चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने की अधिकारीयो के साथ समीक्षा बैठक
हरिद्वार 30 जुलाई (कुलभूषण) प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा उच्च शिक्षा विद्यालयी शिक्षा व सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत ने शानिवार को रोशनाबाद स्थित स्वास्थ्य विभाग के सभागार में बरसात के मौसम में होने वाले डेगू की रोकथाम किये जाने वाले उपायो की समीक्षा बैठक अधिकारियो के साथ की ।
बैठक में विभाग के अधिकारियो द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से डेंगू रोधी कार्य योजना के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी तथा डेंगू की रोकथाम के लिये आगामी महीनों के लियेए विभागीय स्तर पर जो तैयारी की जा रही हैए के सम्बन्ध में विस्तार से बताया ।
कैबिनेट मंत्री ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों से वर्ष 2010 से लेकर अब तक जनपद में किस वर्ष डेगू के कितने मामले सामने आये कौन से ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर हर वर्ष अन्य क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा मामले सामने आते हैंए के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुये निर्देश दिये कि जहां पर डेंगू का प्रकोप ज्यादा होता हैए ऐसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना सुनिश्चित करें। उन्होंने बैठक में कहां.कहां डेंगू के जांच केन्द्र हैंए डेंगू रोगियों के उपचार व रेफरल की क्या व्यवस्था हैए ब्लड बैंकों की व्यवस्थायें आदि के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुये अधिकारियों को दिशा.निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से दवाए बजट आदि के सम्बन्ध में भी जानकारी लीए जिस पर अधिकारियों ने बताया कि कहीं पर भी किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है।
डॉ0 धन सिंह रावत ने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिये कि डेंगू के रोकथाम के लिये शहरी विकासए ग्रामीण विकासए बाल विकास विभागए शिक्षा विभागए नगर निगमए नगर निकायए स्थानीय निकायए रेलवे विभागए स्वयं सेवी संस्थाओं आदि सभी से तालमेल स्थापित करते हुये सहयोग लेना सुनिश्चित करें तथा डेंगू के प्रति सभी माध्यमों.प्रिण्टए इलेक्ट्रोनिकए सोशल मीडियाए पम्फलेट आदि का इस्तेमाल करते हुये व्यापक जन.जागरूकता अभियान चलाया जाये।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 कुमार खगेन्द्र चिकित्साधीक्षक डॉ0 राजेश गुप्ता चिकित्साधीक्षक रूड़की डॉ0 संजय कंसल डॉ0 चन्दन मिश्रा डॉ0 सुबोध जोशी डॉ0 विक्रान्त सिरोही डॉ0 गंभीर तालियान डॉ0 आर0के0 सिंह डॉ0 दिल्लीरमन डॉ0 अचिन्तन गर्ग डॉ0 अनिल वर्मा डॉ0 मनीष कुमार ऊषा बिष्ट सहित सम्बन्धित अधिकारीकारीगण उपस्थित थे।
संस्कृति शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर शीघ्र होगी नियुक्ति
देहरादून, संस्कृत शिक्षा के संवर्धन एवं प्रचार-प्रसार को लेकर प्रदेशभर में संस्कृत सप्ताह मनाया जायेगा। जिसका शुभारम्भ आगामी 8 अगस्त को राजभवन देहरादून से किया जाएगा। संस्कृत सप्ताह का संचालन राज्यभर में 14 अगस्त तक किया जायेगा। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत ग्राम घोषित किये जायेंगे, जिनके चयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। विभाग में लंबे समय से रिक्त चल रहे विभिन्न पदों को प्रतिनियुक्ति एवं आउटसोर्स के माध्यम से शीघ्र भरने के निर्देश निदेशक संस्कृत शिक्षा को दे दिये गये हैं।
सूबे के संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज हरिद्वार स्थित संस्कृत अकादमी में संस्कृत शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डॉ0 रावत ने देववाणी संस्कृत के व्यापक प्रसार एवं संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने बताया कि आगामी 8 अगस्त से प्रदेशभर में संस्कृत सप्ताह मनाया जायेगा। जिसका शुभारम्भ राजभवन देहरादून से किया जायेगा। इस दौरान लोगों को संस्कृत भाषा के प्रति जागरूक किया जायेगा साथ ही वेद, पुराण एवं उपनिषदों सहित संस्कृत ग्रंथों की जानकारी उपलब्ध कराई जायेगी। डॉ0 रावत ने कहा कि संस्कृत के गौरव को पुनः प्राप्त करने के लिये इसका प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि संस्कृत राज्य की द्वितीय राजकीय भाषा है, इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिये प्रत्येक जनपद में एक-एक संस्कृत ग्राम घोषित किये जायेंगे, जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को चयन प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। संस्कृत शिक्षा मंत्री ने बताया कि चयनित संस्कृत ग्रामों में संस्कृत भाषा का संवर्धन किया जायेगा साथ ही संस्कृत भाषा के महापुरूषों एवं विद्वानों के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर संस्कृत महोत्सव आयोजित किये जायेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग में रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर शीघ्र भरा जायेगा। इसके लिये संस्कृत शिक्षा निदेशक को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अंतर्गत सचिव संस्कृत शिक्षा परिषद, संयुक्त निदेशक एवं उप निदेशक के रिक्त एक-एक पद तथा सहायक निदेशक के रिक्त छह पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जायेगा जबकि चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। समीक्षा बैठक के उपरांत विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत अकादमी एवं संस्कृत निदेशालय का निरीक्षण किया।
बैठक में निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ0 एस0पी0 खाली, कुलसचिव संस्कृत विश्वविद्यालय डॉ0 गिरीश अवस्थी, सहायक निदेशक डॉ0 चण्डी प्रसाद घिल्डियाल, संजू ध्यानी, पद्मनाभम मिश्रा, शोध अधिकारी हरीश चन्द्र गुरूरानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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