हरिद्वार, प्रदेश के जनपद हरिद्वार में गुरुवार शाम को हरिद्वार-लक्सर ट्रैक पर जमालपुर फाटक के पास ट्रायल के दौरान चार युवकों की मौत के बाद शुक्रवार सुबह लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। रेलवे के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सैकड़ों लोग जमालपुर फाटक पर पहुंचे और रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया। लोगों का कहना था कि इस पूरे हादसे के लिए रेलवे के अधिकारी जिम्मेदार हैं और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने सहित कई मांगों को मानने का आश्वासन के बाद ही लोगों ने ट्रैक से धरना खत्म किया | गौरतलब हो कि हरिद्वार-लक्सर रेलवे ट्रैक को डबल लेन बनाया गया है। गुरुवार को रेलवे के अधिकारियों ने दिन में निरीक्षण करने के बाद ट्रायल के लिए इस ट्रैक पर ट्रेन चलाई। स्पेशल ट्रेन को पहले लक्सर से हरिद्वार तक चलाया गया। शाम को स्पेशल ट्रेन हरिद्वार से वापस दिल्ली जा रही थी। शाम को इस नए ट्रैक पर ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के सीतापुर गांव के चार युवक बैठे थे। 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही ट्रायल ट्रेन की चपेट में आकर चारों की मौत हो गई थी।
गुरुवार को भी लोगों ने मौके पर पहुंचकर हंगामा किया था, लेकिन रात होने के कारण ज्यादा लोग नहीं जुट पाए। शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे बड़ी संख्या में सीतापुर के लोग जमालपुर फाटक पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए ट्रैक पर धरने पर बैठ गए। लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा था कि आखिर रेलवे की तरफ से ट्रायल की सूचना पहले क्यों नहीं दी गई। ट्रेन की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा क्यों रखी गई।
रेलवे ट्रैक पर लोगोें के धरने पर बैठने की सूचना मिलते ही लक्सर विधायक संजय गुप्ता, हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद और रानीपुर विधायक आदेश कुमार चौहान व भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. जयपाल सिंह चौहान लोगों के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंच गए। धरने पर बैठे लोग रेलवे के साथ ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने उनकी एक नहीं सुनी।
इसके बाद पुलिस अधीक्षक नगर कमलेश उपाध्याय, एसपी रेलवे मंजूनाथ टीसी, आरपीएफ के अधिकारी और एसएसपी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस भी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया। इस बीच रेलवे के कुछ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और कुछ मांगाें को मानने के बाद दोपहर एक बजे लोगों ने ट्रैक को खाली किया, सीतापुर के कुंवरपाल सिंह चौहान ने ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस को दी गई तहरीर में उन्होंने आरोप लगाया कि जमालपुर रेलवे ट्रैक पर चार युवकों की मौत हो जाना रेलवे के अधिकारियों की लापरवाही है। रेलवे अधिकारियों को ट्रायल के बारे में पहले सूचना देनी चाहिए थी। ज्वालापुर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने बताया कि कुंवरपाल की तहरीर पर रेलवे के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ धारा 304-ए के तहत लापरवाही बरतने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
हादसे के बाद अब सीतापुर क्षेत्र में रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ तारबाड़ की जाएगी। करीब दो किलोमीटर के क्षेत्र में तारबाड़ के बाद कोई सीधे ट्रैक को पार नहीं कर पाएगा और दुर्घटना की आशंका नहीं रहेगी। रेलवे के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि शुक्रवार रात से ही यह काम शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही जमालपुर फाटक के दोनों तरफ बस्ती में ट्रेन के आने की सूचना देने के लिए उद्घोषणा सूचक यंत्र लगवाएं जाएंगे। ट्रेन आने से पांच मिनट पहले ट्रैक पर ट्रेन के आने की सूचना देने के साथ ही ट्रैक पर घूमने वालों के हटने के लिए कहा जाएगा।
धरने पर बैठे लोगों ने जमालपुर फाटक पर अंडरपास बनाने की मांग की। जिस पर मौके पर पहुंचे रेलवे के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि दो दिन में अंडरपास का सर्वे करने के लिए टीम दिल्ली से पहुंच जाएगी। धरनारत लोगों कि मांग थी कि पुराने ट्रैक पर जिस स्पीड से पहले ट्रेन दौड़ रही थी उसी स्पीड पर दौड़े। उस पर स्पीड न बढ़ाई जाए। आबादी क्षेत्र में पहले वाली स्पीड से ही ट्रेन दौड़ाई जाए। इसके साथ ही जिस ट्रैक पर बृहस्पतिवार को ट्रायल हुआ है उसपर जब तक सुरक्षा के इंतजाम नहीं होते तब तक ट्रेन न चलाई जाए।
धरना स्थल पर पहुंचे विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि हादसे के बाद भी ट्रेन को रुकवाया नहीं गया। इससे पता चलता है कि उसमें सवार सभी अधिकारी संवेदनहीन थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने मानवता का परिचय नहीं दिया, इसलिए सबके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिलाया जाएगा। रेलवे जांच के बाद मुआवजा देगा। विधायक आदेश चौहान ने बताया कि रेलवे के एडीआरएम की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया है। रेलवे की जांच टीम जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट अधिकारियों को देगी।
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