बताया की आज के समय में भी यह कहानी लोगों को ईमानदार बनने की प्रेरणा देती है और ईमानदारी का जीवन जीना सीखाती है , सातवीं के छात्र माधव ने अत्यंत सुंदर ढंग से ईदगाह कहानी प्रस्तुत की , जिसे सुनकर सभी बच्चे बहुत ज्यादा भावुक हो उठे, प्रियांशी की कहानी बूढ़ी काकी ने सबको झकझोर कर रख दिया और हमारे समाज में बुजुर्गों के प्रति व्यवहार को लेकरआज की युवा पीढ़ी के सामने एक प्रश्न चिन्ह लगाया , महविश कक्षा दसवीं ने प्रेमचंद पर लिखी अपनी एक कविता प्रस्तुत की !
शिक्षक वक्ता में वी. के. सिंह ने प्रेमचंद की कहानियों को आज के समय में की प्रासंगिकता बताया, शिक्षक जितेन्द्र डिमरी ने प्रेमचंद का हिंदी साहित्य मे योगदान पर अपने विचार प्रकट किए , पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती उर्मिला बंबरू ने पुस्तकालय में प्रेमचन्द के साहित्य की उपलब्धता पर प्रकाश डाला |
विद्यालय प्राचार्या श्रीमती उमा चंद्रा ने सभी बच्चों को संदेश दिया कि वे साहित्य से जुड़ें और प्रेमचंद के साहित्य को जीवन में उतारें !
कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी की वरिष्ठ शिक्षिका सीमा श्रीवास्तव ने कहा प्रेमचंद ने सामान्य जीवन जीते हुए सामाजिक बुराइयों पर गहरा प्रहार किया और संघर्षों में जीवन जीने की कला सिखाई , जयंती कार्यक्रम के अवसर पर विद्यालय के बच्चों सहित डी. एम लखेड़ा, विदुषी नैथानी , एस डी मीणा,अश्विनी कुमार , गौरव कांत तथा अन्य शिक्षक उपस्थित थे !
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