Tuesday, April 16, 2024
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“अबी- गामिन” पर्वत शिखर पर फतेह करने वाले पर्वतारोही अभियान को महानिदेशक, आईटीबीपी द्वारा किया गया फ्लैग इन

देहरादून, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के महानिदेशक आईपीएस संजय अरोरा,नीलाभ किशोर आईपीएस महानिरीक्षक, उत्तरी फ्रंटियर तथा आईटीबीपी के वरिष्ठ अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों व हिमवीरों द्वारा मध्य हिमालय पर्वत श्रृंखला में स्थित 7355 मीटर ऊंचे चमोली क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य के दसवें सर्वोच्च पर्वत शिखर अबी-गामिन पर राष्ट्र एवं बल का परचम लहराकर सकुशल वापिस आऐ पर्वतारोही दल का भव्य स्वागत किया गया ।
इस अवसर पर फैयाज खान, द्वितीय कमान, 23वीं वाहिनी द्वारा समारोह की रूपरेखा बताते हुए अवगत करवाया गया कि 28 सदस्यीय इस अभियान दल को श्री नीलाभ किशोर, आई०पी०एस० महानिरीक्षक, उत्तरी फ्रंटियर द्वारा दिनांक 09/5/22 को सीमाद्वार कँप देहरादून से राष्ट्रीय झंडे, आई०टी०बी०पी० और उत्तरी सीमांत के फ्लैग लगी आईस एक्स के साथ फ्लैग ऑफ किया था।

अभियान के संपन्न होने तक यह फ्लैग अभियान दल के नेता श्री कुलदीप सिंह, उप सेनानी, द्वित्तीय वाहिनी के पास ही सुरक्षित रखा था तथा पर्वतारोहण अभियान सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर आज एक भव्य समारोह के दौरान श्री संजय अरोरा, महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल को सुपूर्द कर दिया गया ।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय श्री संजय अरोरा द्वारा अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के सामरिक व साहसिक कार्य करना इस बल की परंपरा रही है। इस विशिष्ट बल द्वारा देश-विदेश में तमाम चोटियों पर पर्वतारोहण अभियान सफलता पूर्वक सम्पन्न किए हैं या यूँ कहें कि आई०टी०बी०पी० को एक विश्व स्तरीय बल के रूप में स्थापित करने में आई.टी.बी.पी. के पर्वतारोहियों की विशेष भूमिका रही है। मुझे ऐसे जाबांज पर्वतारोही दल को फ्लैग इन करते हुए बहुत ही गौरव की अनुभूति हो रही है, जिसने 7355 मीटर ऊंचे, दुर्गम, हिमाच्छादित, निम्न ऑक्सीजन स्तर तथा निर्जन पर्वत शिखर पर अभियान को पूर्ण कर परचम लहराया हैं। इससे स्पष्ट होता है कि निश्चित ही इस अभियान से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़े सभी पदाधिकारियों ने पूरे समर्पण भाव से कार्य किया है। तथा अभियान दल ने अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुयें बल के आदर्श वाक्य “शौर्य दृढ़ता कर्म निष्ठा” को चरित्रार्थ किया हैं तथा हिन्दी की एक कहावत भी उन्होंने मार्गदर्शन के तौर पर बोली कि :- “करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान और रसरी आवत जात से सिल पर पड़त निशान” यानि अभ्यास हीं किसी काम की आधारशिला व कुंजी होती हैं।

इसके अतिरिक्त अभियान दल द्वारा 22850 फीट की ऊँचाई पर बर्फीले दुर्गम व विपरीत मौसमी हालातो मे दिनांक 01.06.22 को योगा अभ्यास कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व योग अभ्यास करके आई०टी०पी०पी० का नाम देश व विदेशों में रोशन किया है तथा रामूचे जन गानस को एक संदेश भेजा हैं और प्रेरित किया हैं।

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