देहरादून, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सदन में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार गैर भाजपाई राजनीतिक दलों के नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई, ईडी आदि का गलत इस्तेमाल कर देश में लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए ईडी द्वारा घंटों पूछताछ की गयी। आर्य ने कहा कि केन्द्र सरकार की संस्थाओं के इस कदम को असंवैधानिक व दबावपूर्वक कार्यवाही बताया।
आर्य ने कहा कि इन कार्यवाहियों से जांच एजेंसी की साख खराब हो रही है उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि संबैधानिक और जांच संस्थाओं के दुरुपयोग से देश में 70 साल से बचे लोकतंत्र पर पिछले 8 साल में में बहुत चोट पंहुची है।
आर्य ने कहा कि पिछले कुछ सालों से केंद्र की भाजपा सरकार को देश के जिस भी राज्य में विपक्षी दल मजबूत नजर आते हैं वहां सीबीआई, ईडी का दबाव डालकर या तो सत्ता परिवर्तन कर देती है या सरकारों को गिरा देती है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2014 के बाद अब तक सीबीआई ने जितने भी केस दर्ज कराए हैं उसमें 95 प्रतिशत सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं के विरुद्ध हैं। मोदी सरकार के दौरान ईडी ने 3000 से अधिक तक जगहों पर रेड मारी है। इनमें से अधिकांश विपक्षी नेताओं पर की गई।
यशपाल आर्य ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ईडी ने जितने भी केस दर्ज किए उनमें से वह केवल मात्र 0.05 प्रतिशत मामलों में ही सजा करवा पायी है। उन्होंने कहा इससे निष्कर्ष निकलता है कि अदालत में लगभग सभी केस फर्जी साबित हुए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी तक सरकारों को गिराने, सरकारों को बदलने के लिए जांच एजेंसियों का प्रयोग करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार अब देश के ज्वलंत मुद्दों और आम जनमानस जो आवाज़ उठाने वाले नेताओं के विरुद्ध भी सीबीआई, ईडी और पुलिस का प्रयोग कर रही है। उन्होंने इसे केंद्र सरकार द्वारा लोकतंत्र को अपमानित करने का प्रयत्न बताया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध और सियासी विरोधियों को परेशान करने वाली हर कार्यवाही का कांग्रेस का हर सिपाही पूरा जबाब देगा। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आवाह्न किया कि वे देश का लोकतंत्र बचाने के लिए किसी भी हद तक संघर्ष के लिए तैयार रहें।
एक साल से विकास का पहिया जाम, पूरे साल नहीं हुआ एक भी काम : जोत सिंह बिष्ट
देहरादून, उत्तराखंड़ में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार अपनी दूसरी पारी का जश्न पूरे प्रदेश में मना रही है, वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने सरकार के कार्यो पर तीखा हमला बोला, प्रेस को जारी बयान में उन्होंने सरकार के कामकाज पर तीखा हमला किया, श्री बिष्ट के मुताबिक राज्य की जनता महंगाई की मार से जूझ रही है। श्री बिष्ट ने कई मुद्दों सरकार को धेरा और धामी सरकार की दूसरी पारी के पहले साल को उत्तराखंड के लिए पूरी तरह से निराशाजनक बताया । उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से अब तक सरकार ने कर्ज लेने में उपलब्धि हासिल करते हुए राज्य पर कर्ज का बोझ 77 हजार करोड़ तक पहुंचा दिया है। प्रति व्यक्ति आय में रिकार्ड वृद्धि का दावा करने वाली और देश में छठी अर्थव्यवस्था का दावा करने वाली धामी सरकार के इसी कार्यकाल में बागेश्वर में एक माँ जब भूख न सहन कर पाने के कारण अपने 3 बचों के साथ आत्महत्या तथा चौखुटिया ब्लॉक के खुजरणी गाँव में एक बालिका की भुखमरी से मौत की घटनाएं सरकार के गाल पर तमाचा है।
राज्य की नौकरशाही के कब्जे में है सरकार :
धामी सरकार के ऐसे ही दावों के बीच यूकेएसएसएससी (uksssc), यूकेपीएससी (ukpsc) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल एवं परीक्षाओं का निरस्त होने जैसी घटनाओं से सरकार की कार्यशैली के साथ नौकरशाही पर कमजोर पकड़ साफ साफ दिखाई दे रही है। हालात यह है कि राज्य की नौकरशाही पर सरकार का नियंत्रण होने के बजाय सरकार पर नौकरशाही का नियंत्रण है। यही कारण है कि 1994 के रामपुर तिराहे की सरकारी हिंसा के बाद इसी 9 फरवरी को राजपुर रोड पर सरकारी हिंसा का तांडव दिखाई दिया। पुलिस ने जिस बर्बरता से राज्य के बेकसूर, प्रतिभावन नौजवानों पर लाठियां बरसाई, जिस तरह दो वरिष्ठ अधिकारी कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री के सामने आपस में लड़ते हुए दिखाई दिए यह सब इस बात के प्रमाण हैं।
भ्रष्टाचार के दल दल में डूबी धामी सरकार :
कैग द्वारा हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट के अनुसार भाजपा की यह सरकार आकंठ भ्रष्टाचार के दलदल में डूब कर लगातार राज्य की जनता के हितों पर चोट कर रही है। जिस तरह देहरादून और हरिद्वार में सरकारी दवाई के जखीरे जंगल में पड़े मिले, जिस तरह से छात्रों को निशुल्क बांटी जाने वाली किताबें कूड़े के ढेर में मिली, एक बाइक कंपनी द्वारा लेखपालों के लिए दी गई 300 से अधिक मोटर बाइक खड़े खड़े सड़ रही है, सहकारिता भर्ती की गड़बड़ी को छुपा दिया गया है, सरकारी वाहनों का दुरुपयोग खनन सामग्री को ढ़ोने के लिए किया जा रहा है और उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने जैसी कई अन्य घटनाएं राज्य सरकार के भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है।
अपनों पर रहम, औरों पर करम :
भर्ती परीक्षाओं में भाजपा से जुड़े हाकाम सिंह, चंदन सिंह मनराल, आर बी एस रावत, धारीवाल बताते हैं कि नकल का ये कारोबार किसी बड़े सरगना की सरपरस्ती में चलता रहा है जिसको सरकार बचा रही है। ऐसे ही विधानसभा में मुख्यमंत्री जी द्वारा 72 लोगों को विचलन के अधिकार का प्रयोग करते हुए नौकरी पर रखने की स्वीकृति देना और फिर निकाल बाहर करना तथा 2016 से पहले की अवैध भर्तियों पर मौन साधना सरकार की पारदर्शी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह है।
राज्य की कानूनव्यवस्था पर भी है सवाल :
राज्य में कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठ रहे है। अल्मोड़ा जिले के भिकियासेन में दलित युवक जगदीश की हत्या, चमोली जिले के हेलंग घाटी में घास काटने के लिए गई हुई महिलाओं पर गलत और शर्मनाक धाराओं में मुकदमा दर्ज करना और उनको बदनाम करना, अंकिता हत्याकांड के मुख्य कारक वीआईपी का नाम अब तक उजागर ना होना राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
जोशीमठ आपदा प्रबंधन में भी सरकार फेल :
इस सरकार की उपलब्धि है जोशीमठ के आपदाग्रस्त परिवारों के साथ खड़े होने के बजाय पूरी ताकत से एनटीपीसी के बचाव में खड़ा होना। जब हर दिन जोशीमढ़ में नई दरारें आ रही थी, पुरानी दरारें चौड़ी होकर दर रही थी ऐसे समय पर मुख्यमंत्री का यह कहना कि जोशीमठ की आपदा मानवजनित न होकर दैवीय आपदा है तथा 70%जोशीमठ सुरक्षित है ने जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा था।
जनता पर महंगाई की मार , ऊपर से सस्ती शराब :
सरकार ने इस एक साल में बिजली के दाम बढ़ाए, पानी के दाम बढ़ाए, डीजल के, पेट्रोल के, रसोई गैस सिलेंडर के, खाद्य सामग्री के दाम बढ़ाकर गरीब के जलते चूल्हे पर पानी डालकर भूखा सोने को मजबूर किया। इस एक साल में सरकार ने नई आबकारी नीति में शराब के दाम घटने का फैसला करके युवा पीढ़ी को नशे का शिकार बनाने का अपराध किया है।
स्कूलों की दशा सुधारने के बजाय बंद करने पर तुली सरकार :
बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के बजाय यह सरकार राज्य भर में कम छात्र संख्या के नाम पर 3200 स्कूलों, दर्जनों आईटीआई, पॉलीटेक्निक बंद करने का फैसला ले चुकी है। गेस्ट टीचर के निकाले जाने से अनेक स्कूलों में ताले नहीं खुल रहे हैं। शिक्षकों की कमी से पढ़ाई बाधित हो रही है।
स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बहुत बुरा :
राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से विफल साबित हो रही हैं। पर्वतीय जिलों में स्थापित प्रथमिकव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा अधिकांश अनेक जिला अस्पताल डाक्टरों की कमी से जूझ रहे है। कहीं डाक्टर नहीं तो कहीं तकनीशियन नहीं तो कहीं जांच के लिए जरूरी मशीनें नहीं हैं जिसका परिणाम है कि ये सारे अस्पताल रेफर सेंटर बन गए हैं। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं को खेतों, सड़कों और ऐम्बुलेंस पर प्रसव करने पद रहे हैं। जानकार आचार्य होता है कि मुख्यमंत्री जी के चुनाव क्षेत्र चंपावत में इलाज के अभाव में मधुमखी के काटने से एक 11 साल के बालक की मौत हो जाती है। स्कूल की चैट गिरने से चोटिल छात्र मार जाता है, पिथौरागाढ़ के अस्पताल के बरामदे में पिता की गोद में बीमार बीटा दम तोड़ देता है, ऐसे और भी बहुत उदाहरण स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत बात रहे हैं।
राज्य का किसान परेशान, बेरोजगार सड़कों पर, आशा, अंगनबाड़ी, गेस्ट टीचर, उपनल कर्मी अक्सर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार जश्न मना रही है। इतने बदतर हालत के बाद अपनी नाकामियों का जश्न मनाने का साहस भज जैसी गैरजिम्मेदार और तानाशाह सरकार ही कर सकती है।
धामी सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल बेहद निराशाजनक हताशा जनक : हेमन्त साहू
हल्द्वानी, धामी सरकार के एक साल के कार्यकाल पूरे होने पर मनाए जा रहे जश्न पर तीखा हमला बोलते हुए यूथ कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत साहू ने कहा कि धामी सरकार का एक साल का कार्यकाल बेहद ही निराशाजनक और हताशा जनक रहा।
भाजपाइयों द्वारा मनाए जा रहे जश्न पर तीखा हमला बोलते हुए हेमंत साहू ने कहा कि प्रदेश में अंकिता हत्या कांड, पेपर लीक, युवाओं पर समय समय लाठीचार्ज, भर्ती घोटाले नशे को बढ़ावा देने के लिये भाजपाइयों द्वारा यह जश्न मनाया जा रहा है, जो कि बेहद शर्मनाक है। धामी सरकार की एक वर्ष में एक भी उपलब्धि नही है जिसको लेकर कहा जा सके कि सरकार का एक साल कार्यकाल सफल रहा, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री में जरा सी भी नैतिकता बची है तो प्रदेश हित में अपने पद से इस्तीफ़ा दें । साहू ने कहाँ सरकार द्वारा बेरोजगारी मंहगाई बदहाल स्वस्थ सेवाओं को ठीक करने के लिये कोई योजना नही बनाईं और प्रदेश की जनता बढ़ती महंगाई बदहाल स्वास्थ्य सेवा और बेरोजगारी के कारण हताश और निराश हो गई है और इधर भाजपा सरकार प्रदेश की बदहाल जनता के आंसुओं पर जश्न मना रही है। उन्होंने कहा कि यूथ कांग्रेस द्वारा निराशाजनक एक वर्ष के कार्यकाल के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।