Wednesday, November 20, 2024
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संस्कृति और तकनीक के अदभुत संगम वाली “भव्य रामलीला” का उत्तराखंड में पहली बार होगा मंचन : अभिनव थापर

देहरादून, श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी, – पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु देहरादून के टिहरी-नगर के ” आजाद मैदान, अजबपुर कलां, दून यूनिवर्सिटी रोड़, देहरादून ” में 11 दिन की ‘ भव्य रामलीला ‘ का आयोजन शारदीय नवरात्रों में 15 से 25 अक्टूबर तक किया जाएगा।
श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून ” के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की टिहरी गढ़वाल की ऐतेहासिक रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी के ‘आजाद मैदान’ में 2002 तक टिहरी के डूबने तक होती रही और टिहरी के जलमग्र होने के बाद अब टिहरी विस्थापितों ने देहरादून में इसको 21 वर्षो बाद पुनर्जीवित करने का निर्णय किया है। इससे टिहरी गढ़वाल के इतिहास को पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।

इस बार रामलीला में विशेष आकर्षण के रूप में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से रामलीला का प्रसारण किया जाएगा।* नई तकनीक में डिजिटल स्क्रीन व अन्य डिजिटल टेक्नोलाॕजी के माध्यम से मंचन की व्यवस्था की जाएंगी। कलाकारों में बचेंद्र कुमार पांडे 50 साल बाद मंच पर उतरकर इतिहास बनायेंगे और साथ ही गढ़वाली फिल्मों की प्रसिद्ध गायिका “प्यारी निर्मला” फेम शिवानी नेगी और “कान्हा रे कान्हा” फेम पूनम सकलानी जैसे प्रसिद्ध कलाकार भी इस रामलीला में अभिनय करेंगे। संस्कृति और तकनीक के अदभुत संगम की ऐसी भव्य रामलीला का उत्तराखंड में पहली बार मंचन होगा।*

उल्लेखनीय है की अजबपुर, देहरादून स्थित ” टिहरी नगर ” में रामलीला आने वाले शारदीय नवरात्रों में 15 अक्टूबर 2023 से भव्य रूप से आयोजित करी जाएगी। इस रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद,मंचन आदि सब पुरानी टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे गढ़वाल के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे। प्रेस वार्ता में अध्यक्ष अभिनव थापर, सचिव अमित पंत, डॉ नितेंद्र डंगवाल, गिरीश चंद्र पांडेय, नरेश कुमार, गिरीश पैनुली, बचेंद्र कुमार पांडे, मनोज कुमार जोशी, पूनम सकलानी, अनुराग पंत, अश्विनी पांडे, आदि ने भाग लिया।May be an image of 6 people and text

 

विदेशों में भी धूम : प्रवासी उत्तराखण्ड़ियों के साथ सैफ काम करने वालों ने भी मनाया गढ़भोज दिवस

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देहरादून, गढ़भोज दिवस का आयोजन उत्तराखंड के साथ हिमाचल एवं दिल्ली सहित नीदर लैंड, न्यूजीलैंड सहित अमेरिका के कैलिफोर्निया में सैफ का काम करने वाले, प्रवासी भारतीयों के द्वारा किया गया।
सरकारी स्कूलों, कालेजों,विश्व विद्यालयों, अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज सहित स्वैच्छिक संगठनों के द्वारा लगभग 15 हजार स्थानों पर गढ़ भोज दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के साथ साथ स्कूलों में गढ़ भोज के विभिन्न पकवान बनाए गए।
नीदरलैंड में भी शेफ टीकाराम सिंह के द्वारा अपने होटल में गढ़ भोज दिवस मनाया गया जिसमें वो वर्तमान में काम करते है उनके द्वारा रागी (कोदा) की पापड़ी चाट, रागी (कोदा)की काठी रोल , भंगजीर (पैरिला सीड्स) सलाद, मूँगदाल बर्नियार्ड मिलेट्स से कई सारी डिश बनाई गई और गढ़ भोज अभियान के बारे में जानकारी दी।
अमेरिका के कैलिफोर्निया में कुमाऊ की मूल निवासी भावना कार्की ने वहा पर उत्तराखंड की समृद्ध भोजन परंपरा के बारे में वहा के लोगों को बताया।
न्यूजीलैंड में कार्यरत संदीप सेमवाल, आशीष व्यास , नरेश व्यास ने गढ़ भोज की विशेषताएं बताई।
हिमाचल के बिलासपूर में कमलेश गुरुरानी के द्वारा गढ़ भोज दिवस के अवसर पर गढ़ भोज पार्टी दी गई वही पंजाब और दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखण्डियों के द्वारा विभिन्न स्थानों पर गढ़ भोज दिवस मनाया गया।

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