Saturday, April 27, 2024
HomeTrending Nowनए जिलों के गठन की तैयारी में धामी सरकार, उन शहरों के...

नए जिलों के गठन की तैयारी में धामी सरकार, उन शहरों के नाम जो जिलों की दौड़ में हैं आगे

देहरादून, उत्तराखंड में सरकार नए जिलों के गठन को लेकर भी विचार विमर्श करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस बात के संकेत दिए हैं। राज्य में बीते लंबे समय से नए जिलों की मांग उठती रही है जिसे देखते हुए अब जनप्रतिनिधियों व सामाजिक एक्टिविस्ट से भी सरकार राय मशवरा करेगी । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है की नए जिलों के गठन में इंफ्रास्ट्रक्चर समेत क्या-क्या व्यवस्थाएं जुटाने है इस बात का भी मंचन किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा है छोटी प्रशासनिक इकाइयों के गठन को लेकर लंबे अरसे से उत्तराखंड में मांग चलती आ रही है।

उत्तराखंड में अभी 2 मंडल, 13 जिले :
उत्तराखंड में इस समय दो मंडल और 13 जिले मौजूद हैं। इनमें मुख्य रूप से थराली, गैरसैंण, कर्णप्रयाग, ऋषिकेश-नरेन्द्रनगर, यमुनोत्री, रुड़की, कोटद्वार, डीडीहाट, रानीखेत, रामनगर-काशीपुर समेत एक दर्जन से अधिक जगहों को जिला बनाने की मांग होती रही है। यमुनोत्री जिला बनाओ समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि पिछले दो दशक से अश्वासन पर अश्वासन ही मिले हैं। धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।

2011 में भाजपा सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वतंत्रा दिवस के मौके पर चार नए जिलों के गठन की जो घोषणा की वह धरातल पर आने से पहले ही दम तोड़ गई। निशंक की इस घोषणा को ‌उनके बाद आए भाजपा सरकार के ही तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूरी ने शासनादेश जारी किया लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ पाया। भाजपा इसके लिए कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाती रही है। डीडीहाट, रानीखेत, कोटद्वार और यमुनोत्री, इन चार जिलों के गठन के निशंक के आदेश के संबंध में हुआ यह कि जिलों के क्रियान्वयन की कवायद शुरू होने से पहले ही विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस की सरकार आ गई। जिसके मुखिया विजय बहुगुणा बने, उन्होंने राज्य में अन्य स्थानों पर भी चल रहे जिलों के निर्माण की मांग को देखते हुए ने जिलों के गठन का मसला हल करने के लिए तत्कालीन राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासनिक इकाईयों के पुनर्गठन के लिए आयोग का गठन का आदेश किया। इससे पूरा मामला ही ठंडे बस्ते में चला गया।

 

अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति गोल्डन कार्ड समेत विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन करेगी

देहरादून, लोनिवि मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के संघ भवन में मंगलवार को समिति की बैठक में आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई गई। इस दौरान समिति के मुख्य संयोजक देहरादून सुभाष देवलियाल ने बताया कि देहरादून के समस्त कार्यालयों में एक सितंबर से 15 सितंबर तक गेट मीटिंग कर जनजागरण अभियान चलाया जाएगा, जिसके बाद आंदोलन शुरू होगा। मौके पर सोमवीर सिंह, दीपचंद्र बुडलाकोटी, आरपी जोशी, मुकेश बहुगुणा, रवींद्र चौहान, मुकेश ध्यानी, सुनील ढौढियाल, एमआर खंडूड़ी, सुंदर लाल आर्य, राजेंद्र प्रसाद थपलियाल, उर्मिला, यमुना प्रसाद, दीपक कुमार, दीपक नौटियाल आदि मौजूद रहे।

 

गणेश चतुर्थी पर पांडालों में धूमधाम के साथ स्थापित हुये गणपति बप्पा , गणेश महोत्सव का किया शुभारंभ

देहरादून, देश के साथ साथ उत्तराखंड़ में भी गणेश चतुर्थी पर्व सादगी के साथ मनाया गया, देहरादून और तीर्थनगरी ऋषिकेश के साथ अन्य जिलों में भी गणेश चतुर्थी पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। विभिन्न मंदिरों और समितियों ने गणेश महोत्सव का शुभारंभ किया गया। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के साथ पांडालों में धूमधाम के साथ गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना की गई। दून में बुधवार सुबह से ही गणपति महोत्सव की घूम देखने को मिली। कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों में गणपति की मूर्ति स्थापित कर उसकी विधिविधान के साथ पूजा अर्चना की। तीर्थनगरी ऋषिकेश के आदर्श ग्राम स्थित श्री सिद्ध गणेश मंदिर में प्रातः पूजा-अर्चना और भजन कीर्तन के साथ आरंभ हुए कार्यक्रमों के साथ संत महात्माओं ने प्रवचन किए।लक्ष्मणझूला मार्ग स्थित बगलामुखी पीठ में गणेश महोत्सव पर भगवान गणेश की नौ फीट ऊंची मूर्ति की स्थापना की गई साथ ही विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न कराए गए।नगर की हद्वय स्थली त्रिवेणी घाट में भी धार्मिक अनुष्ठानों के बीच गणपति जी स्थापित किए गये। पर्व का प्रमुख केन्द्र श्री गणपति सेवा मंडल के तत्वावधान में मनाया जा रहा गणपति महोत्सव रहा। इसके साथ ही जगह जगह पर श्रीगणेश की मूर्तियों को खरीदने की लोगों में होड़ लगी रही |

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments