Friday, March 29, 2024
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दून में जाम से निबटने के लिए चारों ओर एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाय : संयुक्त नागरिक संगठन

‘शहर के चारों और बन रहे एक्सप्रेस वे से आमजन को नही मिलेगा लाभ’

देहरादून, संयुक्त नागरिक संगठन की ओर से शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल को ई मेल व डाक के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया, जिसमें कहा गया कि देहरादून शहर के अन्दर की सडकों पर रोज लगते ट्रैफिक जाम से निबटने और बाहरी राज्यों के पर्यटकों की सुविधा के लिए बनने वाले राजधानी देहरादून शहर के चारों ओर 82 किलोमीटर का एक्सप्रेस वे का निर्माण 2500 करोड़ की लागत से किया जाना है। इसके अलावा मोहनड से आशा रोड़ी तक दिल्ली एक्सप्रेसवे भी बन रहा है। यहां से बाहरी ट्रैफिक को शहर के बाहर बाहर गुजारने के लिए आशा रोडी से शहर का नया एक्सप्रेसवे शुरू होगा जो पहले चरण में 12 किलोमीटर बड़ों वाला झाझरा तक बनेगा वहां से आगे यह  मसूरी रोड पर मिलेगा और आगे बढ़ते हुए यह सहस्त्रधारा रोड होकर रायपुर, हर्रावाला से हरिद्वार हाईवे पर मिलेगा। फिर इसके बाद यहां से नया रूट डेवलप होगा जो आशा रोडी पर आकर दिल्ली एक्सप्रेसवे पर मिलेगा। मसूरी सहस्त्रधारा के ट्रैफिक को शहर में दाखिल ना होना पड़े इसके लिए ही एक्सप्रेस वे को शहर के चारों ओर बनाने की तैयारी हो रही है। परन्तु इसका लाभ आमजन को नही मिलेगा क्योंकि शहर में हर साल वाहनों का दबाव बढ़ रहा है और दून मे लगभग 15,00,000 से ज्यादा वाहन रजिस्टर हो चुके हैं। अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में वाहन यहां आते हैं और आमजन जो शहर के भीतर मुख्य केंद्रों के आसपास के क्षेत्रों में, कालोनियों में, मलिन बस्तियों में गलियों में भी रहते हैं और अनेक कारणो से शहर के भीतर ही एक स्थान से दूसरे कोने तक अपने निजी या सार्वजनिक वाहनों से जाते है। इनमें आमजन के साथ पर्यटक, भी होते है। इसलिए ट्रैफिक दबाव की समस्या से उपरोक्त नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण से स्थानीय नागरिको को कोई फायदा नहीं होने वाला है। वास्तव में यहां पर जिन सड़कों पर प्रायः उनमें घंटाघर से लेकर प्रिंस चौक, सहारनपुर चौक होते हुए निरंजनपुर मंडी और घंटाघर से होते हुए प्रिंस चौक, आराघर, मसूरी डायवर्जन तक, दूसरी ओर घंटाघर से सर्वेचौक होते हुए रायपुर तक और घंटाघर से सीधे मसूरी डायवर्जन तक घंटाघर से किशन नगर तक शामिल है।         इसलिए जाम के झाम से निबटने के लिए चारों ओर एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाय। इसके लिए जन सर्वेक्षण कराकर पीडब्लूडी,स्मार्ट सिटी,नगरनिगम,पुलिस विभाग के  सुझाव लेकर शीघ्र कदम उठाने की भी मांग की गयी है।

जीवनदीप आश्रम पहुँचे मुख्यमंत्री, महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी जी महाराज लिया आर्शीवादसीएम धामी ने स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी महाराज से भेंट कर आर्शीवाद लिया व  रूड़की विधायक के घर कन्या पूजन कार्यक्रम में पूजन किया - Devbhoomisamvad.com

हरिद्वार, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रूड़की स्थित जीवनदीप आश्रम में महामण्डलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी जी महाराज से भेंट कर उनका आर्शीवाद प्राप्त किया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी विधायक रूड़की श्री प्रदीप बत्रा के सिविल लाइन स्थित निवास पर पहुँचे, जहाँ उन्होंने नवरात्रि के पावन अवसर पर आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम में विधिपूर्वक कन्याओं का पूजन किया।
इस अवसर पर रूड़की विधायक श्री प्रदीप बत्रा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री जयपाल सिंह चौहान, जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेन्द्र सिंह रावत तथा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

 

जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए महाराज ने किया ग्रामीणों का आह्वान, महिला मंगल दलों, स्वयं सहायता समूहों से भी की सहयोग की अपीलजंगलों में आग पर काबू पाने के लिए महाराज ने किया ग्रामीणों का आह्वान |  Voice of Uttarakhand

देहरादून, प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायत राज, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गढ़वाल एवं कुमाऊं में आरक्षित वन क्षेत्र में दवानल पर नियंत्रण के लिए स्थानीय ग्रामीणों से आग्रह किया है कि वह भी इस कार्य में सरकार का सहयोग करें।

प्रदेश के पंचायत राज मंत्री सतपाल महाराज ने गढ़वाल में दवानल की सात और कुमाऊं में कुल आठ घटनाओं में 4.75 हेक्टर वन क्षेत्र को हुए नुकसान को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करने के साथ-साथ स्थानीय लोगों से अनुरोध किया है कि वह आग पर नियंत्रण के लिए सरकार का सहयोग कर इसके फैलाव को रोकने का प्रयास करें।

श्री महाराज ने अपने गढ़वाल भ्रमण के दौरान जगह-जगह जंगलों में लगी भयानक आग पर नियंत्रण के लिए विभागीय अधिकारियों को पुख्ता इंतजाम करने को कहा है। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों और महिला मंगल दलों सहित स्वयं सहायता समूहों से अनुरोध किया है कि वह आग बुझाने में सहयोग करें ताकि वन संपदा के साथ-साथ बहुमूल्य जड़ी बूटियों को आग से बचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि जंगलों को आग से बचाए रखने में स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। उनकी सहभागिता के बिना जंगलों में लगी आग के फैलाव को रोकना संभव नहीं है। इसलिए उनका अनुरोध है कि वह इस कार्य में आगे आकर सहयोग करें।

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