चमोली(देवाल), जिले में चार किशोरों की मौत से मातम छा गया, जीआईसी देवाल के चारों किशोरों की नदी में डूबने से हुई दर्दनाक मौत से चार घरों के दीपक बुझ गए हैं। इनकी मौत से देवाल ब्लॉक के धरातल्ला, इच्छोली, सोड़िग व ओडर गांव में मातम छाया है। नदी में उतराते बच्चों के शवों को देख परिजन बदहवास हो गए। किशोरों के गांवों में चारों तरफ चीख-पुकार मची है। परिजनों को ढाढ़स बंधाने के लिए दिनभर रिश्तेदार और आसपास के गांवों के लोग का तांता लगा रहा, धरातल्ला गांव का प्रियांशु जीआईसी देवाल में कक्षा 11 में पढ़ता था। वह अपने माता-पिता के साथ इच्छोली गांव में रहता। उसके पिता हाइड्रो कंपनी में अवर अभियंता हैं जबकि माता कलावती देवी धरातल्ला की ग्राम प्रधान है। बेटे की मौत की सूचना मिलने के बाद कलावती देवी बेहोशी की स्थिति में है।
घटना स्थल से चारों शवों को देवाल अस्पताल लाया गया जहां पर प्रियांशु की माता व 93 साल की दादी पार्वती देवी ने अपने नाती के अंतिम दर्शन किए। प्रियांशु की बुजुर्ग दादी के रूदन देख पूरा वातावरण गमगीन हो गया।
सोड़िग गांव के अंशुल भी जीआईसी देवाल में कक्षा 11 में पढ़ता था। अंशुल के पिता की 2016 में देहरादून में एक हादसे में मौत हुई थी। अंशुल अपने पीछे माता व दो बहनों का छोड़ गया। अंशुल की माता अनिता देवी घटना की खबर सुनते ही बेहोश हो गई।
ओडर गांव के गौरव कक्षा नौ में पढ़ता था। उसकी माता मुन्नी आशा कार्यकर्ता है। वह अपने पीछे माता, पिता व एक बहन छोड़ गया। इच्छोली गांव के अनिल मिश्रा भी अपने पीछे माता-पिता व एक बहन छोड़ गए। चारों की मौत से क्षेत्र में शोक की लहर है।
बताया जा रहा है कि कैल नदी में इन दिनों पानी कम है। लेकिन जहां किशोर डूबे वहां करीब दस फीट गहरा ताल बना हुआ है। हालांकि बाकी नदी में घुटनों तक पानी है। नदी का पानी ठहरा हुआ नहीं है लेकिन ताल में गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। लोगों को भी अंदेशा है कि किशोरों को ताल की गहराई का अंदाजा नहीं हुआ होगा और वे डूब गए।
सूचना पर स्थानीय युवा मौके पर पहुंचे और किशोरों के शवों को नदी से बाहर निकाला। इसी बीच मुन्नी देवी बेटे गौरव का शव देखकर अपना आपा खो बैठी और नदी में कूद गई। इससे नदी किनारे पहुंचे लोगों में हड़कंप मच गया। बिना समय गंवाए क्षेत्र के युवक यशपाल ने नदी में छलांग लगाई और तैरकर मुन्नी देवी को सकुशल बाहर निकाला।
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