देहरादून, उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकाॅस्ट) द्वारा आज आंचलिक विज्ञान केंद्र (आर0एस0सी0) देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया गया। इस वर्ष जैव विविधता दिवस के उत्सव का विषय था “फ्रॉम एग्रीमेंट टू एक्शनः बिल्ड बैक बायोडायवर्सिटी” इस अवसर पर डॉ. साकेत बडोला (आइर्0एफ0एस0), निदेशक, राजाजी टाइगर रिजर्व, उत्तराखंड ने लोकप्रिय व्याख्यान दिया। उन्होंने जीवों की जैव विविधता पर विचार रखे, और उन्होंने भारत में जैव विविधता संरक्षण को शामिल करने वाली कई सफल कहानियों का उदाहरण दिया, और छात्रों को शौक के रूप में जैव विविधता के संरक्षण को अपनाने और संबंधित विषयों में रुचि विकसित करने के लिए कहा। प्रोफेसर दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकाॅस्ट ने विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण के महत्व और मानवीय गतिविधियों के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे मे चर्चा की। श्री जी.एस.रौतेला, सलाहकार साइंस सिटी और पूर्व महानिदेशक, एन0सी0एस0एम0 लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए जैव विविधता संरक्षण और फ्यूचरिस्टिक प्रजाति के डीएनए पार्क विकसित करने के संकेत दिए। उन्होंने आग्रह किया छात्रों को अपने दैनिक जीवन में जैव विविधता के संरक्षण के लिए शपथ लेे। डॉ उनियाल, संयुक्त निदेशक, यूकाॅस्ट जलवायु परिवर्तन पर जैव विविधता के प्रभाव और जानवरों के संरक्षण के लिए संरक्षित क्षेत्रों के महत्व के बारे में चर्चा की। डॉ. पीयूष जोशी, एस0एस0ओ0 और प्रभारी आर0एस0सी0, पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के बारे में बात की और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए उत्तराखंड में आने वाले विज्ञान केंद्रों के बारे में जानकारी दी, उन्होंने सत्र का समन्वय भी किया और धन्यवाद प्रस्ताव दिया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के कई छात्र, वैज्ञानिक और यूकाॅस्ट और आरएससी के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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