देहरादून, जनपद में कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज का कार्य दिसंबर 2021 तक शत-प्रतिशत पूर्ण करने हेतु जिला प्रशासन, चिकित्सा एवं स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा अंबेडकर पार्क घंटाघर से आयोजित कोविड वैक्सीनेशन मेला का शुभारंभ आज स्थानीय विधायक खजान दास, मेयर नगर निगम देहरादून सुनील उनियाल गामा, जिला अधिकारी डॉ0 आर राजेश कुमार एवं डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मजेय खंडूरी की उपस्थिति में रिबन काटकर किया गया।
इस अवसर पर स्थानीय विधायक खजान दास ने माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा जिला प्रशासन, स्मार्ट सिटी लि0 एवं स्वास्थ्य विभाग को टीकाकरण कार्य को पूर्ण करने हेतु टीकाकरण मेलेे को आकर्षक बनाने की अभिनव पहल पर शुभकामनाएं दी तथा जनमानस से टीकाकरण मेला में प्रतिभाग करने का अनुरोध किया। कार्यक्रम में माननीय मेयर नगर निगम सुनील उनियाल गामा ने कहा कि जनपद में कोविड वैक्सीनेशन की प्रथम डोज शत-प्रतिशत लोगों को लग गयी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को टीकाकरण की प्रथम डोज लगनी बाकी है वह किसी भी वैक्सीनेशन सेन्टर, जम्बों साइट के साथ ही पल्टन बाजार में एवं पेसिफिक माॅल स्थापित वाॅकिंग वैक्सीनेशन सेन्टर पर टीका लगवा सकते हैं उन्होंने जनपद वासियों से अनुरोध किया है कि जिन लोगों को टीकाकरण की दूसरी डोज लगनी है वह टीकाकरण की दूसरी डोज लगवाएं जिससे जनपद को माह दिसंबर 2021 तक पूर्ण टीकाकरण से आच्छादित किया जा सके।
इस अवसर पर जिलाधिकारी /मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन एवं स्मार्ट सिटी लि0 द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वैक्सीनेशन मेला आयोजित किया जा रहा है तथा त्योहारी सीजन के दृष्टिगत वैक्सीनेशन मेला को आकर्षक बनाने के लिए साप्ताहिक लक्की ड्राॅ एवं मेगा लक्की ड्राॅ की व्यवस्था बनायी गयी है जिससे टीकाकरण की दूसरी डोज लेने वालों को लक्की ड्रॅा के माध्यम से आकर्षक उपहार जीतने का भी मौका है। उन्होंने कहा कि जनपद में लगभग अभी 07 लाख 11 हजार लोगों को दूसरी डोज लगनी बाकी है उन्होंने सभी लोगों से वैक्सीनेशन लगवाने का अनुरोध किया। उन्होंने सभी जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि स्वयं भी सुरक्षित रहना है तथा दूसरों को भी सुरक्षित रखना है इसी सोच के साथ टीकाकरण करवाएं तथा जिनको दूसरी डोज लगनी है उनको टीकाकरण के साथ उपहार जीतने का भी सुनहरा अवसर है इसे हाथ से जाने न दें। और प्रशासन के ‘त्यौहार का तभी मजा है, जब दूसरा डोज लगा है उद्द्योष में सभी का सहयोग आवश्यक है।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस उप महानिरीक्षक/ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मजेय खंडूरी ने कहा कि त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत बाजारों में भीड़-भाड़ बढ़ने की संभावना जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित रहती है उन्होंने सभी जनपद वासियों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने का अनुरोध किया ताकि बाजारों में जाम की स्थिति न बने उन्होंने कहा कि बाजारों में नो पाॅंकिंग जोन में खड़े वाहनों पर कार्यवाही किये जाने के निर्देश सम्बन्धित अधीनस्थ अधिकारियों को दिए है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल, उप जिलाधिकारी सदर मनीष कुमार (आईएएस), अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के के मिश्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार उपरेती सहित स्वास्थ्य विभाग एवं स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित रहे।
डोला-पालकी आन्दोलन के अग्रदूत, स्वतंत्रता सेनानी जयानंद भारती के अतुलनीय योगदान को किया याद
एक सदी पहले सामाजिक अधिकार और स्वतंत्रता के पुरोधाओं में जयानन्द भारती का उत्तराखंड में पहला नाम
पौड़ी, स्वतंत्रता सेनानी व उत्तराखंड में सामाजिक चेतना के अग्रदूत जयानन्द जी के योगदान को याद किया गया। मौका था पौड़ी में होने वाला उनकी स्मृति मेले का, जिसमें शामिल हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज । इस मौके पर उन्होंने भारती द्वारा चलाये डोला-पालकी आन्दोलन और आजादी की लड़ाई में दिये योगदान को याद करते हुए इस प्रसिद्ध मेले को राजकीय मेला घोषित किया ।
विकासखण्ड बीरोंखाल स्थित पंचपुरी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जयानन्द भारती की 141 वीं जयंती पर आयोजित समारोह में बोलते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जयानन्द भारती सामाजिक चेतना के सजग प्रहरी बताया । महाराज ने कहा कि उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक फिल्म का निर्माण भी किया जाएगा साथ ही आगामी वर्षों में इस मेले को मूर्त रूप में आयोजित किया जाएगा । इस अवसर पर विश्व बन्धु भाष्कर द्वारा सम्पादित स्व. शांति प्रकाश प्रेम प्रभाकर की अप्रकाशित पुस्तक का भी श्री महाराज जी द्वारा विमोचन किया गया।
आओ याद करें जयानन्द भारती के अतुलनीय योगदान को
वर्ष 1881में 17 अक्टूबर को पौडी में जन्में जयानन्द भारती स्वतंत्रता सेनानी एवं देवभूमि में सामाजिक चेतना के अग्रदूत थे। उनके द्वारा चलाये डोला-पालकी आन्दोलन, जिसका उद्देश्य शिल्पकारों के दूल्हे-दुल्हनों को डोला-पालकी में बैठने के अधिकार बहाल कराना था । लगभग 20 वर्षों तक चले आन्दोलन को समाधान मिला | इलाहाबाद उच्च न्यायालय का शिल्पकारों के पक्ष में दिया हुआ आदेश। स्वतन्त्रता संग्राम में भी भारती जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। 28 अगस्त 1930 को इन्होंने राजकीय विद्यालय जयहरीखाल की इमारत पर तिरंगा झंडा फहराकर ब्रिटिश शासन के विरोध में भाषण देकर छात्रों को स्वतन्त्रता आन्दोलन के लिए प्रेरित किया। गवर्नर मैलकम हेली के पौड़ी दौरे के दौरान काला झंडा दिखाने की घटना ने तो उन्हें इतिहास के पन्नों में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया । इस दौरान भारती जी ने गवर्नर के सामने जाकर काला ध्वज लहराया व ‘वन्दे मातरम’ का घोष किया। ‘गवर्नर गो बैक’ के नारे लगाते हुए उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया व इसके लिए उन्हें एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा हुई । 9 सितम्बर 1952 को उनका देहावसान हुआ ।
अमूमन इतिहास को एक खास चश्में पहनकर लिखने की प्रवृति ने अनेकों देशभक्तों और समाज सुधरकों के योगदान का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया । जयानन्द भारती के साथ कुछ ऐसा ही हुआ तभी उत्तराखंड में किये इस अम्बेडकरी प्रयासों को उचित पहचान नहीं मिली। उम्मीद है सरकार के ऐसे ही प्रयासों से न केवल प्रदेश की भावी पीढ़ी बल्कि अन्य देशवासी भी परिचित होंगे।
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