देहरादून, काफी समय से अपनी लंबित मांगों का समाधान नहीं होने से नाराज स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कर्मचारी पिछले कई दिन से आंदोलित हैं। गुरुवार को प्रदेशभर के कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेकर स्वास्थ्य महानिदेशालय में धरना-प्रदर्शन किया। बाद में स्वास्थ्य महानिदेशक ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया। जिसमें स्वास्थ्य निदेशक डा. एसके गुप्ता, डा. तुहिन कुमार, डा. नरेश कुमार तथा संघ की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, गिरीश पंत, नेलसन अरोड़ा, सुनील अधिकारी, रविंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
वार्ता में 50 फीसद पदोन्नति पर सहमति जरूर बनी, लेकिन उद्यान विभाग की तरह स्वास्थ्य विभाग में भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को टेक्नीकल घोषित करने पर सहमति नहीं बन सकी। जिसके बाद वार्ता विफल हो गई। इस पर संघ पदाधिकारियों ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि 30 जुलाई से सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अन्न-जल ग्रहण किए बिना ड्यूटी करेंगे। यदि इस दौरान कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह की अनहोनी होती है तो इसके लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदारी होगी | उधर, स्वास्थ्य महानिदेशालय की भांति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने आयुर्वेद विवि में भी प्रदर्शन किया। जहां पर कर्मचारियों की वार्ता विवि के कुलसचिव डा. उत्तम शर्मा से हुई। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक पदोन्नति, एसीपी, पेंशन देयक, वेतन का भुगतान समय पर करने, डीडीओ कोड बहाल करने के मामले का समाधान नहीं होता आंदोलन जारी रहेगा।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा व उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा ने विभाग के उच्चधिकारियों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी पिछले लंबे समय से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन लंबित मांगों का समाधान अब तक किया नहीं गया। ऐसे में कर्मचारियों के पास अब उग्र आंदोलन करने के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं है। धरना-प्रदर्शन करने वालों में दीपक धवन, शिवनारायण सिंह, गुरुप्रसाद गोदियाल, महेंद्र पडियार, नागेश नौडियाल, अजय भंडारी, मंगल लाल, गंगा राम, त्रिभुवन पाल, राकेश, अनुसुया प्रसाद, भगत सिंह, गीतिका, मंजू आदि शामिल रहे।
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