Sunday, December 22, 2024
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लोकगायक नेगी को मिला ‘डिस्टिंग्विश्ड लीडरशिप इन इंडियन फोक सिंगिंग’ अवार्ड, ब्रिटिश संसद में गूंजा “ठंडो रे ठंडो” पहाड़ी गीत

देहरादून, उत्तराखण्ड़ का सदाबहार गीत “ठंडों रे ठंडो” गीत जब ब्रिटिश संसद में गूंजा तो सभी मंत्रमुग्ध हो गये, मौका था ब्रिटेन की संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में आयोजित ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड (जीबीए) समारोह में भारतीय समुदाय के अति विशिष्ठ लोगों को सम्मानित करने का। समारोह का आयोजन आईआईएसएएफ ने किया था। यहां प्राप्त खबरों में बताया गया है कि अवार्ड विजेताओं का चयन एक ज्यूरी द्वारा किया गया। सभी विजेताओं को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस समारोह में उत्तराखंड के प्रख्यात कवि, गीतकार और लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी को उनके 50 सालों में लोक गीत, संगीत और संस्कृति के उन्नयन, संरक्षण, संवर्धन, प्रोत्साहन और योगदान के लिए डिस्टिंग्विश्ड लीडरशिप इन इंडियन फोक सिंगिंग से पुरस्कृत किया गया।

नेगी ने इस मौके पर अपने सदाबहार गीत “ठंडों रे ठंडो” गा कर उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। जीबीए के इस कार्यक्रम में सहयोगी उत्तराखंड ग्लोबल फोरम के सह-संस्थापक संदीप बिष्ट ने इस मौक़े पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान सिर्फ़ नेगी ही नहीं बल्कि संपूर्ण उत्तराखंड और दो करोड़ से अधिक उत्तराखंडियों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान आने वाले नये कलाकारों को भी प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि नेगी ने हमेशा पहाड़ों के सामाजिक सुखों और दुखों को अपने गीतों से उठाया है और हम आशा करते हैं कि वो आगे भी ऐसे ही गीत लेखन और गायन को जारी रखेंगे।

आईआईएसएएफ के अध्यक्ष आदित्य प्रताप सिंह ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि प्रतिभाशाली भारतीय पेशेवरों के प्रयासों को वैश्विक मंच पर मान्यता देने से भारत की प्रतिष्ठा को ऊपर उठाने में मदद मिलती है।

नेगी जैसे लोक कलाकार जो पिछले 50 वर्षों से अपनी भाषा, संस्कृति, परंपरा को अपने गीतों के माध्यम से संरक्षित करते हुए तत्परता से आगे बढ़ा रहे हैं, उनका यह सम्मान सारे समाज का सम्मान है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद लॉर्ड रामी रेंजर, विंडसर के एमपी जैक रांकिन, मेयर प्रेरणा भारद्वाज मौजूद थे। इसके अलावा विभिन्न देशों के दूतावासों जैसे माल्टा और इटली आदि के प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

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