Thursday, November 28, 2024
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मिड डे मिल में गढ़ भोज शामिल, उत्तराखण्ड़ के हर विद्यालय में हफ्ते में एक दिन गढ़भोज बनेगा

हमारे प्रदेश में कई वीर भड़ हुये हैं सभी गढ़ भोज खा के स्वस्थ तंदुरुस्त रहे : डा. धन सिंह रावत

देहरादून, हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान के द्वारा देहरादून के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बालिका आवासीय छात्रावास में प्रथम गढ़ भोज दिवस का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के द्वारा मिड डे मिल में गढ़ भोज को शामिल किया गया। शिक्षा मंत्री ने छात्रों को गढ़ भोज की थाली परोसी व खुद भी छात्रों के साथ गढ़ भोज खाया। इस अवसर पर उन्होंने जाड़ी संस्थान के द्वारा वर्ष 2000 से उत्तराखंड के पारम्परिक भोजन को पहचान व थाली का हिस्सा बनाने के लिये चलाये जा रहे गढ़ भोज अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा की उत्तराखंड़ 52 गढ़ों का प्रदेश है। गढ़ भोज में 52 गढ़ों की फसलों, परंपराओं व स्वाद का समावेश है। हमारे प्रदेश में कई वीर भड़ हुये हैं सभी गढ़ भोज खा के स्वस्थ तंदुरुस्त रहे। आज से उत्तराखण्ड के हर विद्यालय में सप्ताह के एक दिन गढ़भोज बनेगा। जो हमारे स्वस्थ व समृद उत्तराखंड की कल्पना को साकार करेगा। हमारा भोजन दुनिया के भोजन में सर्वोतम भोजन हैं भोजन की दुनिया में आने वाली सदी में गढ़भोज की होगी।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने डा. अरविन्द दरमोडा की लिखी पुस्तक गढ़भोज एक दृष्टि व स्कूली पाठ्यक्रम के लिये द्वारिका प्रसाद सेमवाल द्वारा लिखी ‘गढ़ भोज उत्तराखंड का परंपरागत भोजन’ पुस्तक का विमोचन किया। आने वाले समय में गढ़ भोज दिवस भोजन के उत्सव के रूप में जाना जायेगा। गढ़ भोज दिवस को अगले वर्ष स्वयं स्कूल-कालेज के माध्यम से मनाएगी।
पद्मश्री कल्याण सिह रावत ने कहा की द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने गढ़ भोज अभियान के माध्यम से उत्तराखंड के भोजन को मुख्यधारा से जोड़ने का एतिहासिक कार्य किया।

इस अवसर पर गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की 21 साल के संघर्ष को आज शिक्षा मंत्री ने मिड डे मिल में शामिल कर गढ़ भोज अभियान को स्वीकार्यता दी। आज मनाया गया गढ़ भोज दिवस नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने का माध्यम बनेगा। वर्ष में एक दिन ऐसा हो जब प्रदेश भर मे एक साथ भोजन का उत्सव मनाये अपने परंपरागत भोजन के बारे में जानकारी जुटाये व दस्तावेजीकरण करे इस उदेश्य से गढ़ भोज दिवस मनाना शुरू किया गया।May be an image of 10 people, people sitting, people standing and indoor
इस अवसर पर शिक्षा निदेशक श्री बंशीधर तिवारी ने कहा की गढ़ भोज नई पीडी को जड़ों से जोड़ने व बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने का सबसे सरल उपाय हो सकता है। गढ़ भोज से स्वस्थ के साथ आर्थिकी भी समृद्ध होगी।
इस अवसर पर छात्रावास के बच्चों ने सास्कृतिक प्रस्तुति भी दी।
शिक्षा मंत्री द्वारा विभिन्न विधालय में गढ़ भोज अभियान से जुडकर बेहतरीन कार्य करने वाले शिक्षकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया, सुरक्षा रावत रा.इ. कालेज श्री कालखाल उत्तरकाशी, चैत राम सेमवाल टिहरी, संजीव सेमवाल टिहरी, आलोक बिजल्वाण आराकोट, विकास पंत पौड़ी, संदीप उनियाल रेणुका समिति उत्तरकाशी, लता नौटियाल नोगावँ, शिवम देहरादून।

इस अवसर पर डा.अरविन्द दरमोडा, विकास पंत, गंगा बहुगुणा, प्रो. मोहन सिंह पंवार, मुख्य शिक्षा अधिकारी मुकुल सती, वार्डन संगीता तोमर, नरेश नौटियाल,सुरक्षा रावत, संदीप उनियाल, विनोद कुमार पंत, जितेंद्र नौटियाल, डा सन्तोष, एच सी पुरोहित, वीना रातुड़ी, एम एस रावत कुलपति गरूराम राय विश्वविधालय, प्रो.यतीश वशिष्ट, पूर्व वन संरक्षक जयराज, स्वामी अदेत्यनन्द लक्ष्मोली, छात्र छात्रों सहित सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर लाल चावल, झंगोरे की खीर, चौसा, माण्ड का सूप, मडुए की पुड़ी व राजमा बनाई गई ।

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