Monday, May 20, 2024
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परिवर्तन के दौर में भारत के पास नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के लिए उपयोगी साबित होगी : PM नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली, ।  शिक्षक पर्व के पहले सम्मेलन को संबोधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया और उन्होंने भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोश (श्रवण बाधितो के लिए ऑडियो और पाठ आधारित सांकेतिक ऑडियो किताबें) सीबीएसई की स्कूल गुणवत्ता आश्वासन आकलन रूपरेखा निपुण भारत के लिए निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और विद्यांजलि पोर्टल का शुभारंभ किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई दी उन्होंने कठिन समय में देश के छात्रों के भविष्य के प्रति शिक्षकों के योगदान की सराहना की उन्होंने कहा कि शिक्षक पर्व के अवसर पर कई नई योजनाएं शुरू की गई है। देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और आजादी के 100 साल बाद भारत कैसा होगा इसके लिए नए संकल्प ले रहा है। महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों, शिक्षकों और पूछने समुदाय की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कठिन समय का मुकाबला करने के लिए विकसित की गई क्षमताओं को और आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि हम परिवर्तन के दौर में हैं तो सौभाग्य से हमारे पास आधुनिक और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जनभागीदारी फिर से भारत का राष्ट्रीय पहचान बनती जा रही है। पिछले छह 7 वर्षों में जनभागीदारी के सामर्थ्य के कारण ही भारत में बहुत ऐसे कार्य हुए जिनकी पहले कल्पना करना भी कठिन लगता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी देश की प्रगति के लिए शिक्षा न केवल समावेशी होना चाहिए बल्कि समान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेशनल डिजिटल आर्किटेक्चर अर्थात एन  डियर शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे आधुनिक बनाने में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है देश में टॉकिंग बुक और ऑडियोबुक जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बनाया जा रहा है। भारत के शिक्षक ना केवल किसी वैवाहिक मानक पर खरे उतरे हैं बल्कि उनके पास अपनी विशेष पूंजी भी होती है। उनकी यह विशेष पूंजी विशेष शक्ति उनके भीतर भारतीय संस्कार है।

उड़ विराम महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों शिक्षकों और पूरे शैक्षणिक समुदाय की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कठिन समय का मुकाबला करने के लिए विकसित की गई क्षमताओं को और आगे आगे रहा है और आजादी के 100 साल बाद भारत कैसा होगा इसके लिए नए संकल्प दे रहा है

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