Tuesday, November 26, 2024
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हरिद्वार : फिर भी नहीं रूके बाबा रामदेव, एलोपैथी को लिया निशाने पर, जारी किया खुला पत्र, दागे 25 सवाल

हरिद्वार, एक तरफ देश में कोरोना संकट चल रहा है और देश के चिकित्सक मोर्चे पर डटकर इस वैश्विक बीमारी से लड़ रहे हैं, इसी बीच योग गुरू बाबा रामदेव ने एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों पर की गई टिप्पणी से उठा तूफान जो फिलहाल शांत होता नजर नहीं आ रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के रविवार को भेजे कड़े पत्र के बाद बाबा रामदेव ने भले ही खेद व्यक्त करते हुए अपने वक्तव्य को वापस ले लिया हो और लगता था कि अब मामला यही पर शांत हो जायेगा, परन्तु सोमवार को उन्होंने फिर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फार्मा कम्पनियों को खुला पत्र भेजकर सवाल उठाए हैं। यहां तक कहा है कि, अगर एलोपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथिक चिकित्सकों को बीमार ही नहीं होना चाहिए। बाबा ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और फार्मा कंपनियों के नाम खुला पत्र जारी कर 25 सवाल दागे हैं। पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने इस तरह का पत्र जारी किए जाने की पुष्टि की।

बाबा रामदेव की टिप्पणी से देश भर के एलोपैथिक चिकित्सकों में जबरदस्त आक्रोश है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने बाबा रामदेव को पत्र लिख सख्त संदेश भी दिया था। इसमें कहा गया था कि उनकी टिप्पणी एलोपैथिक चिकित्सकों का मनोबल तोड़ने वाली हैं। पत्र में उन्होंने बाबा के कदम से कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई कमजोर होने की आशंका भी जाहिर की थी। इस पर रविवार देर रात बाबा ने खेद जताने के साथ ही इस प्रकरण को विराम देने की बात कही थी, लेकिन सोमवार को बाबा रामदेव ने फिर से एलोपैथी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।

खुले पत्र में उन्होंने आईएमए और फार्मा कंपनियों से पूछा है कि एलोपैथी के पास हाइपरटेंशन, थायराइड, आर्थराइटिस, कोलाइटिस, अस्थमा और लीवर सिरोसिस जैसी तमाम गंभीर बीमारियों का स्थायी समाधान क्या है। उन्होंने कहा कि अब तो एलोपैथी को शुरू हुए दो सौ साल हो चुके हैं। इसी तरह फार्मा इंडस्ट्री पर सवाल दागते हुए उन्होंने पूछा है कि क्या उनके पास माइग्रेन का स्थायी समाधान है कि एक बार दवा खाने पर यह हमेशा के लिए बंद हो जाए। वह इतने पर ही नहीं रुके पूछा कि आज आदमी बेहद क्रूर हो रहा है, एलोपैथी में उसे इंसान बनाने वाली कोई दवा हो तो बताएं। उन्होंने पूछा है कि क्या फार्मा इंडस्ट्री के पास आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच झगड़े को खत्म करने की दवा है। स्वामी रामदेव ने खुले पत्र में यह तक कह डाला कि एलोपैथी सर्वशक्तिमान एवं सर्वगुण सम्पन्न है तो फिर एलोपैथी के डाक्टर तो बीमार होने ही नहीं चाहिये |

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