रुद्रप्रयाग-स्मारिका किसी भी कार्यक्रम के क्रिया कलापों का लेखा जोखा होती है आने वाले समय. में ऐसे कार्यक्रमों को करने में ये लिखित दस्तावेज सहायक सिद्ध होते है। ये बात आज दशज्यूला क्षेत्र के महड़ गॉव में छः माह पूर्व संम्पन्न हुई चण्डिका दिवारा बन्याथ की स्मारिका विमोचन व फर्श प्रत्यावर्तन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पंहुचे केदारनाथ के पूर्व मनोज रावत ने कही।
आज दशज्यूला क्षेत्र के महड़ गॉव मे चण्डिका बन्याथ के छः महीने बाद तीन दिवसीय फर्श प्रत्यपर्ण धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ विधिविधान से किया गया। इस अवसर पर चण्डिका दिवारा बन्याथ स्मारिका का भी मंदिर प्रांग में विमोचन किया गया।
दिवारा बन्याथ समिति के अध्यक्ष धीर सिंह विष्ट ने बताया कि 90 साल पूर्व हुये बन्याथ कार्यक्रम के कोई लिखित दस्तावेज प्राप्त न होने से पंरम्पराओ के निर्वहन व दिवारा के क्रियाकलापों को सम्पन्न करने में कुछ कठनाइयां सामने जरूर आई लेकिन जनता जनार्दन व क्षेत्र के सभी ग्रामीणों के सहयोग से भब्य दिवारा बन्याथ सम्पन्न हुई। समिति के संरक्षक हीरा सिहं नेगी ने सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुये दिवारा बन्याथ के सफल आयोजन के लिये समस्त क्षेत्रवासियों का आभार ब्यक्त किया। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष धीर सिंह विष्ट व ममहांत्री देवेन्द्र जग्गी
ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुये स्मृति चिन्ह भेट किया। तीन दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन कल जल कलश यात्रा का आयोजन होगा। इस अवसर पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह विष्ट, ललिता प्रसाद कांडपाल, ब्रह्म गुरु हरिबल्लभ सती, दिवारा समिति के कोषाध्यक्ष राय सिंह रावत, जगदीश सिंह भंडारी, भजन सिंह खत्री, राजपाल सिंह नेगी, मानवेंद्र नेगी, प्रह्ललाद सिंह रावत, सहित सैकड़ो श्रद्धालु मौजूद थे।
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