हरिद्वार 4 अक्टूबर कुलभूषण देवनगरी हरिद्वार में पॉलिथीन कानूनी रूप से प्रतिबंधित होने के बावजूद भी आखिर यह हर गलीए चौराहे पर इतनी सरलता से कैसे मिल रही हैघ् यह ज्वलंत प्रश्न अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद एवं उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एम सी मेहता ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित श्वन्य प्राणी सप्ताह समारोहश् के उद्घाटन सत्र में उठाया।
मेहता इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आज सख्त से सख्त कानून बन जाने के बावजूद भी हम पर्यावरण को नहीं बचा पा रहे हैं। हमारी नदियाँ हर पल मर रही हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इसके लिए सिर्फ सरकारें दोषी हैंघ् वन्यजीव संरक्षण का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व उन्हें मेनका गांधी ने देश की राजधानी में बूचड़खाने की स्थिति का जायजा लेने तथा उनकी अव्यवस्थाओं के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में रिट दायर करने हेतु आमंत्रित किया था और जब उन्होंने बूचड़खाने के अंदर जानवरों की क्रूरता पूर्वक हत्या का नजारा देखा तो वे इतने विचलित हुए कि उन्होंने उसी दिन से मांसाहार त्याग दिया। मेहता ने अपील की कि मानव को पर्यावरण के महत्व को समझते हुए उसके संरक्षण के लिए आगे आना होगाए क्योंकि यह जिम्मेदारी केवल सरकार के भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती।
कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री ने शाकाहार की मजबूत पैरवी करते हुए कहा कि संसार में अनेक पर्यावरणीय समस्याओं के लिए मांसाहार दोषी है। प्रोफ़ेसर शास्त्री ने कहा कि ईश्वर ने मनुष्य को बुद्धि एवं विवेक दिया है परंतु वह अपनी बुद्धि का दुरुपयोग कर रहा है। मानव अपनी बुद्धि को पर्यावरण व वन्य जीवों के संरक्षण में ने लगाकर उनके संहार में लगा रहा हैए जिसका नतीजा यह है कि आज वन्यजीवों की अनेक प्रजातियां संकटग्रस्त हो गई है तथा अनेक विलुप्ति की कगार पर खड़ी है। प्रोफसर शास्त्री ने अपील की कि मानव को मांसाहार का त्याग जल्द से जल्द करन होगा तभी हम सही अर्थों में अपनी प्रकृतिए पर्यावरण एवं वन्य जीवो को बचा सकते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर बी डी जोशी ने उत्तराखण्ड को केंद्रित करते हुए वन्यजीव संरक्षण पर अपने विचार रखें। उन्होंने युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ मानते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी पर्यावरण के अर्थ एवं उसके महत्व का समुचित ज्ञान रखती हैए केवल उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है। प्रोफ़ेसर जोशी ने उत्तराखंड में हो रहे पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पलायन व्यक्ति को आर्थिक एवं भावनात्मक दोनो प्रकार की हानि पहुँचता है। उन्होंने मानव वन्यजीव संघर्ष पर चर्चा करते हुए कहा कि मानव को प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने की नितांत आवश्यकता है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर सुनील कुमार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय की प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने जानकारी दी कि गुरुकुल विश्वविद्यालय निरंतर अध्ययनए अध्यापन एवं शोध की दिशा में अग्रसर है तथा पर्यावरण एवं समाज के हित के लिए संकल्पबद्ध है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर देवेंद्र मलिक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्य अतिथि एम् सी मेहता के पर्यावरण के क्षेत्र में किये गए महत्वपूर्ण योगदान से अवगत कराया।
प्रकृति रक्षति रक्षिता का सन्देश देते हुए कार्यक्रम के आयोजक एवं अंतरराष्ट्रीय पक्षी वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर दिनेश भट्ट ने बताया कि जब मानव में विज्ञान एवं अध्यात्म की समझ विकसित होती है तो वह सद्भाव के साथ बिना किसी द्वेषए भेदभाव और बैर के जीवन जीना सीख जाता है। प्रोफेसर भट्ट ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् द्वारा अनुदानित यह जागरूकता कार्यक्रम 4 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के मध्य चलेगा। इस कार्यक्रम में निबंध लेखनए चित्रकलाए संभाषणए शार्ट वीडियो मेकिंगए वन्य प्राणी फोटोग्राफी जैसे अनेक कंपटीशन का आयोजन किया जायेगा तथा विजेता प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट एवं पुरस्कार दिए जाएंगे। पुरस्कारों की घोषणा इस अवेयरनेस ड्राइव के समापन सत्र में दिनांक 8 अक्टूबर 2021 को होगी। प्रोफेसर भट्ट ने बताया कि इस अवेयरनेस ड्राइव में ष्एक्सपर्ट टॉक्सष् का भी आयोजन किया जायेगाए जिसमें डेनमार्कए पोलैण्ड सहित देश.विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों के एक्सपर्ट्स सम्बंधित विषयों पर व्याख्यान देंगे। डॉ नितिन काम्बोज ने अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा मंच संचालन डॉ राकेश भटियानी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में प्रोफ़ेसर एलपी पुरोहितए प्रोफेसर पी पी पाठकए प्रोफेसर ब्रह्मदेवए प्रोफेसर पुरुषोत्तम कौशिकए प्रोफेसर सत्येंद्र राजपूत डॉ गगन माटा डॉ विनोद कुमार डॉ नितिन भारद्वाज डॉक्टर पवन डॉक्टर एम् एम् तिवारीए डॉक्टर हेमवतीए डॉक्टर मोहर सिंह मीणाए डॉ विनय कुमार सेठीए प्राचार्या हेमा पटेलए हेंड्स फॉउंडेशन के अध्यक्ष आदित्य शिवपुरी उपस्थित रहे
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