Sunday, December 22, 2024
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ग्रीष्म कला उत्सव का चौथा दिन : सत्ता संघर्ष के इतिहास को बखूबी से बयां करता है हरिसुमन बिष्ट का उपन्यास

देहरादून, दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र’ की ओर से आयोजित पांच दिवसीय ‘ग्रीष्म कला उत्सव’ का चौथा दिन साहित्यिक विमर्श के नाम रहा।
सांध्यकालीन सत्र में आज प्रतिष्ठित उपन्यासकार हरिसुमन बिष्ट के उपन्यास ‘बत्तीस राग गाओ मोला’ पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी की अध्यक्षता में शानदार बातचीत हुई। बीज वक्तव्य कवि प्रो. शैलेय ने दिया। बातचीत में मुख्य वक्ता के तौर पर आलोचक एवं शिक्षाविद प्रो. धीरेन्द्र नाथ तिवारी, वरिष्ठ कथाकार एवं शिक्षाविद प्रो. नवीन कुमार नैथानी, शिक्षाविद डा. सविता मोहन और वरिष्ठ रंगकर्मी डा. सुवर्ण रावत थे। मंच का संचालन भारती आनंद ने सफलतापूर्वक किया।
‘बत्तीस राग गाओ मोला’ लेखक हरिसुमन बिष्ट का हिंदी साहित्य में लीक से हटकर लिखा गया एक बेहतरीन उपन्यास है। यह उपन्यास अठारहवीं सदी के महान चित्रकार, गढ़वाल चित्र शैली के जनक कवि और गढ़ राज्य के मुद्राधिपति मोला राम तोमर के जीवन के एक विशेष कालखंड की एक ऐसी अवधि पर प्रकाश डालता है, जब दो भाई महराज प्रद्युम्न्न शाह और कुंवर पराक्रम शाह के बीच खूनी संघर्ष चल रहा था और इसका फायदा गोरखा सैनिक ले रहे थे। कुमाऊँ के बाद गढ़ राज्य भी गोरखाओं के अधीन हो जाता है। उपन्यास तत्कालीन इतिहास को बयां करने के साथ उस समय के सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक और दोनों राज्यों की बदहाल आर्थिक स्थिति का भयावह चित्र खींचता है। बावजूद इसके लेखक ने इस उपन्यास को ‘मोला राम का अधूरा किस्सा’ कहा है। उपन्यास ‘बत्तीस राग गाओ मोला’ के सन्दर्भ में हरिसुमन बिष्ट ने अपने वक्तव्य में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र का आभार व्यक्त करते हुए कहा, यह एक इतिहास नहीं अपितु पूर्ण रूप से मेरा एक उपन्यास है। यह उपन्यास सत्ता के संघर्षों और उन संघर्षों के बीच उपजे पारिवारिक कलह, गोरखा सैनिकों के आतंक व लूट के सामानांतर शौकीन मिजाज के मोला राम के कवि और चित्रकार रूप को बड़ी खूबसूरती के साथ सामने रखता है।
उल्लेखनीय है कि हरिसुमन बिष्ट हिंदी साहित्य में एक प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कथाकार के रूप में जाने जाते हैं. उनके अब तक आठ उपन्यास, आठ कहानी संग्रह,तीन यात्रावृतांत और कई नाटक प्रकाशित हुए हैं।वे कई फिल्मों की पटकथा, संवाद लिख चुके हैं। उनके उपन्यासों और कहानियों का अंग्रेजी सहित अन्य भारतीय भाषाओँ में अनुवाद हो चुका है. डाॅ. बिष्ट हिंदी पाठकों में जितने चर्चित हैं उतने ही दूसरी भाषाओं में भी पढ़े जाते हैं। उनकी रचनाओं का देश भर में मंचन हुआ है।
पहाड़ के जीवन को उन्होंने अपने उपन्यासों और कहानियों की पृष्ठभूमि में प्रमाणिकता के साथ रखा है। ‘आसमान झुक रहा है’, ‘आछरी माछरी’, ‘होना पहाड़’ और ‘अपने अरण्य की ओर’ उपन्यास उत्तराखंड के जन जीवन को लेकर हैं। दूसरी ओर ‘बसेरा’ भारतीय जीवन में भू मंडलीकरण के बाद आये सामाजिक बदलाव का जीता जागता उदाहरण है, जिसे निठारी कांड का वीभत्स रूप में देख सकते हैं। ‘भीतर कई एकांत’ भी इसी भू मंडलीकरण से उपजी विकट परिस्थियों में एक वृद्ध की मनोदशा का चित्र खींचता है जो देश की आजादी के लिए संघर्ष का गवाह भी है। हरिसुमन बिष्ट को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। अपनी घुमक्कड़ वृति के लिए लेखक खूब जाने जाते हैं। साहित्य के क्षेत्र में आपको कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।
कार्यक्रम में दून पुस्तकालय के प्रोग्राम एसोसिएट ने प्रारम्भ में मंचासीन अतिथियों और सभागार में उपस्थित लोगों का स्वागत किया।

कार्यक्रम में कार्यक्रम समन्वय निकोलस हॉफ़लैंड व बिजू नेगी, साहित्यकार जितेन्द्र शर्मा, दिनेश जोशी, मुकेश नौटियाल,डाॅ. नन्द किशोर हटवाल,समदर्शी बड़थ्वाल, अरुण कुमार असफल,सुन्दर सिंह बिष्ट सहित देहरादून के अनेक साहित्यकार, बुद्धजीवी, पत्रकार, साहित्य प्रेमी और पुस्तकालय के पाठकगण उपस्थित रहे।

 

व्यापारी हितों व व्यापारी एकता के लिए भारतीय व्यापार मण्डल उत्तराखंड में करेगा सुरक्षा कवच का कार्य : वैभव जैन

देहरादून, उत्तराखंड के व्यापारियों को एक मंच पर लाने के लिए भारतीय व्यापार मंडल ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। यह व्यापारियों का एक ऐसा संगठन है जो की पूरे भारतवर्ष में कार्य कर रहा है यह संगठन व्यापारियों के हित के लिए लगभग 18 राज्यों में व्यापारियों को एक को मंच पर ला चुका है ।

देहरादून में एक पत्रकार वार्ता के दौरान भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैभव जैन ने कहा कि वैसे तो देश में बहुत सारे उद्योग और व्यापारी संगठन बने है, लेकिन वह व्यापारियों का हित नही कर पाए, इन व्यापार मंडल की विफलता रही कि ये सरकार के साथ कोई सामंजस्य नही स्थापित कर पाए,…यही कारण रहा कि सरकारी योजनाओं का व्यापारियों को लाभ नही मिल पाया और ना ही उनकी समस्याओं का निराकरण हो पाया ।

प्रदेश स्तर पर तो बहुत सारे व्यापारी संगठन हैं मगर राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी व्यापारी संगठन नहीं था जिसके लिए भारतीय व्यापार मंडल का गठन किया गया ।

भारतीय व्यापार मंडल का कार्य क्षेत्र संपूर्ण भारत है जिसके चलते देश के सभी व्यापारी वर्ग को जोड़ने का काम किया जा रहा हैं और अब तक 18 राज्यों के व्यापारियों को इस संगठन से जोड़ा जा चुका है इस संगठन का मुख्य कार्य छोटे-बड़े व्यापारियों की समस्याओं को लेकर एक मंच पर साझा करने का है जिससे कि व्यापारियों की समस्या का निराकरण किया जा सके और व्यापारियों के मुद्दों को सरकार तक आसानी से पहुंचाया जा सके।

वैभव जैन कहा कि आज का व्यापारी बहुत सारी दिक्कतों का सामना कर रहा है जिसमें सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स, जीएसटी तो कभी प्रदूषण के नाम पर तो कभी लेबर एक्ट को लेकर ऑनलाइन मार्केट जैसे मामले मुख्य रूप से सामने आ रहे हैं, वहीं कुछ छोटे व्यापारियों को व्यवसाय में घाटा होने पर किसी भी तरीके की आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है, जिसमें यह संगठन आगे आकर अपने व्यापारी भाइयों की मदद कर सकेगा |

भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वैभव जैन ने कहा कि अभी हम देहरादून के समस्त व्यापारियों से मिल रहे हैं उसके बाद हम पहाड़ के जितने भी व्यापारी हैं सभी से मिलकर उन सबको एक मंच पर लाने का काम करेंगे, जिससे कि भारतीय व्यापार मंडल की नीतियां और लाभ के बारे में उनको अच्छे से जानकारी साझा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी भागीदारी व्यापारियों की है। देश में कोई भी संकट या महामारी हो, हमारे देश का व्यापारी सबसे पहले आगे आकर मदद करता है, पर दुःख का विषय है कि वो आज भी अपने अधिकारों के लिए अकेला लड़ रहा है, भारतीय व्यापार मंडल व्यापारी की समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर है।

इस संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक जफर सरेशवाला जी है और दूसरे संरक्षक डॉ. अनंत भागवत जी है जिनके मार्गदर्शन में ये संगठन काम कर रहा है।
भारतीय व्यापार मंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अंकुर सिंघल जी और राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय जनमेजय जी की दूरदर्शिता से भी यह संगठन दिन और रात बढ़ रहा है।
पहाड़ में काम कर रही उद्यमी महिलाओं के लिए भी भारतीय व्यापार मंडल ने सुशीला खत्री को मंडल का महिला मोर्चा अध्यक्ष नियुक्त किया है…जो की महिलाओं के बीच में जाकर उनके व्यापार को आगे लाने का प्रयास करेंगी साथ ही महिलाओं के उत्थान के लिए महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा |
इस अवसर पर एसपी नौटियाल को भी गढ़वाल मंडल अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई।

 

अशासकीय महाविद्यालयों की सम्बद्धता में शिक्षा विभाग की हरकत से सरकार की छवि धूमिल : जुगरानउत्तराखंड: भाजपा नेता जुगरान ने कॉलेजों को असंबद्ध करने पर खड़े किए सवाल -  BJP leader Ravindra Jugran raised many questions on Union Ministry of  Education

देहरादून, याचिकाकर्ता व भाजपा नेता रवीन्द्र जुगरान ने कहा है की उनकी जनहित याचिका पर वर्ष 2021 में ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी अशासकीय महाविद्यालयों के पक्ष में निर्णय देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि सभी अशासकीय महाविद्यालयों की संबद्धता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में यथावत बनी रहेगी। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि इसके उपरांत भी उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन लगातार इन अशासकीय महाविद्यालयों पर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की संबद्धता लेने के लिए जो दवाब बना रहा है वह उच्च न्यायालय उत्तराखंड के आदेश/ निर्णय की अवमानना की श्रेणी में आता है। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की डिग्री की मान्यता विश्व व्यापी होती है जबकि राज्य के विश्व विद्यालय की नहीं। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि उत्तराखंड शासन को चाहिये की श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के आधार भूत ढांचे को सुदृढ़ करने में अपनी शक्ति लगाये और ध्यान केंद्रित करे क्योंकि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय की स्थापना को एक दशक से भी ज्यादा हो गया है और आज भी यह आउट सोर्सिंग कर्मचारीयों के भरोसे चल रहा है और स्थायी कर्मचारियों की कमी के चलते अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करने में असफल साबित हुआ है और वर्तमान बोझ भी नहीं झेल पा रहा है। रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग उत्तराखंड शासन की इन हरकतों के कारण भाजपा सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।
रवीन्द्र जुगरान ने कहा कि बार बार वेतन देने की बात कर रहा है जबकि उनकी रवीन्द्र जुगरान की जनहित याचिका पर निर्णय सुनाते हुए उच्च न्यायालय उत्तराखंड ने स्पष्ट किया है कि संबद्धता तो हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में ही बनी रहेगी और वेतन का मसला राज्य और केंद्र सरकार मिलकर तय करें की वेतन देने का उत्तरदायित्व किसका रहेगा।

 

छात्रा प्रकाम्या का भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) थालासेरी, केरल के लिए हुआ चयन

– अंडर-15 में हासिल है आल इंडिया में पांचवीं रैकिंग

देहरादून, सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल (एसबीपीएस) फेंसिंग एकादमी की छात्रा प्रकाम्या कोठारी का चयन भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) थालासेरी, केरल के लिए हुआ है। प्रकाम्या एसबीपीएस में सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसका चयन नेशनल लेवल पर उसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर हुआ है। बलूनी ग्रुप के एमडी विपिन बलूनी ने प्रकाम्या की इस उपलब्धि पर उसे सम्मानित किया और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि स्कूल के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि प्रकाम्या की इस उपलब्धि से अन्य खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रकाम्या कोठारी सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसने तलवारबाजी में महाराष्ट्र के नासिक में आयोजित राष्ट्रीय तलवारबाजी अंडर-10 और अंडर -12 में दो बार गोल्ड मेडल हासिल किया है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में आयोजित प्रतियोगिता अंडर-14 में उसे देश भर में पांचवीं रैंक हासिल हुई।
सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल फेंसिंग एकादमी के कोच प्रदीप कोठारी के अनुसार केरल स्थित थालासेरी केंद्र फेंसिंग के लिए देश भर में अग्रणी संस्थान है। यहां से देश के कई ओलपिंयन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण मिला है। प्रख्यात तलवार भवानी देवी ने भी इसी संस्थान से प्रशिक्षण हासिल किया है। स्कूल के शिक्षक, प्रशिक्षक और समस्त स्टाफ ने प्रकाम्या की उपलब्धि पर हर्ष जताया है और उसे शुभकामनाएं दी हैं।

 

सिद्धार्थ के सहयोग से हुआ निर्धन परिवार की बेटी का विवाह संपन्न

देहरादून, महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल ने पिछले दिनों शिवाजी नगर वार्ड 24 में भीषण अग्निकांड हुआ था जिसमें कई परिवार के घर जल गए थे। उस समय मौके पर महानगर के अध्यक्ष सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल के द्वारा सभी परिवारों से मिलकर उनकी स्थिति का जायजा लिया था। तभी मौके पर एक रविंद्र साहनी के परिवार जिसमें उनकी बेटी का विवाह होना था परिवार के द्वारा विवाह के लिए धनराशि एकत्र की गई थी जो की आग में जलकर राख हो गई थी। महानगर अध्यक्ष के इस बात को लेकर उनके परिवार के प्रति संवेदना रखते हुए उनकी बेटी सकीना का विवाह मोनी साहनी से करवा कर दोनों जनों को वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर अनुसूचित मोर्चे के अध्यक्ष विशाल कुमार पूर्व सभासद मुरली शर्मा जितेंद्र मिश्रा दशरथ सनी तुलसी साहनी रणजीत सिंह राजेश दास संजय वाल्मीकि अंकित वाल्मीकि हरि सिंह अनूप दयाल राकेश कोटियाल आदि स्थानीय क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

 

छात्र छात्राओं को वितरित की गयी लेखन सामग्री, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन ने उठाया बीड़ा

देहरादून, मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन द्वारा वार्ड 35 राजकीय प्राथमिक विद्यालय सरस्वती नगर में स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र एवं छात्राओं को दानदाताओं के सहयोग से लेखन सामग्री वितरित की गयी |
कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाजसेवी वैभव गोयल, मीनू गोयल चौधरी, हिमांशु कपूर रहे… कार्यक्रम के अध्यक्षता सचिन जैन ने की | इस अवसर पर मीनू गोयल चौधरी ने कहा कि यह संगठन निरंतर निस्वार्थ भाव से जन सेवा में लगा रहता है संगठन के सभी सदस्य भी इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं यह संगठन निरंतर समाजिक कार्यो मे अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है जिसका हिस्सा बनने का सौभाग्य मुझे भी प्राप्त होता रहता है

इस मौके पर वैभव गोयल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि संगठन का कार्य वास्तव में सराहनीय है बच्चों के लिए वह हर वह सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं जिससे उनको उनके जो भविष्य में कोई बाधा ना आए और वह अपनी पढाई पूरी कर सके..इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष मधु जैन राजकुमार तिवारी विशंभर नाथ बजाज माधवी शर्मा प्रीति थपलियाल पूनम रानी मीरा शर्मा पाखी आदि लोग मौजूद रहे |

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