देहरादून, विश्व पर्यावरण दिवस पर धाद ने एक सकरात्मक अपील के पेड़ों के साथ यात्रा की पहल की है, यह दो यात्रा 5 जून को आयोजित की जा रही जो नेहरू कालौनी से रायपुर- अस्थल- मसूरी रोड, मालदेवता के पास (नगरी चाय के समीप) तक प्रात: 5.30 बजे चलेगी चलेगी, वहीं पेड़ सभा फव्वारा चौक, नेहरु कॉलोनी सायं 5.30 बजे होगी |
इस साल उत्तराखंड के जंगलों में भीषण वनाग्नि लाखों पेड़ों और उससे जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र को लील गयी। लेकिन एक चिंताजनक पहलू यह रहा कि इसको लेकर चुनिन्दा जागरूक नागरिकों को छोड़कर कोई बड़ा सामाजिक रोष नजर नहीं आया। इधर खलंगा के जंगलों में बड़ी संख्या में पेड़ों के काटे जाने की सूचना आ रही है। जागरूक नागरिक और संस्थाएं हर रविवार प्रतिरोध कर रही हैं परंतु आम सामाजिक विमर्श और चिंता में बात गायब है। यह सब कहीं न कहीं बताता है कि हम आम समाज अपने पेड़ों और जंगलों को लेकर एक गहरी उदासीनता में है और उनकी जरुरत और प्रभाव के साथ हमारा सम्बन्ध कहीं कमजोर हो रहा है।
‘धाद’ संस्था हरेलावन कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण के साथ हमारे इर्द-गिर्द के पेड़ों के बाबत संवेदनशील होने को लेकर अनेक गतिविधियां करती आ रही है।
इसी क्रम में घाद विश्व पर्यावरण दिवस पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर रहे है |
पेड़ों के साथ रहिये पेड़ों के पास बैठिये।
पेड़ों की सुनिए- कहिए पेड़ों से जुड़िए।
जिसके अंतर्गत देहरादून में दो सार्वजनिक कार्यक्रम किये जायेंगे |
पहला : सुबह 5.30 बजे पेड़ों के साथ यात्रा होगी जो रायपुर- अस्थल- मसूरी रोड, मालदेवता के पास (नगरी चाय के समीप), देहरादून से प्रारंभ होगी और लगभग 2 किलोमीटर चलने पर एक वनविमर्श के साथ संपन्न होगी। हमारे सहयात्री के रूप में मौजूद रहेंगे उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक पद्मश्री प्रीतम भरतवाण।
दूसरा – शाम 5.30 बजे फव्वारा चौक, नेहरु कोलोनी देहरादून के पिलखन के पेड़ के सान्निध्य (नीचे) एक पेड़ सभा का आयोजन होगा। इसमें शहर के सार्वजनिक स्थानों के पेड़ों के बाबत बात होगी। इस अवसर देहरादून के सभी नागरिक सादर आमंत्रित हैं।
वहीं घाद संस्था का कहना है कि यदि आप देहरादून से बाहर हैं और हमारे साथ नहीं आ सकते तो आपसे अपील है कि इस पर्यावरण दिवस पर अपने घर के निकट के किसी पेड़ के पास बैठिएगा और उसकी बात अपने मित्रों से कीजियेगा। हो सके तो उसकी फोटो अपने मित्रों से साझा कीजियेगा |
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