Friday, May 3, 2024
HomeStatesUttarakhandइन्वेस्टर समिट से पहले धामी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, उत्तराखंड सेवा क्षेत्र...

इन्वेस्टर समिट से पहले धामी सरकार का मास्टर स्ट्रोक, उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2023 की गई प्रख्यापित

-इस नीति के लागू होने से राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

देहरादून। दिसंबर माह में होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले धामी सरकार ने उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2023 के रूप में मास्टर स्ट्रोक चला है। इस नीति के लागू होने से राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र को जहां बढ़ावा मिलेगा तो इस सेक्टर के जरिये रोजगार के भी तमाम नए दरवाजे खुलने जा रहे हैं।
धामी सरकार का पूरा फोकस इस समय राज्य में निवेश को बढ़ावा देने पर है। इसी उद्देश्य के साथ दिसंबर माह में बड़े स्तर पर राज्य की राजधानी देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट होने जा रही है। इसी के साथ-साथ राज्य के औद्योगिक विकास विभाग के द्वारा उद्योगों की सहूलियत को देखते हुए नई नीतियां लायी जा रही हैं। इसी क्रम में आज हुई धामी सरकार की मंत्रिमंडल बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड सेवा क्षेत्र नीति-2023 लायी गयी है। इसके तहत उत्तराखण्ड सरकार द्वारा स्वास्थ्य देखभाल, वेलनेस एवं पारम्परिक चिकित्सा, शिक्षा, फिल्म और मीडिया, खेल, आई.टी.ई.एस., डाटा सेंटर, कौशल विकास के क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु विशेष फोकस किया जाएगा। माना जा रहा है कि उक्त नीति के प्रख्यापन से राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। नीति के अतंर्गत सेवा अर्थव्यवस्था (पर्यटन को छोड़कर) 2030 तक 27 बिलियन अमरीकी डालर तक बढ़ेगी और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम 40 प्रतिशत का योगदान देगी। इसके अलावा, उत्तराखण्ड वर्ष 2030 से पहले सेवा क्षेत्रों में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगा तो वर्ष 2027 से पहले 45,000 करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत सेवा क्षेत्र में 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा तथा सेवा क्षेत्रों में 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास होगा। सेवा क्षेत्र में निवेशकों को भूमि एवं पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments