देहरादून, कोरोना संक्रमण के दौरान अनाथ हुये बच्चों को गोद लेने अथवा उनकी मदद करने के कई मैसेज आजकल सोशल मीडिया पर लगातार चल रहे हैं | इस संबंध में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने कहा कि प्रदेश में कोविड से माता-पिता की मौत के बाद बच्चों की देखभाल करने एवं उन्हें गोद लेने के नाम पर कुछ गिरोह सक्रिय हो गए हैं, जो लोगों से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। कहा कि पुलिस को इस तरह के लोगों से सख्ती से निपटने की जरूरत है।
आयोग की अध्यक्षा ऊषा नेगी ने कहा कि कोविड से कई बच्चों के माता-पिता की मौत हो चुकी हैं। ऐसे में कुछ लोग इन बच्चों के नाम पर सोशल मीडिया पर मैसेज कर रहे हैं। इसमें कुछ लोग यह कह रहे हैं कि इन बच्चों को गोद लें, तो कुछ इन बच्चों के नाम पर आर्थिक सहयोग की मांग कर रहे हैं, यह गैरकानूनी है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के गिरोह के लोगों की ओर से संपर्क के लिए जो नंबर दिए जा रहे हैं, देखने में आया है कि उन नंबरों पर कॉल करने पर नंबर बंद आता है, लेकिन गिरोह के लोगों तक कॉल करने वालों का नंबर पहुंच जाता है। जो बाद में कॉल कर इस तरह के बच्चों को गोद लेने वालों तक पहुंचाने के लिए धनराशि की मांग करते हैं, आयोग की ओर से इस संबंध में पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है। कहा कि बच्चों को गोद लेने की एक प्रक्रिया है, कोई भी व्यक्ति इस तरह के गिरोह के झांसे में न आए।
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