“इस साल रामलीला का शारदीय नवरात्रों में 3 से 13 अक्टूबर 2024 तक होगा भव्य आयोजन”
देहरादून, श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952 द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक रामलीला को देहरादून में पुनर्जीवित करने के लिए निर्णय लिया गया और आजाद मैदान, टिहरी नगर, अजबपुर कलां, दून यूनिवर्सिटी रोड में “हनुमान ध्वजा स्थापना” कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम स्थल से सभी क्षेत्रवासियों ने मिलकर “हनुमान ध्वजा” को टिहरी नगर में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर गढ़वाल के वाद–यंत्र “ढोल दमाऊ” के साथ परिक्रमा करवाई गयी। तत्पश्चात विधि विधान से “हनुमान ध्वजा” की स्थापना की गई।
श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा कि गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी टिहरी में 1952 से हर वर्ष रामलीला के सफल आयोजन की कामना हेतु जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हनुमान ध्वजा का विधि विधान से स्थापना होती थी और इसी दिन से रिहर्सल का कार्य भी आरंभ होता था, अतः हमने भी वही परंपरा का पालन किया है। गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला का अपने आप में बहुत बड़ा ऐतिहास है और या रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी डूबने तक आयोजन किया गया। गढ़वाल की धरोहर इस रामलीला को 2023 में 21 वर्षों बाद देहरादून में पुनर्जीवित किया गया और विभिन्न माध्यमों से रामलीला मंचन को पिछले वर्ष रिकार्ड 10 लाख लोगों तक पहुंचने में सफलता पाई।
उन्होंने कहा कि रामलीला से न सिर्फ इतिहास को जीवित करने का मौका मिलता है बल्कि आने वाली पीढियां के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलता है।
उल्लेखनीय है कि अजबपुर, देहरादून स्थित टिहरी नगर में इस साल रामलीला आने वाले शारदीय नवरात्रों में 3 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2024 तक भव्य रूप से आयोजित की जाएगी। इस रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद, मंचन आदि सब टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे टिहरी के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ रहे। पिछले वर्ष 2023 में आयोजित “भव्य रामलीला” में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड़ के इतिहास में पहली बार”Laser Show” व Digital Live Telecast का प्रसारण किया गया था।
इह मौके पर कार्यक्रम में अध्यक्ष अभिनव थापर, सचिव अमित पंत, गिरीश पैन्यूली, गिरीश पांडे, नरेश मुल्तानी, मनोज जोशी,शिवप्रसाद नौटियाल, राकेश पांडे, बिजेंद्र प्रसाद पंत, दिनेश मिश्रा, मंगानद नौटियाल, नवीन रमोला, दुर्गा नौटियाल, उर्मिला पंत, सरिता जुयाल, किरण बहुगुणा, कुलदीप बिष्ट, रश्मि पंवार, बबली सकलानी, पूनम सकलानी आदि मौजूद रहे l
श्री बदरीनाथ धाम में धूमधाम से मनायी जा रही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, भव्य रूप से सजाया गया मंदिर परिसर
“श्री केदारनाथ धाम सहित श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ, श्री त्रियुगीनारायण मंदिर, श्री गोपाल जी मंदिर नंदप्रयाग में भी जन्माष्टमी मनायी जा रही”
चमोली (बदरीनाथ), श्री बदरीनाथ धाम में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम एवं उल्लासपूर्वक मनाया जा रहा है। इसके लिए श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर ली है। श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर को भब्य रूप से सजाया गया है।श्री कृष्ण जन्माष्टमी से पहले मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया है।
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सभी तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी है। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म धर्म की रक्षा तथा आसुरी प्रवृत्तियों के विनाश के लिए हुआ।
बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल जन्माष्टमी कार्यक्रम हेतु रविवार प्रात: को ही श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये है।
मुख्य कार्याधिकारी मंदिर समिति की ओर से आयोजित भजन संध्या, भगवान श्रीकृष्ण के जन्माष्टमी कार्यक्रम में देर रात तक मौजूद रहेंगे। उन्होंने सभी को जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएं दी है।
आज जन्माष्टमी कार्यक्रम के अवसर पर भगवान बदरीविशाल के गर्भगृह सभा मंडप में रावल अमरनाथ नंबूदरी द्वारा भगवान बदरीविशाल, श्री नारद जी उद्धव जी सहित सभी सभामंडप में मौजूद देवताओं श्री कुबेर जी नारद जी नर- नारायण जी का विशेष श्रृंगार शुरू हो गया है। रात्रि 10 बजकर 45 मिनट से भगवान श्री कृष्ण के जन्माष्टमी पर्व की शुरुआत हो जायेगी तथा मध्य रात्रि में भगवान श्री कृष्ण का जन्म होगा तथा जन्म के बाद जन्मोत्सव मनाया जायेगा।
इससे पहले तप्तकुंड कीर्तन मंडली, महिला मंगल दल माणा, महिला मंगल दल बामणी, सरस्वती शिशु मंदिर बामणी,द्वारा भजन कीर्तन संध्या आयोजित होगी इसके पश्चात बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित सदस्य गण, मुख्य कार्याधिकारी एवं आचार्य जगमोहन कोटियाल,डा. शैलेन्द्र नारायण कोटियाल भगवान कृष्ण जन्माष्टमी पर संबोधित करेंगे।इसके पश्चात धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट पूजा आरंभ करेंगे।
भगवान कृष्ण के जन्म पश्चात कल मंगलवार को श्री बदरीश पंडा पंचायत की ओर से बदरीनाथ धाम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा भगवान कृष्ण जन्मोत्सव की भब्य झांकी श्री बदरीनाथ के भ्रमण पश्चात श्री बदरीनाथ मंदिर पहुंचेगी जहां जन्मोत्सव कार्यक्रम का समापन होगा।
आज जन्माष्टमी कार्यक्रम में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, मंदिर समिति सदस्य भास्कर डिमरी,मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, प्रशासनिक अधिकारी विवेक थपलियाल, स. नोडल अधिकारी राजेंद्र सेमवाल, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी,नरेंद्र खाती,अजय सती, अनसुया नौटियाल, अजीत भंडारी, भागवत मेहता,संजय भंडारी,वैभव उनियाल, हरेंद्र कोठारी, विकास सनवाल चंदन फर्स्वाण विपुल मेहता राहुल मैखुरी अमित डिमरी आदि मौजूद रहेंगे।
आज नीति घाटी के लौंग गांव से श्रद्धालु पुरुष – महिलाओं का दल श्री बदरीनाथ धाम दर्शन को पहुंचा। महिला मंगल दल ने पारंपरिक परिधान स्थानीय बोली भाषा में झूमेलो एवं चांचड़ी गाकर भगवान बदरीविशाल का भजन-कीर्तन किया।
इस अवसर पर पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, डिमरी पंचायत पूर्व अध्यक्ष विनोद डिमरी सहित ग्राम पंचायत प्रधान बलवंत सिंह पंवार, गंगा देवी, पुष्कर सिंह,मनोज पंवार, दलवीर पंवार सहित कई श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री मौजूद रहे।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि श्री केदारनाथ धाम में भी श्री जन्माष्टमी पर्व उल्लासपूर्वक मनाया जायेगा।
कार्यक्रम में पुजारी शिवशंकर लिंग, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी/ मंदिर प्रभारी केदारनाथ यदुवीर सिंह पुष्पवान, सहित तीर्थ पुरोहितगण, एवं धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल,लोकेंद्र रिवाड़ी,प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण,विक्रम रावत,ललित त्रिवेदी सहित सभी अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहेंगे।
श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाने की तैयारी बीते कल रविवार से ही शुरू हो गयी है इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी/ श्री नृसिंह मंदिर प्रभारी विजेंद्र बिष्ट, कर्मचारी संघ सचिव अरविंद पंत, वरिष्ठ सहायक संदीप कपरुवाण, पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी, सुशील डिमरी, प्रबंधक भूपेंद्र राणा , रामप्रसाद थपलियाल आदि मौजूद रहेंगे।
श्री त्रिजुगीनारायण मंदिर,श्री गोपाल जी मंदिर नंदप्रयाग एवं मंदिर समिति के अधीनस्थ मंदिरों, दस्तूरधारी मंदिरों में भी जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।
‘रुण-झुण चौमास‘ में गढ़वाली लोकगीतों की हुई शानदार प्रस्तुति
देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से ‘रुण-झुण चौमास‘ शीर्षक के तहत गढ़वाली लोकगीतों का एक कार्यक्रम संस्थान के सभागार में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में गढ़वाल अंचल में गाये जाने वाले परम्परागत वर्षाकालीन गीतों की शानदार प्रस्तुति दी गई। इसमें श्रीकृष्ण से सम्बन्धित कुछ गीतों की प्रस्तुति भी कलाकारों द्वारा दी गई। रविवार सायं आयोजित गढ़वाली लोक संगीत के इस विशेष कार्यक्रम में आशा रावत, मीना उनियाल, पुष्पा रावत, अंजु भट्ट एवं बीना गुसांई ने समूह गायन कर शानदार प्रस्तुति दी और सभागार में उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम में संगीत के तौर पर ढोलक पर सैकत मंडल, बांसुरी पर महेश चन्द एवं हारमोनियम पर रॉबिन करमाकर ने साथ दिया।
कार्यक्रम में प्रस्तुत गीतों में रुण-झुण चौमास और हरे-भरे हो गये पहाड़, सूखी धरती की तीस बुझने, गाड़ -गधेरों, नौलों-धारों में पानी छलछला उठने, कुहरे के पसरने जैसे सौन्दर्य के साथ पहाड़ के धुर छानियों में रह रहे पशुपालकों के जनजीवन, घनघोर वर्षा में प्रियतम के वियोग व विवाहिता बेटी के अपने मायके की याद से जुड़े अनेक मार्मिक पक्ष उजागर हुए। रुण-झुण चौमास के इन विविध रंगों की प्रस्तुति को श्रोताओं ने खूब सराहा।
प्रस्तुति देने वाले कलाकारों ने सबसे पहले पारम्परिक गढ़वाली लोकगीत ‘जय जय बद्रीनाथ जी झमको ‘ गाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद ‘जलम्यूं नारैणा,‘ ‘ठंडु माठु चौमास‘, ‘सेरा की मींडोली‘, ‘ले पोथली को मास‘, ‘चौमासी रिमझिम‘, ‘मथुरा जनम तेरो बाल गोविन्दा जी‘, ‘ननि ननि घिंगर की डाळी‘, के साथ ही बीना कंडारी द्वारा रचित ‘टिकुली बिंदुली‘ व ‘डांडी कांठी‘ आदि गीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अन्त में सुपरिचित संस्कृतिकर्मी व लोकगायक स्व. केशव अनुरागी द्वारा रचित प्रसिद्ध गीत ‘हे दीदी हे भुली हे ब्वारी‘ से किया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने श्रोताओं का स्वागत किया। निकोलस हॉफलैंड ने ने शानदार प्रस्तुति के लिए कलाकारों के उज्जवल भविष्य की कामना की और श्रोताओं का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शान्ति बिन्जोला ने किया।
इस दौरान सभागार में अनेक संस्कृति प्रेमी, रंगकर्मी, लोक गायक,लेखक,साहित्यकार व पाठक सहित शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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