Sunday, December 22, 2024
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देश भर के संस्कृत विद्वानो ने किया संस्कृत भाषा की भूमिका पर चिन्तन

हरिद्वार ( कुलभूषण) भारत सरकार की केंद्रीय भारतीय भाषा समिति द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन नई दिल्ली आईआईटी के विश्वकर्मा भवन में किया गया। कार्यशाला में देशभर के अनेक संस्कृत विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भाग लिया। भारतीय भाषाओं पर विमर्श की शुरुआत केंद्रीय भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमू कृष्ण शास्त्री ने की। उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं के विकास में संस्कृत भाषा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हैएसभी भाषाओं में प्राय 70 प्रतिशत समावेश संस्कृत का होने के बावजूद भी भाषाओं के माध्यम से संस्कृत की उपेक्षा हो रही है। राजभाषा में संस्कृत का प्रभाव कैसे सुरक्षित रहे इस पर चिंतन की आवश्यकता है।
केंद्रीय भारतीय भाषा समिति की बैठक से लौटे उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेशचंद्र शास्त्री ने बताया कि भारतीय भाषा समिति की कार्ययोजना के साथ इस परिप्रेक्ष्य में देशभर के संस्कृत विश्वविद्यालयों संस्कृत भारती के सहयोग से कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणालियों के संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने का यह उचित समय है।भारतीय भाषाओं के विकास में संस्कृत भाषा की क्या भूमिका निर्धारित हो इस पर गंभीरता से कार्यशाला में चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा नए शब्दों का इस्तेमाल मीडिया जगत में प्राय होता है इसके लिए एक शब्दावली तैयार हो। जिससे कि विश्वविद्यालयों में मीडिया पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले रहे मीडिया के प्रशिक्षु छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। डिजीटल शिक्षा एवं चुनौतियाँ पर भी विस्तार से विमर्श हुआ।

 

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