“सीएफजीडी की अगुवाई में अधिशासी अभियंता का घेराव किया”
देहरादून, फुटओवर ब्रिज बनाने के नाम पर राष्ट्रपति एस्टेट के बाहर पेड़ काटे जाने के खिलाफ बुधवार को सिटीजन फॉर ग्रीन दून और अन्य संगठनों ने कचहरी के पास पीडब्ल्यूडी ऑफिस में प्रदर्शन किया और अधिशासी अभियंता का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकारी विभाग पेड़ काटने पर उसके बदले पेड़ काटने की बात कहते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में देहरादून में हजारों पेड़ काट दिये गये हैं और एक भी पेड़ नहीं लगाया गया।
प्रदर्शनकारी सुबह पीडब्ल्यूडी ऑफिस पहुंचे और पेड़ काटे जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। डॉ. रवि चोपड़ा, कमला पंत, हिमांशु अरोड़ा, इरा चौहान, जगमोहन मेहंदीरत्ता, विजय भट्ट, त्रिलोचन भट्ट आदि ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति एस्टेट के एक भी पेड़ न काटे जाने की मांग काफी समय से नागरिक संगठनों की ओर से की जा रही थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। अब एस्टेट के बाहर में फुट ओवर ब्रिज के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं।
वक्ताओं ने कहा कि ऐसे दौर में जब कि पूरा हिमालय क्षेत्र ग्लोबल वार्मिंग से सबसे ज्यादा प्रभावित है, देहरादून में लगातार गर्मी बढ़ रही है, हरियाली लगातार कम हो रही है, इसके बावजूद लगातार विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं। यदि सरकार इसे विकास कहती है तो देहरादून के लोगों को ऐसा विकास नहीं चाहिए। यह शहर हम सबका है, किसी सरकार अथवा किसी अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वे शहर के लोगों को पूछे बिना पेड़ काटें और हरियाली खत्म करें। यह सिर्फ सांकेतिक प्रदर्शन है, यदि अब भी पेड़ काटने का सिलसिला जारी रहा तो देहरादून के हजारों लोग सड़कों पर उतर आएंगे।
प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने आये अधिशासी अभियंता जितेन्द्र त्रिपाठी बाहर आये तो उनका घेराव कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने पूछा कि बार बार पेड़ काटने के बदले पेड़ लगाने की बात कही जाती है, अधिकारी शहर में एक भी ऐसा पेड़ बताएं, जो काटे गये पेड़ के बदले लगाया गया हो, जबकि हाल के वर्षों में लगाया गया हो। डॉ. रवि चोपड़ा सहस्रधारा रोड पर काटे गये पेड़ों को मामला उठाया और कहा कि वहां के पेड़ उन लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए काटे गये, जो पहले इस क्षेत्र में चूना भट्ठा चलाते थे। इस क्षेत्र में उनकी बड़ी-बड़ी जमीनें हैं, उस जमीन में मॉल और होटल खोले जा सकें, इसलिए पेड़ काटकर सड़क चौड़ी की गई।
अधिशासी अभियंता और प्रदर्शनकारियों के बीच देर तक तीखी बहस हुई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि देहरादून में एक भी पेड़ शहर के लोगों को पूछे बिना एक भी पेड़ काटा गया तो इसका नतीजा ठीक नहीं होगा। अधिशासी अभियंता ने आश्वासन दिया कि अब से कोई भी ऐसी योजना बनानी हो, जिसमें पेड़ काटने पड़ें तो शहर के लोगों से जरूर बात की जाएगी।
प्रदर्शन में नन्द नंदन पांडेय, परमजीत सिंह, निर्मला बिष्ट, प्रो. राघवेन्द्र, इंद्रेश नौटियाल, रुचि सिंह, अनंत आकाश आदि भी मौजूद थे।
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