Sunday, April 28, 2024
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ओमिक्रोन के खतरे के बीच होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव, जानिए क्या कहती है केंद्र की नई गाइडलाइंस

नई दिल्ली, प्रेट्र: बदले हालात में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के हल्के और मध्यम संक्रमण से ग्रस्त मरीजों के लिए होम क्वारंटाइन की अवधि को घटाकर सात दिन कर दिया है।

अब घर में रह रहे ऐसे मरीजों को संक्रमण के सात दिन बाद और लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं आने पर ठीक मान लिया जाएगा। ओमिक्रोन से हल्का संक्रमण होने के चलते यूरोप और अमेरिका में भी क्वारंटाइन की अवधि को घटाया गया है।मंत्रालय ने लोगों से खुद से ही दवा लेने से बचने की सलाह दी है।

डाक्टरी सलाह के बाद लें दवा

दिशानिर्देशों में कहा गया है कि किसी डाक्टर की सलाह पर ही लोग कोई दवा लें या सीने का एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसी जांच कराएं। मंत्रालय ने कहा है कि हल्के संक्रमण में स्टेरायड की जरूरत नहीं है। अपने से स्टेरायड लेना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इसके ज्यादा उपयोग से बाद में दूसरी तरह की परेशानियां हो सकती हैं। हर व्यक्ति का इलाज उसके हालात के मुताबिक होता है। इसलिए किसी दूसरे व्यक्ति को दी गई दवा या उपचार का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

होम क्वारंटाइन की अवधि में कटौती

साथ ही दिशानिर्देशों में कहा गया है कि होम क्वारंटाइन में रहने वाले मरीजों को संक्रमित पाए जाने के दिन से कम से कम सात दिन बाद और लगातार तीन दिन बुखार नहीं होने पर डिस्चार्ज माना जाएगा, लेकिन उसे मास्क पहनना जारी रखना होगा। शुरू में 14 दिन का होम क्वारंटाइन का नियम था जिसे बाद में घटाकर 10 दिन कर कर दिया गया था। इसी तरह अमेरिका में यह 10 दिन था, जिसे हाल ही में घटाकर पांच दिन कर दिया गया है, जिसकी आलोचना भी हो रही है। होम क्वारंटाइन के बाद जांच की जरूरत नहीं होम क्वारंटाइन या आइसोलेशन की अवधि खत्म होने के बाद दोबारा कोरोना जांच कराने की भी जरूरत नहीं है। संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों में अगर कोई लक्षण नहीं दिखता है तो उनकी जांच कराने की जरूरत नहीं है। उन्हें अपने स्वास्थ्य पर नजर रखनी होगी।

जिला प्रशासन की सकारात्मक भूमिका

घर में रहने वाले मरीजों की निगरानी की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। बुजुर्गो को डाक्टरों की सलाह पर होम आइसोलेशन संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 60 साल से अधिक उम्र और पहले से ही शुगर, हाइपरटेंशन जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त संक्रमितों को डाक्टरों की सलाह पर ही होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। इसी तरह कमजोर प्रतिरक्षा वाले या अंग प्रत्यारोपण वाले मरीजों को भी डाक्टरों की सलाह पर ही घर में क्वारंटाइन किया जा सकता है। जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम इनकी लगातार निगरानी भी करेगी।

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