Friday, December 27, 2024
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पीएम मोदी और शाह से मिले पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र, राजनैतिक चर्चायें शुरू, क्या मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी..?

देहरादून, उत्तराखंड़ के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात ने राज्य राजनैतिक तपिस को फिर हवा दे दी । इस भेंट के काफी मायने निकाले जा रहे हैं, पूर्व सीएम ने पीएम मोदी को उत्तराखंड में फिर विधानसभा चुनाव जीतने का भरोसा दिया है,

वहीं, शाह से उनकी राज्य के राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई। सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र को मोदी से मुलाकात का 12 बजकर पांच मिनट पर भेंट का वक्त दिया था, लेकिन इस दौरान संसद भवन में मोदी कुछ वरिष्ठ अफसरों के साथ मीटिंग में थे। यह मीटिंग खत्म होने के 20 मिनट बाद त्रिवेंद्र की मोदी से मुलाकात हुई। इस दौरान लगभग आधा घंटें से ज्यादा राज्य के विभिन्न मसलों पर उन्होंने मोदी के संग चर्चा की। उन्होंने चार साल तक उत्तराखंड में जनता की सेवा का मौका देने पर पीएम का आभार भी जताया। सूत्रों ने बताया कि त्रिवेंद्र ने उनसे आगामी विधान सभा चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा की और भरोसा दिया कि भाजपा राज्य में दोबारा सत्ता में आएगी और एक कार्यकर्ता के रूप में वे इसके लिए कड़ी मेहनत करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी जिम्मेदारी उन्हें दी जाएगी वे ईमानदारी से उसका पालन करेंगे |

इससे पहले पूर्व सीएम ने केंद्रीय मंत्री शाह से भी मुलाकात की और राज्य के राजनीतिक हालातों पर चर्चा की। उन्होंने विपक्ष कांग्रेस में हुए हालिया फेरबदल से भी शाह को अवगत कराया और राज्य में बने ताजा राजनीतिक समीकरणों की जानकारी दी। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उन्होंने गढ़वाल-कुमाऊं के हालिया दौरे में मिले फीडबैक से शाह को वाकिफ कराया।
राज्य में अगले साविधान सभा चुनाव होने हैं और भाजपा हरहाल में फिर सत्ता में काबिज होना चाहती है, जबकि उत्तराखंड़ का राजनैतिक इतिहास हर बार सत्ता बदलता है, ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के पीएम मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री शाह से मुलाकात के बाद फिर राज्य में चर्चाएं तैरने लगे हैं। त्रिवेंद्र के करीबी लोगों का मानना है कि पार्टी राष्ट्रीय संगठन में उन्हें अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। दरअसल, मौजूदा समय में राजनीतिक रूप से गढ़वाल पिछड़ गया है। पार्टी हाईकमान इसकी भरपाई के लिए त्रिवेंद्र को संगठन में कोई औहदा दे सकता है। इसी साल नौ मार्च को सीएम पद से इस्तीफा के बाद त्रिवेंद्र की भाजपा के शीर्ष दिग्गजों से यह पहली मुलाकात है।

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