देहरादून(आरएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देशन में प्रदेश में मादक पदार्थों के डिस्पोजल हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड की उपस्थिति में औषधि व्यनन समिति के अध्यक्ष आई०जी० गढ़वाल की रिपोर्ट के आधार पर नारकोटिक्स पदार्थों के व्यनन हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए उपस्थित अधिकारियों को नशा मुक्ति देवभूमि की परिकल्पना को साकार करने के लिए और अधिक प्रभावी तरीके से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
उत्तराखंड पुलिस नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री के खिलाफ राज्य, जनपद, और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स गठित की गई है। पुलिस द्वारा विशेष नशामुक्त अभियान चलाकर अपराधियों पर कार्रवाई के साथ-साथ जनजागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इस वर्ष 11 जनवरी को आयोजित सम्मेलन में 11 से 25 जनवरी तक नशा निपटान पखवाड़ा आरंभ किया गया। उत्तराखंड में मा. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गढ़वाल और कुमाऊं रेंज में मादक पदार्थ निपटान की कार्रवाई की जा रही है।
मादक पदार्थों के निस्तारण का मुख्य उद्देश्य समाज को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और नशामुक्ति को बढ़ावा देना है। उत्तराखंड पुलिस द्वारा मादक पदार्थो के विरुद्ध की गयी कार्यवाही के दौरान कुमांऊ मंडल में वर्ष में 2022- ₹1 करोड़ 15 लाख 88 हजार 150 मूल्य की 252.934 किग्रा ड्रग्स, वर्ष 2023 में ₹6 करोड़ 82 लाख 18 हजार 315 मूल्य की 610.80 किग्रा ड्रग्स तथा वर्ष 2024 में ₹5 करोड़ 43 लाख 33 हजार 25 मूल्य की 56.201 किग्रा ड्रग्स व 150 नशीली गोलियां जब्त की गई। जबकि गढ़वाल रेंज में वर्ष 2022 में ₹2 करोड़ 74 लाख 32 हजार 490 मूल्य की 605.628 किग्रा ड्रग्स, जब्त की गई।
वर्ष 2024-25 में औषधि व्ययन समिति द्वारा 496 अभियोगों में 501 अभियुक्तों से ₹ 6 करोड, 22 लाख, 90 हजार 928 मूल्य की 934.323 किलोग्राम ड्रग्स बरामद कर निस्तारण हेतु चिन्हित किया गया है। निरीक्षण के बाद इसे मेडिकल पॉल्यूशन कमेटी, रूड़की, हरिद्वार भेजा जाएगा।
पुलिस महानिदेशक द्वारा बताया गया कि वर्ष 2022 से 2025 तक उत्तराखण्ड में कुल 886 मामलों में 907 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए, जिनसे 2459 कि.ग्रा. मादक पदार्थ बरामद हुए, जिसकी अनुमानित कीमत ₹ 22 करोड़ 38 लाख 62 हजार 908 रुपए है।
मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 के तहत 5 अपराधियों पर कार्रवाई की गई, जबकि 8 अन्य के खिलाफ प्रक्रिया जारी है। वाणिज्यिक मात्रा के मामलों में 10 अभियोगों की वित्तीय विवेचना कर, मादक पदार्थों से अर्जित ₹3 करोड़ से अधिक की संपत्ति सीज/फ्रीज करने की कार्रवाई हेतु प्रकरण भेजे गए।
उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में और जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित एन्कोर्ड समितियों की नियमित बैठक नशे की रोकथाम के लिए कार्ययोजना तैयार करने हेतु आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों में राज्य और जिला स्तर के सभी हितधारक विभाग शामिल होते हैं। कुछ बैठकों की अध्यक्षता स्वयं माननीय मुख्यमंत्री ने की है, और उनके निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है।
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