मसूरी। पहाड़ों की रानी मसूरी के समीपी जौनपुर विकासखड़ में इन दिनों बूढ़ी दीपावली की धूम मची है। जिसके साथ ही चौथे दिन बराज का त्योहार धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जिसके तहत ग्रामीणों ने भैलो खेला व राँसों, तांदी के साथ पांडव नृत्य का मनमोहक दृश्य देख लोग भाव विभोर हो उठे।
जौनपुर, जौनसार क्षेत्र में दीपावली के ठीक एक माह बाद मनाई जाने वाली बग्गवाल बूढ़ी दीपावली के चौथे दिन बराज का पर्व बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, बराज के त्योहार पर ग्रामीणों ने सुबह के समय अपने पौराणिक रीति रिवाजों के साथ बाद्ययन्त्रों कि थाप पर देवदार व भीमल के छिलकों से बनाये भैलो होलड़े खेले, उसके बाद बबाईं घास से नागरूपी रस्सी बनाई गई,
जिसकी विधि विधान से पूजा अर्चना की व उसके बाद रस्साकसी के साथ खीचते हुए तोड़ा गया, बराज पर क्षेत्र के के हर गांव में राँसों, तांदी, और पांडव नृत्य की गूंज से माहौल खुशनुमा बना रहा है, ग्रामीणों ने मंगसीर की दीपावली पर कई प्रकार के शुद्ध पहाड़ी व्यजनों से घर आये मेहमानों की मेहमान नवाजी की। इस मौके पर अधिक तर नौकरीपेशा लोग गांव आते हैं तथा अपनी पारंपरिक लोक संस्कृति के पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। यहीं कारण है कि जौनपुर जौनसार मे ंआज भी लोक संस्कृति जिंदा है।
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