देहरादून, प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती और इसे सच साबित करने का कार्य किया है मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के छोटे बेटे प्रभाकर धामी ने। अपने स्केटिंग के खेल कौशल से विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त कर अपने नाम प्रभाकर के अनुरूप छोटी सी आयु में प्रसिद्धि प्राप्त की है। प्रभाकर के स्केटिंग की खास बात ये है कि उन्होंने इसे सीखने के लिए किसी कोच की मदद नहीं ली बल्कि स्वयं ही अपने दैनिक प्रयास के माध्यम से स्केटिंग के गुर सीखे।
कुछ दिन पूर्व प्रभाकर ने टोन्सब्रिज पब्लिक स्कूल में आयोजित 21वीं उत्तराखण्ड राज्य रोलर स्केटिंग चौंपियनशिप में भी अपना दमखम दिखाते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
प्रभाकर की मां गीता धामी ने बताया कि प्रभाकर को बचपन से ही स्केटिंग का शौक था, अक्सर स्कूल से आकर स्केटिंग खेलने की जिद और इस खेल के प्रति ललक से आज प्रभाकर के हौसले को और अधिक मजबूती मिलेगी। प्रभाकर की स्केटिंग खेल कौशल से लगता है कि आगे आने वाले समय में अवश्य वह इसके माध्यम से देश व प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
आपदा प्रबंधन एवं भूकम्परोधी तकनीक के क्षेत्र में जापान से सहयोग लिया जाए : मुख्यमंत्री
देहरादून, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में फिक्की फोरम ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स द्वारा जापानी दूतावास के सहयोग से आयोजित संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्य से जुड़े विभिन्न विषयों पर एवं जापान और उत्तराखण्ड के बीच पार्टनरशिप को बढ़ाने के लिए चर्चा हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जापानी प्रतिनिधिमण्डल का जापानी भाषा से शुरूआत कर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड भूकम्प एवं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। आपदा प्रबंधन एवं भूकम्परोधी तकनीक के क्षेत्र में जापान राज्य को क्या सहयोग दे सकता है, इस दिशा में प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के लिए जापान से सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन, कृषि, हॉर्टीकल्चर के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इनको बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास भी किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की वैल्यू एडिशन कर मार्केटिंग में जापान से किस प्रकार सहयोग लिया जा सकता है, इस ओर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय कल्चर एवं सांस्कृतिक विरासत से संबंधित जानकारी एवं अन्य अध्ययन के लिए जापान से कोई भी प्रतिनिधिमंडल उत्तराखण्ड आना चाहते हैं, तो उनका देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत है। राज्य द्वारा इसके लिए हर संभव सहयोग दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड योग, आयुष, वैलनेस टूररिज्म के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। इन क्षेत्रों में जापान को जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी, वह दी जायेगी।
इस अवसर पर सांसद एवं फिक्की फोरम ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स के अध्यक्ष राजीव प्रताप रूडी, भारत जापान दूतावास के उप प्रमुख कुनिहिको कावाजू, फिक्की के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल मनीष सिंघल, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा आदि उपस्थित थे।
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