देहरादून, शहीद स्मारक में आयोजित विचार गोष्ठी में भारी संख्या में जुटे विषय विशेषज्ञ एवं विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों व नगर के जागरूक विचारवान नागरिकों ने जमीन से जुड़े मुद्दों, विकास के नाम पर हो रहे जंगलों के कटान , पर्यावरण , विकास व उसके स्वरूप पर खुल कर व्यापक विचार विमर्श किया I
जल जंगल जमीन पर जनता के अधिकार और पर्यावरण के साथ संतुलन स्थापित करते हुए विकास की नीति व योजनाओं के संचालन की बात को चर्चाओं में पुरजोर तरीके से उठाया गया I
संगोष्ठी का आयोजन संयुक्त रूप से राज्य आंदोलनकारी मंच, गढ़वाल सभा, संयुक्त नागरिक संगठन, स्वराज अभियान, उत्तराखंड महिला मंच एवं संयुक्त मोर्चा के द्वारा किया गया था I
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉo रवि चोपड़ा के द्वारा की गई I संगोष्ठी का संचालन उत्तराखंड महिला मंच के संयोजक कमला पंत द्वारा किया गया I उन्होंने बैठक की शुरुआत करते हुए सिटीजन फॉर दून का आभार व्यक्त किया, जिसने एक्सप्रेसवे के नाम पर राजाजी नेशनल पार्क के ठीक बगल में हजारों पेड़ों के कटान के विरोध की पहल करते हुए इन सभी मुद्दों पर विचार करने के करने के लिए देहरादून के सभी जागरूक जनों व संगठनों को प्रेरित किया I
सिटीजन फॉर ग्रीन दून के हिमांशु अरोरा ने विकास के नाम पर जंगलों का जो अनवरत कटान होता जा रहा है उस पर चिंता व्यक्त करते हुए इस के जन विरोध का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया I इस बात को आगे बढ़ाते हुए रवि चोपड़ा ने सड़कों के चौड़ीकरण के नाम पर पहाड़ों में जो जंगलों का कटान किया जा रहा है उस से होने वाले नुकसान की वैज्ञानिक विवेचना प्रस्तुत की और पर्यावरण के साथ संतुलन उठाते हुए विकास कार्यों की बात को वैज्ञानिक आधार पर प्रामाणिक रूप से जरूरी बताते हुए चर्चा को आगे बढ़ाया l
विचार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संयुक्त नागरिक संगठन के सुशील त्यागी ने पर्यावरण को बचाने के लिए सभी जागरूक संगठन और नागरिकों की एकजुटता का आह्वान किया और इसके लिए संयुक्त प्रयास की जरूरत पर जोर दिया l
विचार गोष्ठी में प्रमुख वक्ता के रूप में एस एस पाँगती ,बीजू नेगी , बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट कंडवाल, रोशन धस्माना , समर भंडारी, डाक्टर हिमांशु धामी , शंकर गोपालन , राम लाल खंडूरी , श्री जगदीश बावला , भोपाल चौधरी , मनोज ध्यानी, श्री अरुण श्रीवास्तव , डा. हेमंत ध्यानी , एडवोकेट एस डी पंत आदि ने अपने विचारों को प्रस्तुत किया I
बैठक में उक्त वक्ताओं के अलावा सर्व श्री मेहंदीरत्ता , प्रकाश थपलियाल, सतीश धौलाखंडी , जयदीप सकलानी , हिमांशु चौधरी , आरिफ खान , बॉबी पवार , रामलाल खंडूरी , प्रभात डंडरियाल , रविंद्र प्रधान , मोहन रावत ,सुशील सैनी , मुकुल देव शर्मा , यशवीर आर्या , जबर सिंह पावेल , दिनेश भंडारी, गणेश डंगवाल , उदयवीर पवार सुरेश नेगी ,राम चन्द्र रतूडी निर्मला बिष्ट, पदमा गुप्ता मातेश्वरी रजवार , हेमलता नेगी ,आयुष राणा ,आदि अनेक जागरुक साथियों ने प्रतिभाग किया l व्यापक विचार विमर्श से जो मुख्य प्रस्ताव निकले , वे निम्नवत रहे l
1. पर्यावरण को बचाने के लिए समन्वय समिति का गठन व संयुक्त रूप से जन जागरण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा I
2. अप्रैल 22, को पृथ्वी दिवस पर गांधी पार्क में संयुक्त प्रदर्शन किया जाएगा I
3. सरकार से मांग की जाएगी कि कोई भी विकास कार्य पर्यावरण व प्रकृति से संतुलन बनाते ही किया जाए और जंगलों के भारी कटानवाली विकास योजनाओं की जगह वैकल्पिक योजनाएं बनाई जाए I
4 – जमीन के प्रबंधन को अत्यंत गंभीरता से लिया जाए l जमीन जल जंगल पर प्राथमिक रूप से जनता के अधिकारों का संरक्षण किया जाए I इसके लिए स्थानीय स्तर पर ग्राम सभा व स्थानीय निकायों को इस विषय पर निर्णय का अधिकार / निर्णय में प्रमुख भागीदारी दी जाए l
5 – वर्तमान में लागू भू कानून को तत्काल निरस्त करके , राज्य का अपना सशक्त नया भू कानून बनाया जाए I
6 – शहरीकरण की जगह गांव को विकसित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इसके लिए खेती बागवानी एवं कुटीर उद्योग को विकसित करने के लिए सरकार के द्वारा सघन गंभीर प्रयास किए जाए I
संगोष्ठी के अंत में चर्चा को समाप्त करते हुए समयाभाव के कारण कई विद्वान जागरुक साथियों को जिन्हें विचार व्यक्त करने का अवसर नहीं मिल पाया उसके लिए संचालक कमला पंत द्वारा उनसे क्षमा निवेदन भी किया गया I
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