Wednesday, November 27, 2024
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विश्व पर्यावरण दिवस : वर्तमान में इको रेस्टोरेशन के माध्यम से पौधों का रोपण करना अत्यंत आवश्यक : डा. सुनील कुमार

हरिद्वार, विश्व पर्यावरण दिवस तीर्थ नगरी में विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित किया गया, इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में वृक्षारोपण कर लोगों को पर्यावरण के बारे में जागरूक किया गया | इस मौके पर
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय हरिद्वार के विश्वविद्यालय भवन के प्रांगण में जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कदम कपूर और अर्जुन के पेड़ लगाकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि वेदों में वृक्षों की महत्ता विशेष है। औषधीय पौधों का वर्णन अथर्ववेद में दिया गया है ।

उन्होंने कहा कि वेदों में जल पृथ्वी वायु अग्नि वनस्पति अंतरिक्ष आकाश आदि के प्रति श्रद्धा प्रकट करने पर अत्यधिक बल दिया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 सुनील कुमार ने कहा कि ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद और अथर्ववेद की कल्याणकारी संकल्पना शुद्ध आचरण निर्मल वाणी एवं सुनिश्चित गति का वर्णन दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इको रेस्टोरेशन के माध्यम से पौधों का रोपण करना अत्यंत आवश्यक है।

जन्तु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 डी0एस0 मलिक ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण करने के लिए देश व प्रदेश की सरकारें भी पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संतुलित एवं संरक्षण करने के लिए पौधों का रोपण करना अत्यन्त आवश्यक है।

एस एम जे एन पी जी कालेज के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र के पुर्नस्थापना एवं चुनौतियां विषय पर एक वैबिनार का आयोजन किया गया।
मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं एस एम जे एन पी जी कालेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने बताया कि दुनिया के 17 विशाल विविधतापूर्ण देशों में से भारत एक है। इस के बावजूद भी यहां पर कई पौधों और जानवरों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। गंभीर खतरे और अन्य विलुप्तप्राय पौधों तथा पशु प्रजातियों की रक्षा करने के लिए सरकार ने कई कदम कानून और नीतिगत फैसलों को अपनाया है। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने मनसा देवी मंदिर की पहाड़ियों कनखल कालेज परिसर आदि स्थलों पर इस वर्ष वृहद मात्रा में मानसून के मौसम में वृक्षारोपण करने के लिए कहा जिससे कि भविष्य में पर्यावरण एवं परिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

एसएम जेएनपीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने विश्व पर्यावरण दिवस पर कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी के इस संकल्प को पूरा करने के लिए समस्त छात्र.छात्राओं साथ अग्रसर रहेंगे । डॉ बत्रा ने बताया कि पिछले कई दशकों में पर्यावरण के प्रत्येक घटक में असंतुलन उत्पन्न हुआ है। प्रोफेसर डा0 नरेश चौधरी के संयोजन में इण्डियन रेडक्रास के तत्वाधान में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में वृहद वृक्षारोपण एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी में भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री श्रीमती अन्नु कक्कड ने कहा कि वर्तमान में कोविड.19 जैसी वैश्विक महामारी ने जनमानस को महसूस करा दिया है कि वातावरण में आक्सीजन कितनी महत्वपूर्ण है और आक्सीजन के संतुलन को बनाये रखने के लिए प्रकृति तथा पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रत्येक नागरिक को कम से कम 10 पौधे अवश्य रोपित करने चाहिए। रेडक्रास सचिव डा0 नरेश चौधरी ने कहा कि मानव एवं प्रकृति एक दूसरे के पूरक है और हम परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से प्रकृति पर आश्रित हैं प्रकृति के बिना हमारा अस्तित्व सम्भव नहीं है। प्रकृति का संरक्षण हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग है। धरती को हरा भरा रखने एवं पर्यावरण संवर्धन के प्रति जनसमाज को जागरूक होकर वातावरण को शुद्ध करने के लिये अधिक से अधिक पौधारोपण करना चाहिए। डा0 नरेश चौधरी ने कहा कि इस वर्ष पर्यावरण दिवस पर जनसमाज स्वतः ही जागरूक है कि कोविड.19 जैसी वैश्विक बीमारियों से बचाव के लिये पर्यावरण में वृक्षों का कितना महत्व है। मानव जीवन को सतत स्वस्थ्य और सुखी बनाने के लिये प्रकृति एवं पर्यावरण के लिये अधिक से अधिक औषधीय छायादार फलदार वृक्ष लगाने चाहिए।

भारत विकास परिषद् मदांकिनी शाखा एवं मानव अधिकार संरक्षण समिति मुख्यालय हरिद्वार इं मधुसूदन आर्य के सानिध्य में वामप्रस्थ आश्रम ज्वालापुर हरिद्वार एवं जुर्स कन्ट्री सोसाइटी मे पेड़ लगवाये गये तथा जुर्स कन्ट्री में गोष्ठी आयोजित की गई। मधुसूदन आर्य सरंक्षक भारत विकास परिषद् मदांकिनी शाखा ने कहा कि शुद्ध वायु जीवित रहने के साथ.साथ हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। शुद्ध विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक करनाद्य ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें ना की पेड़ों की कटाई।

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