Monday, November 25, 2024
HomeTrending Now1500 फीट की ऊंचाई पर कैसे टकराईं थी ट्रॉलियां, घटना से पहले...

1500 फीट की ऊंचाई पर कैसे टकराईं थी ट्रॉलियां, घटना से पहले का Video Viral

नेशनल डेस्क: झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर पर्यटकों के लिए बने रोपवे की केबल कारों में दस अप्रैल की शाम हुई टक्कर के बाद 1500 से 2000 फीट की ऊंचाई पर 25 केबल कारों में फंसे 48 लोगों में से 46 लोगों को लगभग 46 घंटे के अथक प्रयास के बाद वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और सेना के जवानों ने एमआई 17 हेलीकॉप्टरों की मदद से बचा लिया जबकि तीन की मौत हो गई एवं 12 अन्य घायल हो गए।

दो की मौत हेलीकॉप्टर से बचाए जाने के दौरान नीचे गिर जाने से हुई।
देवघर रोपवे हादसे का एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे दो ट्रॉलियां आपस में टकरा गईं। टक्कर होते ही ट्रॉलियों में बैठे लोगों के बीच चीख-पुकार मच गई। वीडियो में लोगों की चीख-पुकार को साफ सुना जा सकता है। इस वीडियो को ट्रॉली में सवार लोगों ने बनाया है। केबल कार का रोलर टूटते ही तीन केबल कारें (ट्रॉलियां) पहाड़ से टकरा गईं-और उनमें से दो ट्रॉलियां लुढ़कर नीचे जा गिरीं। ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जब तक कोई कुछ समझ पाता कई श्रद्धालु ट्रॉलियों से जमीन पर गिर चुके थे। रविवार को अंधेरा होने के कारण वायुसेना अपना बचाव अभियान नहीं प्रारंभ कर सकी लेकिन सोमवार को तड़के 5 बजे से लोगों को बचाने का अभियान प्रारंभ किया गया। बचाव दल के अधिकारियों ने बच्चों को बिस्किट और फ्रूटी देकर बहलाने की कोशिश की लेकिन भयभीत बच्चे और बड़े कुछ खा-पी नहीं पा रहे थे। त्रिकुट पहाड़ी पर बने इस रोपवे को अपनी तरह का देश का सबसे ऊंचा रोपवे माना जाता है जिसमें एक पहाड़ी से दूसरी पहाड़ी पर जा रहे रोपवे को कई स्थानों पर 60 डिग्री तक के कोण पर ऊपर चढ़ना होता है।

हाईकोर्ट पहुंचा मामला
झारखंड हाईकोर्ट इस मामले में 26 अप्रैल को सुनवाई करेगा। राज्य सरकार को अदालत ने एक हलफनामे के जरिए विस्तृत जांच रिपोर्ट दाखि़ल करने को कहा है। अदालत ने कहा कि वर्ष 2009 में इस तरह की गड़बड़ी हुई थी, लेकिन उससे सबक नहीं लिया गया और दोबारा घटना हुई है। अदालत ने इस मामले की जांच रिपोर्ट 25 अप्रैल तक अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर महाधिवक्ता ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है तथा बचाव एवं राहत कार्य जोरों पर है एवं अब कुछ लोग ही फंसे हैं जिन्हें निकाला जा रहा है। रविवार को इस दुर्घटना के बाद अंधेरा हो जाने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया था। यद्यपि केन्द्र सरकार के निर्देश पर सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान मौके पर पहुंच गए थे।

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments